46 वर्षीय सौरव गांगुली चार साल से एडमिनिस्ट्रेटर हैं और बीसीसीआई अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ सकते हैं.
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नई दिल्ली: टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अगले अध्यक्ष हो सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में लोढ़ा कमेटी की बहुत-सी सिफारिशों को दरकिनार करके संविधान का नया ड्राफ्ट स्वीकार कर लिया है. यह बदलाव गांगुली को बीसीसीआई के प्रमुख पद तक पहुंचा सकता है. अधिकांश वर्तमान और पूर्व अधिकारी बीसीसीआई के अध्यक्ष पद के लिए, कूलिंग ऑफ पीरियड के चलते अयोग्य हो गए हैं. सौरव गांगुली क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल के अध्यक्ष पद के तीसरे टर्म में हैं.
इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक, सूत्रों के अनुसार सौरव गांगुली इकलौते शख्स हैं, जो बीसीसीई के अध्यक्ष पद पर पहुंच सकते हैं. हालांकि, भारत के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन जजों की खंडपीठ ने आफिस पदाधिकारियों के लिए कूलिंग आफ क्लास में कुछ ढील दे दी है, लेकिन इसके बावजूद कार्यावायर अध्यक्ष सीके खन्ना, कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी और खजांजी अनिरुद्ध चौधरी अगले बोर्ड चुनावों में अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.
आईपीएल गवर्निंग काउंसिल के चेयरमैन राजीव शुक्ला और पूर्व बीसीसीआई प्रेजिडेंट अनुराग ठाकुर भी अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. ये दोनों अपने अपने राज्यों में 9 साल ऑफिस संभाल चुके हैं. भारतीय बोर्ड की नजर सौरव गांगुली पर है, जो बीसीसीआई की छवि का मेकओवर कर सकते हैं. बता दें कि बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष जगमोहन डालमिया के करीबी रहे सौरव गांगुली बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन के साथ अपने तीसरे कार्यकाल में काम कर रहे हैं.
46 वर्षीय सौरव गांगुली चार साल से एडमिनिस्ट्रेटर हैं और बीसीसीआई अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ सकते हैं. बीसीसीआई के नए संविधान के अनुसार अध्यक्ष पद के लिए जोनल रोटेशन पॉलिसी नहीं होगी. स्टेट एसोसिएशन का कोई भी प्रतिनिधि अपना उम्मीदवार खड़ा कर सकता है, बस उसे किसी दूसरे का समर्थन मिलना चाहिए. यदि गांगुली बीसीसीआई के प्रेजिडेंट बन जाते हैं तो उन्हें दो साल बाद इस्तीफा देना होगा क्योंकि वह छह साल का समय पूरा कर चुके होंगे. बोर्ड के सदस्यों का मानना है कि गांगुली की अध्यक्षता में (चाहे दो साल के लिए ही सही) प्रबंधन में स्थायित्व आएगा.
इस साल के शुरू में एक इंटरव्यू में सौरव गांगुली ने कहा था, खिलाड़ी अच्छे प्रशासक हो सकते हैं. लेकिन देखना यह होगा कि वह इसके लिए कितना समय देते हैं. मुझे यह भी लगता है कि नॉन प्लेयर्स भी अच्छे एडमिनिस्ट्रेटर हो सकते हैं. दरअसल, इसमें एक संतुलन की जरूरत है.