गेंदबाजी के दौरान एमएस धोनी विकेट के पीछे से लगातार कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल को लगातार चिल्ला-चिल्ला कर निर्देश दे रहे थे.
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नई दिल्ली : क्रिकेट इतिहास में यकीनन महेंद्र सिंह धोनी सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर हैं. विकेट के पीछे उनकी सजगता और तेजी ऐसा गुण है जो किसी क्रिकेट बुक में नहीं मिलता. जब वह विकेट के पीछ होते हैं तो विरोधी बल्लेबाज के लिए खेलना बेहद मुश्किल हो जाता है. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले वन डे में टीम इंडिया आसानी से जीत गई. बेशक कप्तान कोहली हैं, लेकिन धोनी लगातार फील्डरों और गेंदबाजों को निर्देश देते रहते हैं. धोनी वर्चुअल कप्तान दिखाई पड़ते हैं. इस मैच में जब 5 विकेट के नुकसान पर भारत का स्कोर 87 रन था. उस वक्त धोनी (79) ने हार्दिक पांड्या (83) के साथ मिलकर टीम की कमान संभाली और टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई.
बारिश के कारण बाधित हुए इस मैच में ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए 21 ओवरों में 164 रन बनाने थे.ऑस्ट्रेलिया की बल्लेबाजी की शुरुआत बहुत अच्छी नहीं रही थी, लेकिन ऑलराउंडर मैक्सवेल अच्छी फॉर्म में दिखाई दे रहे थे.
ऐसे में धोनी मैदान पर एक ऐसे शख्स थे, जिन्होंने टीम का लगातार मनोबल बढ़ाया और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करते रहे. गेंदबाजी के दौरान धोनी विकेट के पीछे से लगातार कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल को लगातार चिल्ला-चिल्ला कर निर्देश दे रहे थे.
कुलदीप यादव को वह लगातार गाइड कर रहे थे कि ऑस्ट्रेलियन ओपनर डेविड वॉर्नर को कैसे गेंदबाजी करनी चाहिए.
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— Star Sports (@StarSportsIndia) September 18, 2017
इसी बीच स्टंप पर लगे माइक में धोनी की आवाज साफ सुनी जा सकती थी. वह कुलदीप और चहल से कह रहे थे, वो मारने वाला डाल ना, अंदर या बाहर कोई भी. वह यह भी कह रहे थे, घुमाने वाला डाल घुमाने वाला....
जब मैक्सवेल ने कुलदीप के एक ओवर में तीन छक्के और 1 चौका मारा तब धोनी खुश नहीं थे. धोनी ने फिर हिदायत दी, स्टंप पे मत डाल...अरे बाहर डाल, इसको इतना आगे नहीं.
अब चहल की बारी थी. धोनी ने उससे कहा, तू भी नहीं सुनता है क्या... ऐसे, ऐसे डालो...चहल ने मैक्सवेल को वाइड गेंद डाली और मैक्सवेल लान्ग ऑन पर कैच आउट हो गए.
इससे पहले भारतीय बल्लेबाजी के दौरान भी हार्दिक पांड्या के मार्गदर्शक के रूप में दिखाई दे रहे थे. टीम जब मुश्किल परिस्थिति में थी, तब धोनी ने 'संकटमोचन' बन कर टीम को न केवल उभारा, बल्कि जीत भी दिलवाई.
हार्दिक पांड्या ने 66 गेंदों में 83 रनों की पारी खेलकर मैच का पासा ही पलट दिया. पहले शांत खेल रहे धोनी ने पांड्या को पूरा मौका दिया और उनके साथ मिलकर छठे विकेट के लिए 118 की साझेदारी की.
हार्दिक पांड्या ने अपनी इस पारी का श्रेय धोनी को ही दिया. उन्होंने बताया कि, किस तरह धोनी से प्रेरणा लेकर वे यह पारी खेल पाए. पांड्या के आउट होने के बाद धोनी ने मैदान संभाला और अपने शानदार चौकों-छक्कों से चेन्नई के मैदान पर छा गए. पिछली 5 पारियों में पहली बार आउट होने से पहले धोनी ने 88 गेदों में बेशकीमती 79 रन बनाए. भुवनेश्वर के साथ सातवें विकेट के लिए 72 रन की साझेदारी की.