Virat Kohli Captaincy Record in Test Cricket: भारतीय क्रिकेट के कप्तानों की चर्चा होती है तो कपिल देव, सौरव गांगुली, महेंद्र सिंह धोनी और रोहित शर्मा का नाम फैंस काफी ज्यादा लेते हैं. कपिल देव ने 1983 वर्ल्ड कप में भारत को चैंपियन बनाया.
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Virat Kohli Captaincy Record in Test Cricket: भारतीय क्रिकेट के कप्तानों की चर्चा होती है तो कपिल देव, सौरव गांगुली, महेंद्र सिंह धोनी और रोहित शर्मा का नाम फैंस काफी ज्यादा लेते हैं. कपिल देव ने 1983 वर्ल्ड कप में भारत को चैंपियन बनाया. उनके बाद गांगुली की कप्तानी में टीम इंडिया 2003 वर्ल्ड कप के फाइनल तक पहुंची. धोनी ने एक नहीं, कई कदम आगे बढ़ते हुए आईसीसी के तीन बड़े खिताब जीत लिए. उन्होंने टी20 वर्ल्ड कप, वनडे वर्ल्ड कप और चैंपियंस ट्रॉफी में भारत को चैंपियन बनाया. इस लिस्ट में रोहित शर्मा का नाम भी जुड़ गया. उन्होंने इस साल देश को टी20 वर्ल्ड कप में विजेता बनाया. इन सबके बीच एक ऐसा कप्तान हैं जो आईसीसी ट्रॉफी तो नहीं जीत पाया, लेकिन टीम को पूरी तरह बदल दिया और क्रिकेट के सबसे बड़े फॉर्मेट में अपनी धाक जमाई. हम बात कर रहे हैं विराट कोहली की.
2014 में बने थे कप्तान
कोहली ने 9 दिसंबर 2014 को पहली बार टेस्ट में भारत की कप्तानी की थी. बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बीच में महेंद्र सिंह धोनी के नहीं होने के कारण कोहली को एडिलेड में कमान मिली. उसके बाद से इस धाकड़ बल्लेबाज ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. उन्होंने टीम को पूरी तरह से बदल दिया. इस दौरान कई रिकार्ड टूटे, मैदान पर टकराव और आक्रामकता देखने को मिली. लंबे प्रारूप का क्रिकेट अपने सर्वश्रेष्ठ रूप में देखने को मिला. कोहली की कप्तानी में भारत ने खेलने के तरीके को बदल दिया. टीम के इस रवैये को काफी पसंद किया गया.
दोनों पारियों में शतक लगाकर किया धमाका
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड ओवल में खेले गए पहले टेस्ट मैच में 25 वर्षीय खिलाड़ी ने पहली बार कप्तान की भूमिका निभाई. धोनी चोट के कारण उपलब्ध नहीं थे. इंग्लैंड के खराब दौरे के बाद आलोचनाओं का सामना कर रहे युवा भारतीय खिलाड़ी को जेम्स एंडरसन और स्टुअर्ट ब्रॉड की शानदार स्विंग के सामने संघर्ष करना पड़ा और पांच टेस्ट मैचों की 10 पारियों में उन्होंने सिर्फ 134 रन बनाए. ऑस्ट्रेलिया पहुंचने पर उन्हें कुछ साबित करना था. पहले टेस्ट में ही विराट को वह मौका मिल गया और उन्होंने मैच की दोनों पारियों में शतक ठोक दिए. उन्होंने 115 और 141 रन की पारियां खेलीं. उन्होंने मैच के अंतिम दिन 364 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए 175 गेंदों में 16 चौकों और एक छक्के की मदद से 141 रन की पारी खेली. यह दर्शाता है कि विराट सिर्फ अपनी इज्जत बचाने और ड्रॉ के बाद हाथ मिलाने से ही खुश नहीं होंगे, बल्कि वह अपनी टीम के लिए जीत हासिल करने का बीड़ा भी उठाएंगे.
कप्तानी का रिकॉर्ड
कोहली की आक्रामकता, जीतने की इच्छा, कभी हार न मानने वाला रवैया उनके बाकी साथियों में भी झलकता है. उन्होंने 2022 में पद छोड़ा. वह 68 टेस्ट में कप्तानी कर चुके थे. उन्होंने 40 जीते, सिर्फ 17 हारे और 11 ड्रॉ रहे. उनकी जीत का प्रतिशत 58.82 था, जो उन्हें भारत के लिए अब तक का सबसे सफल टेस्ट कप्तान बनाता है. विराट कोहली को तीन बार आईसीसी टेस्ट टीम ऑफ द ईयर का कप्तान चुना गया है. वह 2016, 2017 और 2018 में इस टीम के कप्तान चुने गए. कोहली को आईसीसी टेस्ट टीम ऑफ द डिकेड (दशक) का कप्तान भी चुना गया.
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हम आपको कप्तानी में उनके कुछ ऐसे रिकॉर्ड के बारे में यहां बता रहे हैं जहां तक किसी भारतीय कप्तान के लिए पहुंचना काफी मुश्किल होने वाला है. टेस्ट में उनके रिकॉर्ड के आसपास मौजूदा कप्तान रोहित शर्मा भी नहीं हैं.
कप्तानी में कोहली के 12 धांसू रिकॉर्ड
1. सबसे सफल कप्तान: जीत के मामले में विराट भारत के सबसे सफल और ओवरऑल चौथे सबसे सफल टेस्ट कप्तान हैं. उनसे ऊपर साउथ अफ्रीका के ग्रीम स्मिथ (109 मैचों में 53 जीत), ऑस्ट्रेलिया के रिकी पोंटिंग (77 मैचों में 48 जीत) और स्टीव वॉ (57 मैचों में 41 जीत) हैं.
2. सबसे सफल एशियाई कप्तान: विराट ने किसी एशियाई कप्तान के रूप में सबसे अधिक टेस्ट जीते हैं. वह 40 टेस्ट जीतने वाले इकलौते एशियाई कप्तान हैं. उनके बाद दूसरे नंबर पर महेंद्र सिंह धोनी (27 जीत) और तीसरे नंबर पर पाकिस्तान के मिस्बाह उल हक (26 जीत) हैं. चौथे नंबर पर सौरव गांगुली (21 जीत) हैं.
3. विदेश में रिकॉर्ड: उनकी कप्तानी में भारत ने 36 टेस्ट मैचों में से 16 टेस्ट घर से बाहर जीते. यह भी एक रिकॉर्ड है. वह विदेश में सबसे ज्यादा मैच जीतने वाले भारतीय टेस्ट कप्तान हैं. उनके बाद सौरव गांगुली (11) का नंबर आता है.
4. SENA देशों में बेस्ट: साउथ अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया (SENA) देशों में विराट ने अपने 23 टेस्ट मैचों में से सात जीते, 13 हारे और सिर्फ तीन ड्रॉ रहे. भारत के लिए यह भी एक रिकॉर्ड है. उनके बाद दूसरे नंबर पर धोनी (3 जीत) हैं. अगर गांगुली ने भारत को विदेशी परिस्थितियों में बेहतर तरीके से लड़ना सिखाया था, तो विराट ने इसे एक कदम आगे बढ़ाया.
5. एशिया के बाहर नंबर-1: एशिया के बाहर सबसे ज्यादा हासिल करने वाले कप्तान विराट कोहली ही हैं. उनकी कैप्टेंसी में टीम इंडिया ने एशिया के बाहर 11 टेस्ट मैच जीते हैं.
6. घर में भी टॉप पर: विराट घरेलू मैदान पर भी सबसे ज्यादा जीत हासिल करने वाले भारतीय कप्तान हैं. उनके रहते टीम इंडिया को 24 जीत मिली.
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7. सबसे सफल एशियाई कप्तान: वह एशिया में सबसे ज्यादा टेस्ट मैच जीतने वाले एशियाई कप्तान भी हैं. उनके रहते भारत को 29 मैचों में जीत मिली.
8. घर में नहीं हारे: विराट अपनी कप्तानी भी में घरेलू मैदान पर कभी टेस्ट सीरीज में नहीं हारे. उनके रहते भारत ने 11 सीरीज में हिस्सा लिया. 10 में जीत मिली और एक ड्रॉ पर छूटी थी.
9: टेस्ट सीरीज का रिकॉर्ड: विराट ने कुल 25 टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम की कप्तानी की और इनमें से 15 में जीत हासिल की थी.
10. बतौर कप्तान सबसे ज्यादा रन: विराट टेस्ट में बतौर कप्तान सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में भारत में पहले और दुनिया में चौथे स्थान पर हैं. उन्होंने कप्तान रहते हुए 68 टेस्ट मैचों की 113 पारियों में 54.80 की औसत से 5864 रन बनाए. इस दौरान 20 शतक और 18 अर्धशतक लगाए. बतौर कप्तान उनसे ज्यादा रन साउथ अफ्रीका के ग्रीम स्मिथ (109 टेस्ट में 8659 रन), ऑस्ट्रेलिया के एलन बॉर्डर (93 टेस्ट में 6623 रन) और रिकी पोंटिंग (77 टेस्ट में 6542 रन) ने बनाए हैं.
11. विदेशों में हिट: विराट के लगभग आधे रन विदेशी परिस्थितियों में आए हैं. उन्होंने विदेश में 36 टेस्ट मैचों में 46.77 की औसत से 2900 रन बना. यह कप्तान के रूप में विदेशी मैदान पर किसी भारतीय बल्लेबाज का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है.
12. SENA देशों में सुपरहिट: SENA देशों में भी विराट ने कप्तान और बल्लेबाज के रूप में भारत के लिए सबसे ज्यादा रन बनाए हैं. उन्होंने 23 टेस्ट मैचों में 47.84 की औसत से 2105 रन बनाए. उनके नाम सात शतक और नौ अर्द्धशतक हैं.