स्टीव स्मिथ के हाथों से राजस्थान रॉयल्स की कप्तानी अजिंक्य रहाणे के पास चली गई है. उनके लिए अपनी नई जिम्मेदारी के साथ न्याय कर पाना काफी चुनौतीपूर्ण होगा.
Trending Photos
नई दिल्ली : बॉल टेम्परिंग विवाद के चलते जहां ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव स्मिथ अपनी टीम की कप्तानी से तो हाथ धो ही बैठे, वहीं आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स की कप्तानी भी उन्होंने खुद ही छोड़ दी. ऐसे में अब राजस्थान रॉयल्स की कमान अजिंक्य रहाणे को सौंपी जा रही है. अजिंक्य रहाणे काफी प्रतिभाशाली खिलाड़ी माने जाते हैं लेकिन कप्तानी में बेशक वे स्टीव स्मिथ की बराबरी नहीं कर पाएंगे. ऐसे में अपनी नई जिम्मेदारी के साथ न्याय कर पाना काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है उनके लिए.
पहले स्मिथ की बात करें तो बॉल टेम्परिंग का मामला कोई नया नहीं हैं न ही कोई बहुत ही असामान्य बात. लेकिन जिस तरह से स्मिथ ने इस बात को स्वीकारा कि बॉल टेम्परिंग की योजना ड्रेसिंग रूम में बनी और उसमें शीर्ष नेतृत्व की भागीदारी थी. इससे क्रिकेट जगत में तूफान आ गया. सारी दुनिया में ऑस्ट्रेलियाई टीम की थू थू होने लगी. यहां तक ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री तक ने इस मामले में संज्ञान ले लिया. सारी दुनिया से क्रिकेटर्स की आलोचना आने लगी.
स्मिथ और उनके साथियों की सजा क्या हो यह तो चर्चा का विषय था ही, आईसीसी के सजा तय करने के बाद एक नई बहस ने जन्म ले लिया कि आखिर ऐसे मामले में सजा कितनी और किस किस की होनी चाहिए. यह बहस तय थी क्योंकि मामला ही अपनी तरह का पहला ही था. क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया अभी मामले की जांच ही कर रहा है. उसका फैसला भी विवादित होना तय माना जा रहा है. .
‘हमने ऐसे क्रिकेटरों की टीम भेजी जिनकी जेब धन, टेप और पिच की गंदगी से भरी थी’
इन सबके बीच भारत के आईपीएल की बात करें तो अजिंक्य रहाणे का कप्तान बनना उनके लिए काफी चुनौती पूर्ण होगा. इसमें सबसे बड़ी चुनौती पेश कर रहा है रहाणे का बतौर कप्तान कम अनुभव. अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि रहाणे खुद को बतौर कप्तान साबित नहीं कर पाए हैं क्योंकि उन्हें मौके कम ही मिले हैं अभी तक टी20 क्रिकेट की बात की जाए तो रहाणे का रिकॉर्ड अच्छा नहीं है. उन्होंने आईपीएल के मैचों को मिला कर चार मैचों में कप्तानी की है और उनमें से केवल एक ही में जीत हासिल की है और बाकी तीन मैच हारे हैं. वहीं अगर लिस्ट ए क्रिकेट की बात की जाए तो रहाणे ने यहां भी चार मैचों में कप्तानी की है लेकिन तीन में जीत हासिल की और एक मैच हारा है. लेकिन किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए ये कम मैचों का रिकॉर्ड कहा जाएगा.
बढ़िया लीडर साबित होंगे रहाणे
लेकिन फिर क्या आधार है रहाणे के चुनाव का. राजस्थान रॉयल्स के क्रिकेट मुखिया ने कहा कि रहाणे लंबे समय से टीम का हिस्सा हैं और उन्हें टीम की संस्कृति और मूल्यों के बारे में पूरी जानकारी है. हमें पूरी उम्मीद है कि वे एक बढ़िया लीडर साबित होंगे.
बॉल टेम्परिंग मामले पर बोले क्लार्क, फिर से कप्तान बनने को हैं ‘तैयार’
अगर इतिहास को देखें तो राजस्थान रायल्स कभी बढ़िया कप्तान का मोहताज नहीं रहा. पहले सीजन में ऑस्ट्रेलिया के शेनवार्न कप्तान होने के साथ मेंटर थे और उन्होंने अपनी युवा टीम के साथ ही राजस्थान रॉयल्स को पहले आईपीएल का विजेता बनाया था. इसके बाद से वे ही टीम के मेंटर रहे हैं और सारी योजनाओं में उनका खासा दखल होता है. बताया जा रहा है कि स्टीव स्मिथ को भी उन्होंने ही कप्तान के रूप में चुनने में खास ध्यान लगाया था. ताकि इस आईपीएल के दौरान कप्तान और उनके बीच तालमेल सरल हो. रहाणे की बात करें तो उनके लिए वार्न से तालमेल बिठाना कोई भी मुश्किल काम नहीं होगा. क्योंकि वे पहले से ही वार्न के साथ जुड़े हैं.
रहाणे के लिए एक और चुनौती पूर्ण काम रहेगा टीम के दिग्गजों के बीच का तालमेल बिठाना. हालांकि ये नामुमकिन नहीं है लेकिन अनुभव की कमी के कारण यह काम रहाणे के लिए कठिन हो सकता है. रहाणे के पक्ष में यह बात जा सकती है कि विदेशी दिग्गज खिलाड़ी प्रोफेशनल तरीके से ही खेलते हैं जो रहाणे की राह आसान कर सकती है.
बॉल टेम्परिंग मामले में हरभजन ने कसा तंज, ‘वाह ICC, वाह!’
पिछले कुछ सालों से जिस तरह सितारों का उदय और अस्त हुआ है. आईपीएल मालिक भी इस बात को समझने लगे हैं कि पहले से तय नहीं किया जा सकता कि कौन सा खिलाड़ी किस मैच में बढ़िया प्रदर्शन करेगा ही. यह बात साल 2018 की आईपीएल नीलामी में साफ दिखाई भी दी थी.
एक बात तो तय है कि रहाणे बतौर खिलाड़ी जिस तरह का टेम्परामेंट रखते हैं, अगर वे कप्तान के तौर पर भी वैसा ही टेम्परामेंट रख पाए, वे काफी सफल साबित हो सकते हैं.
राजस्थान रॉयल्स टीम इस प्रकार है
स्टीव स्मिथ, अजिंक्य रहाणे, बेन स्टोक्स, जयदेव उनादकट, जोस बटलर, राहुल त्रिपाठी, डार्सी शॉर्ट, संजू सैमसन, प्रशांत चोपड़ा, धवल कुलकर्णी, आर्यमान बिड़ला, जोफ्रा आर्चर, बेन लॉफलिन, अनुरीत सिंह, दुश्मान्था चमीरा, जहीर खान, मिधुन एस, अंकित शर्मा, स्टुअर्ट बिन्नी, कृष्णप्पा गौतम, जतिन सक्सेना, श्रेयस गोपाल, महिपाल लोमरोर.