हरमनप्रीत ने मैच के बाद कहा, ''हमने जो भी फैसला किया वह टीम के हित में किया. कई बार यह सही रहता है और कई बार नहीं. इसका खेद नहीं है. हमारी टीम ने पूरे टूर्नामेंट में जिस तरह से बल्लेबाजी की उस पर मुझे गर्व है.''
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नार्थ साउंड (एंटीगा): मिताली राज जैसी अनुभवी खिलाड़ी को अहम मुकाबले से बाहर रखने का फैसले के कारण भले ही भारत को आईसीसी महिला विश्वकप टी-20 सेमीफाइनल में इंग्लैंड से शर्मनाक हार झेलनी पड़ी, लेकिन कप्तान हरमनप्रीत कौर ने कहा कि उन्हें इस फैसले पर कोई खेद नहीं, क्योंकि इसे टीम के हितों को ध्यान में रखकर लिया गया था.भारतीय बल्लेबाज बुरी तरह नाकाम रही और पूरी टीम 112 रन पर सिमट गई. उसके आखिरी आठ विकेट 24 रन के अंदर गिरे. डगआउट में बैठी मायूस मिताली का चेहरा पूरी कहानी कह रहा था. टॉस के समय हरमनप्रीत ने कहा था, ''यह मिताली के चयन की बात नहीं है, यह विजयी संयोजन को बनाए रखना है.''
मिताली राज ने विश्व कप में तीन मैच खेले. उन्होंने टूर्नामेंट में 53.50 की औसत से 107 रन बनाए, जिसमें दो अर्धशतक शामिल हैं. मिताली को बाहर करने के फैसले पर इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन और पूर्व भारतीय बल्लेबाज संजय मांजरेकर ने कमेंट्री करते हुए सवाल उठाए, लेकिन हरमनप्रीत ने अपने निर्णय का बचाव किया.
It’s not a pitch where you can hit through the line and fetch boundaries. Mithali Raj would have been ideal on this pitch. Wrong move by India to drop Mithali. But India still good enough to beat ENG.#ICCWWT20
— Sanjay Manjrekar (@sanjaymanjrekar) November 23, 2018
मैच में मिली हार के बाद संजय मांजरेकर ने मिताली राज को लेकर एक और ट्वीट किया. इस ट्वीट में संजय मांजरेकर ने मिताली को ड्रॉप करना बड़ी गलती बताया.
India paid the price for two mistakes. One in planning, by dropping Mithali on this pitch. The other in execution, by rushing down the pitch to muscle the ball in front of the pitch on a very slow pitch.#ICCWWT20
— Sanjay Manjrekar (@sanjaymanjrekar) November 23, 2018
मैच के बाद हरमनप्रीत ने दी यह सफाई
हरमनप्रीत ने मैच के बाद कहा, ''हमने जो भी फैसला किया वह टीम के हित में किया. कई बार यह सही रहता है और कई बार नहीं. इसका खेद नहीं है. हमारी टीम ने पूरे टूर्नामेंट में जिस तरह से बल्लेबाजी की उस पर मुझे गर्व है.'' मिताली के स्ट्राइक रेट पर हमेशा सवाल उठाए जाते रहे हैं, लेकिन तानिया भाटिया भी तेजी से रन नहीं बना पा रही थी और वेदा कृष्णमूर्ति अच्छी फॉर्म में नहीं चल रही थी और ऐसे में एक अनुभवी बल्लेबाज को बाहर रखना भारत पर भारी पड़ गया.
युवा टीम के लिए सीख है
हरमनप्रीत ने कहा, ''यह हमारे लिए सीख है, क्योंकि हमारी टीम युवा है. कई बार आपको विकेट के हिसाब से अपना खेल बदलना पड़ता है. इंग्लैंड ने वास्तव में अच्छी बल्लेबाजी की तथा विकेट को अच्छी तरह से समझा. लक्ष्य हासिल करना आसान नहीं था और हमारी गेंदबाजों ने भी अच्छी गेंदबाजी की. हम 18वें ओवर तक मैच खींचकर ले गई.'' उन्होंने स्वीकार किया कि बड़े मैचों में मानसिक मजबूती एक मसला है और उनकी युवा टीम को इसमें खुद को बेहतर करना होगा.
हरमनप्रीत ने कहा, ''हमारी टीम युवा है और हमें मानसिक मजबूती पर काम करने की जरूरत है. अगर हम दबाव में खेलना सीख जाएं तो हमें पता चल जाएगा कि ऐसे मैचों में कैसे खेलना है.'' इंग्लैंड की कप्तान हीथर नाइट ने कहा कि वह पावरप्ले के ओवरों में थोड़ा चिंतित थी जब स्मृति मंधाना आक्रामक बल्लेबाजी कर रही थी लेकिन उन्होंने अपनी स्पिनरों क्रिस्टी गोर्डन और सोफी एक्लेस्टोन की तारीफ की जिन्होंने टीम को शानदार वापसी दिलाई.
The moment @englandcricket booked their place in the #WT20 final, and the celebrations that followed! #ENGvIND #WatchThis pic.twitter.com/Ik0T5eKX3C
— ICC World Twenty20 (@WorldT20) November 23, 2018
उन्होंने कहा, ''पावरप्ले में मैच थोड़ा हमारे हाथ से निकलता दिख रहा था लेकिन स्पिनरों ने वास्तव में अच्छी गेंदबाजी की और हमें वापसी दिलायी. क्रिस्टी ने अपने पहले दौर में ही बेजोड़ प्रदर्शन किया. सोफी भी युवा स्पिनर है और पिछले एक साल में उन्होंने दिखाया है कि वह एक अच्छी स्पिनर हैं.''