फीफा विश्व कप : फिर अपनी किस्मत आजमाने उतरेंगे एशियाई देश
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फीफा विश्व कप : फिर अपनी किस्मत आजमाने उतरेंगे एशियाई देश

 इस बार फीफा विश्व कप में हिस्सा लेने वाली इन पांच टीमों दक्षिण कोरिया, ईरान, जापान, साऊदी अरब और ऑस्ट्रेलिया की बात की जाए, तो ग्रुप स्तर पर खेले जाने वाले मैच ही इनके लिए किसी अग्नी परीक्षा से कम नहीं होंगे. 

रूस में 14 जून फुटबॉल के महासमर की शुरुआत (PIC : REUTERS)

नई दिल्ली: एशिया की पांच टीमें-दक्षिण कोरिया, ईरान, जापान, साऊदी अरब और ऑस्ट्रेलिया एक बार फिर फीफा विश्व कप टूर्नामेंट में अपना भाग्य आजमाने उतरेंगी. 1938 में इंडोनेशिया पहली ऐसी एशियाई टीम थी, जिसने फीफा विश्व कप में कदम रखा था. इसके बाद कई एशियाई टीमें इस टूर्नामेंट में उतरीं, लेकिन खिताब तक नहीं पहुंच सकीं. रूस में 14 जून से फीफा विश्व कप टूर्नामेंट की शुरुआत हो रही है और इन पांच एशियाई टीमों को जिन ग्रुपों में शामिल किया गया है, उनमें कई बेहतरीन टीमें शामिल हैं. ऐसे में इनके लिए अंतिम-16 दौर तक पहुंचना भी मुश्किल साबित हो सकता है. 

  1. रूस कर रहा है फीफा वर्ल्ड कप की मेजबानी
  2. रूस के 11 शहरों के 12 स्टेडियम में होंगे मैच 
  3. 15 जुलाई को खेला जाएगा फाइनल मैच

ईरान, जापान, साऊदी अरब और ऑस्ट्रेलिया तथा अन्य एशियाई देशों चीन, इंडोनेशिया, इराक, कुवैत, इजराइल, कतर, उत्तर कोरिया और संयुक्त अरब अमीरात में से कोई भी टीम क्वार्टर फाइनल से आगे नहीं बढ़ पाई. केवल दक्षिण कोरिया ने 2002 में सेमीफाइनल तक का सफर तय किया है. 

ऐसे में इस बार फीफा विश्व कप में हिस्सा लेने वाली इन पांच टीमों दक्षिण कोरिया, ईरान, जापान, साऊदी अरब और ऑस्ट्रेलिया की बात की जाए, तो ग्रुप स्तर पर खेले जाने वाले मैच ही इनके लिए किसी अग्नी परीक्षा से कम नहीं होंगे. 

1. सऊदी अरब

ग्रुप-ए में शामिल सऊदी अरब वर्तमान में फीफा रैंकिंग में 67वें स्थान पर है और उसके साथ ग्रुप में मेजबान रूस (वर्ल्ड नम्बर-66), मिस्र (वल्र्ड नम्बर-46) और उरुग्वे (वर्ल्ड नम्बर-17) जैसे टीमें शामिल हैं. 

इससे साफ जाहिर होता है कि सऊदी अरब का ग्रुप स्तर से निकलना ही मुश्किल होगा. उसका विश्व कप में सबसे शानदार प्रदर्शन 1994 में रहा, जब उसने नॉकआउट दौर में प्रवेश हासिल किया था. 14 जून को मेजबान रूस से होने वाले मुकाबले के साथ ही टीम विश्व कप में अपने अभियान की शुरुआत करेगी. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि नए कोच जुआन एंटोनियो पिज्जी के मार्गदर्शन में टीम कहां तक पहुंच पाती है. 

2. ऑस्ट्रेलिया 

एशिया फुटबॉल कनफेडरेशन ग्रुप में जापान और साऊदी अरब के बाद तीसरे स्थान पर रहने वाली ऑस्ट्रेलिया टीम ने प्लेऑफ में सीरिया और होंडुरास को हराकर विश्व कप में क्वालीफाई किया. विश्व रैंकिंग में 40वें स्थान पर काबिज ऑस्ट्रेलिया ग्रुप-सी में डेनमार्क (वर्ल्ड नम्बर-12), फ्रांस (वर्ल्ड नम्बर-7) और पेरू (वर्ल्ड नम्बर-11) जैसी टीमों के साथ शामिल है. साल 2006 में ऑस्ट्रेलिया को अंतिम-16 दौर में प्रवेश हासिल हुआ था. इसके बाद, 2010 और 2014 में वह ग्रुप स्तर तक ही सीमित रही. 

इस बार नए कोच बर्ट वान मारविजक के साथ उसे क्वार्टर फाइनल में पहुंचने की उम्मीद है, लेकिन इसके लिए उसे पेरू, डेनमार्क और फ्रांस जैसी बाधाओं को पार करना होगा. 16 जून को उसका पहला मुकाबला फ्रांस से होगा. 

3. ईरान

एशिया की सबसे मजबूत टीम मानी जाने वाली ईरान ने फीफा विश्व कप के लिए आसानी से क्वालीफाई कर लिया, लेकिन ग्रुप-बी में उसे मोरक्को, स्पेन और पुर्तगाल जैसी टीमों का सामना करना है. ऐसे में उसके लिए अंतिम-16 दौर तक पहुंचना मुश्किल हो सकता है. 

दोस्ताना मैचों में उसने अल्जीरीया, उजबेकिस्तान और लिथुआनिया जैसी टीमों को हराया है, लेकिन विश्व कप में ग्रुप स्तर के मैचों की बाधा पार करने की बात की जाए, तो ईरान मोरक्को को हराने में सक्षम है लेकिन पुर्तगाल और स्पेन जैसे देशों से पार पाना उसके लिए किसी भी लिहाज से आसान नहीं होगा. 

4. दक्षिण कोरिया 

तेगुक वॉरियर्स के नाम से मशहूर दक्षिण कोरिया की टीम के लिए विश्व कप का सबसे यादगार साल 2002 था, जब उसने सेमीफाइनल तक का रास्ता तय किया था. 

फीफा रैंकिंग में 61वें नंबर पर मौजूद कोरियाई टीम ने इस बार एशियाई क्वालीफीकेशन में बड़ी मुश्किल से आखिरी राउंड में पहुंचकर विश्व कप के लिए क्वालीफाई किया. उसका ग्रुप सबसे मुश्किल है. उसे ग्रुप-एफ में वर्ल्ड नम्बर-1 और मौजूता विजेता जर्मनी, वर्ल्ड नम्बर-15 मेक्सिको और वर्ल्ड नम्बर-23 स्वीडन के साथ रखा गया है. 

कप्तान सोंग हियोंग के रूप में उसके पास बेहतरीन खिलाड़ी है, लेकिन फीफा विश्व कप में केवल एक खिलाड़ी का जादू काम नहीं करता. दोस्ताना मैचों में उसका प्रदर्शन खास नहीं रहा है. 2002 सेमीफाइनल में जर्मनी ने ही उसका रास्ता रोका था और इस बार यह हादसा एक बार फिर संभव हो सकता है. ऐसे में देखा जाए, तो दक्षिण कोरिया को स्वीडन और मेक्सिको के खिलाफ जीत हासिल करनी होगी. 18 जून को स्वीडन के खिलाफ वह विश्व कप अभियान की शुरुआत करेगी. 

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5. जापान 

एशियाई फुटबॉल की पावरहाउस जापानी ने हाल ही में टीम के मुख्य कोच वाहिद हालिलहोदिक को बर्खास्त कर अकिरा निशिनो की टीम की जिम्मेदारी सौंपी है. ऐसे में वह कोच के साथ इतिहास बदलना चाहेगी. ब्लू समुराई नाम से लोकप्रिय यह टीम अंतिम-16 दौर से आगे नहीं बढ़ी है. जापान की टीम के लिए रूस में होने वाला विश्व कर छठा विश्व कप है.

विश्व रैंकिंग में 60वें स्थान पर काबिज जापान को ग्रुप-एच में वर्ल्ड नम्बर-16 कोलंबिया, वर्ल्ड नम्बर-10 पोलैंड और वर्ल्ड नम्बर-28 सेनेगल के साथ रखा गया है. साऊदी अरब को मात देकर विश्व कप का टिकट कटाने वाली जापान को पहला मैच 19 जून को कोलंबिया के खिलाफ खेलना है. 

जापान और कोलंबिया की टीमें 2014 विश्व कप में भी एक साथ एक ही ग्रुप में शामिल थीं. इसमें कोलंबिया ने जापान को 4-1 से हराया था. ऐसे में एक बार फिर दोनों टीमें आमने-सामने होंगी, जिसमें जापान की कोशिश अपनी हार का बदला लेना होगा. इसके अलावा, टीम को पोलैंड और सेनेगल की बाधा से भी पार पाना होगा. 

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