भारत ने भी क्वालीफाई किया था फीफा वर्ल्डकप के लिए, फिर भी नहीं खेल पाया, जाने क्यों
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भारत ने भी क्वालीफाई किया था फीफा वर्ल्डकप के लिए, फिर भी नहीं खेल पाया, जाने क्यों

अगर सोचते हैं कि भारत उस वर्ल्डकप में जूते न होने के कारण नहीं खेला था तो आप अपनी जानकारी दुरुस्त कर लीजिए.

भारत ने भी क्वालीफाई किया था फीफा वर्ल्डकप के लिए, फिर भी नहीं खेल पाया, जाने क्यों

नई दिल्ली : 14 जून से रूस की धरती पर फीफा वर्ल्डकप शुरू होने जा रहा है. दुनिया भर की टीमें इस सबसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के लिए तैयार हैं. हालांकि इस टूर्नामेंट में खेल पाना हर टीम के लिए संभव नहीं हो पाता. चार साल में एक बार होने वाले इस टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के लिए वैसे तो सभी टीमों की हसरत होती है, लेकिन ऐसा होता नहीं है. इस बार ही रूस में 14 जून से 15 जुलाई तक होने वाले इस टूर्नामेंट में 32 टीमें हिस्सा लेंगी.

ऐसे में अगर कोई टीम टूर्नामेंट में क्वालिफाइ करने के बाद भी इस वर्ल्डकप में खेलने से इनकार कर दे तो क्या कहेंगे. लेकिन ऐसा हुआ है. वह भी भारत की फुटबॉल टीम के साथ. 1950 से लेकर 1960 के दरमियान फुटबॉल में भारत की टीम का लोहा हर कोई मानता था. इसी दौरान 1950 में भारतीय फुटबॉल टीम ने फीफा वर्ल्डकप के लिए क्वालिफाई कर लिया. ये वर्ल्डकप ब्राजील में होने वाला था. लेकिन भारत ने इसमें हिस्सा नहीं लिया.

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इस बारे में हमें कई बार ये बताया जाता है कि उस समय भारतीय खिलाड़ियों के पास जूते नहीं थे, इसलिए भारतीय टीम को वर्ल्डकप में हिस्सा नहीं लेने दिया गया. या वह हिस्सा नहीं ले पाई. लेकिन ये पूरा सच नहीं है. 1947 में देश आजाद हुआ. लेकिन 1948 के ओलंपिक खेलों में भारत की फुटबॉल टीम ने शानदार प्रदर्शन किया. उसने उस समय 11वां स्थान हासिल किया. उस ओलंपिक में भारतीय टीम नंगे पैर खेली थी. इस बात ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा था.

इसके बाद बारी आई 1950 फीफा वर्ल्ड कप की. ब्राजील में होने वाले इस वर्ल्डकप के लिए टीम इंडिया ने क्वालिफाइ कर लिया. लेकिन टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लिया. बताया ये जाता है कि तब जूते नहीं होने के कारण टीम हिस्सा नहीं ले पाई. लेकिन ये पूरी तरह सच नहीं है. दरअसल ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन उस समय ब्राजील की यात्रा नहीं करना चाहता था. उस टीम के कप्तान रहे सेलिन मन्ना के अनुसार, जूते न होने की कहानी उन सभी कारणों पर पर्दा डालने की कोशिश थी. जबकि ऐसा नहीं था. दरअसल उस समय फेडरेशन ब्राजील जाने का खर्चा नहीं उठाना चाहता था. इसके अलावा टीम की तैयारी भी पूरी नहीं थी. सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण कारण था उस समय वर्ल्डकप से ज्यादा ओलंपिक खेलों को तरजीह दी जाती थी.

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यही कारण था कि टीम इंडिया ने क्वालिफाइ करने के बावजूद फीफा वर्ल्डकप में हिस्सा नहीं लिया था. टीम इंडिया उस समय एशिया में नंबर वन टीम थी. हालांकि उसके बाद कभी भी टीम इंडिया फीफा वर्ल्डकप के लिए क्वालिफाइ नहीं कर पाई. हालांकि 1960 तक उसका प्रदर्शन अच्छा रहा. लेकिन उसके बाद टीम की परफॉर्मेंस खराब होती गई. इस समय टीम इंडिया दुनिया में 97 नंबर की टीम है. 1966 में वह सबसे अच्छी 94 नंबर की रैंकिंग पर थी. हालांकि 2015 से तुलना करें तो टीम इंडिया की हालात काफी बेहतर है. उस समय टीम की रैंकिंग 175वें नंबर की थी.

1956 ओलंपिक में मिला था चौथा स्थान
फीफा में भले 1950 के बाद टीम इंडिया नहीं लौट पाई हो, लेकिन 1956 ओलंपिक में टीम इंडिया सेमीफाइनल में पहुंची थी. हालांकि ब्रॉन्ज मेडल के लिए हुए मैच में वह बुल्गारिया से हार गई थी. लेकिन वह इसमें चौथे नंबर पर रही. टीम इंडिया की ओर से नेविले डिसूजा ने क्वार्टरफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हैट्रिक लगाई थी. वह फुटबॉल में एशिया के पहले खिलाड़ी थे, जिन्होंने हैट्रिक जमाई.

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