इस खास क्लब में शामिल हुए कप्तान रहाणे, विराट भी नहीं कर पाए थे ये कारनामा
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इस खास क्लब में शामिल हुए कप्तान रहाणे, विराट भी नहीं कर पाए थे ये कारनामा

टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली के चोटिल होने की वजह से अजिंक्य रहाणे को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे और अंतिम टेस्ट मैच में टीम की अगुवाई करने का मौका मिला. इस तरह से वह भारत के 33वें टेस्ट कप्तान बन गए. बता दें कि इससे पहले रहाणे ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में कप्तानी नहीं की थी.रहाणे की कप्तानी में टीम इंडिया ने आठ विकेट से मैच जीतकर इस सीरीज को 2-1 से अपने नाम कर लिया. 

अपने पहले ही टेस्ट में कप्तानी करते हुए मैच जीतने वाले नौवें कप्तान (PIC :BCCI)

नई दिल्ली : टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली के चोटिल होने की वजह से अजिंक्य रहाणे को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे और अंतिम टेस्ट मैच में टीम की अगुवाई करने का मौका मिला. इस तरह से वह भारत के 33वें टेस्ट कप्तान बन गए. बता दें कि इससे पहले रहाणे ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में कप्तानी नहीं की थी.रहाणे की कप्तानी में टीम इंडिया ने आठ विकेट से मैच जीतकर इस सीरीज को 2-1 से अपने नाम कर लिया. 

रहाणे की कप्तानी में धर्मशाला मैच जीतने के साथ ही उन्होंने अपने नाम एक रिकार्ड कर लिया है, जिसे विराट कोहली भी नहीं बना पाए. दरअसल, अपने पहले ही टेस्ट में कप्तानी करते हुए अजिंक्य रहाणे एक खास क्लब में शामिल हो गए हैं. रहाणे भारत के ऐसे नौवें कप्तान बन गए हैं, जिन्होंने अपनी कप्तानी के पहले ही टेस्ट मैच में जीत हासिल की है. 

रहाणे से पहले भारत के ऐसे नौ कप्तान हैं, जो ये रिकॉर्ड बना चुके हैं. साथ ही वे मुंबई के पांचवें ऐसे कप्तान बन गए हैं, जिन्होंने टीम इंडिया को अपनी कप्तानी में पहला ही टेस्ट मैच जिताया है. पॉली उमरीगर, सुनील गावस्कर, रवि शास्त्री और सचिन तेंदुलकर मुंबई के वो चार खिलाड़ी हैं, जिन्होंने अपनी कप्तानी में टीम को पहले ही टेस्ट में जीत दिलाई है. 

सचिन तेंदुलकर 

सचिन तेंदुलकर को 1996 में भारत की कप्तानी का मौका मिला. ये मैच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ था. टेस्ट मैच में सचिन तेंदुलकर की कप्तानी वाली टीम इंडिया ने मार्क टेलर की अगुवाई वाली टीम को मात दी थी. इस एकमात्र टेस्ट मैच से बॉर्डर-गावस्कर टेस्ट सीरीज की शुरुआत हुई थी. सचिन तेंदुलकर ने बल्लेबाज के रूप में जो रिकॉर्ड कायम किए शायद ही उसे कोई तोड़ पाए. सबसे ज्यादा 200 टेस्ट मैच, टेस्ट में सबसे ज्यादा 15,921 रन, सबसे ज्यादा 51 शतक और 68 अर्द्धशतक जमाने का रिकॉर्ड सचिन तेंदुलकर के नाम है. हालांकि, बतौर कप्तान वो इतने सफल नहीं हुए.

सचिन तेंदुलकर मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने 1996 से 2000 के बीच 25 टेस्ट में भारतीय टीम की कप्तानी की. सचिन को सिर्फ चार टेस्ट में जीत मिली और नौ में हार का स्वाद चखना पडा. साथ ही 12 टेस्ट ड्रा रहे.

सौरव गांगुली

सौरव गांगुली के हाथ में टीम इंडिया का कमान 2000 में आई. सौरव गांगुली ने भारतीय टीम को एक बहुत अच्छी मजबूत टीम बनाया. गांगुली की कप्तानी टीम ने 11 टेस्ट विदेशी घरती पर जीते. 2000 से 2005 के बीच अपनी कप्तानी में गांगुली ने 49 टेस्ट मैचों में से 21 जीते और 13 में उनको हार का सामना करना पड़ा, जबकि 15 मैच ड्रॉ रहे. 

सौरव गांगुली अपनी कप्तानी में टीम इंडिया को 20 से ज्यादा टेस्ट मैचों में जीत दिलाने वाले पहले कप्तान हैं. उनकी कप्तानी में भारत ने 21 टेस्ट जीते. इससे पहले मोहम्मद अजहरुद्दीन की कप्तानी में भारत ने 14 टेस्ट मैच जीते थे. उनका यह रिकॉर्ड टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने तोड़ा. धोनी की कप्तानी में टीम ने 27 टेस्ट मैच जीते. 

रवि शास्त्री

वेस्टइंडीज की टीम जब 1988 में भारत दौरे पर आई थी तब दिलीप वेंगसरकर के चोटिल होने के कारण चेन्नई टेस्ट मैच में रवि शास्त्री ने टीम की कमान संभाली. भारत ने नरेंद्र हिरवानी की करिश्माई गेंदबाजी से यह मैच 255 रन से जीता था. रवि शास्त्री ने सिर्फ एक ही  टेस्ट मैच में  कप्तानी की. रवि शास्त्री ने बतौर कप्तान 1987-88 में मद्रास में वेस्ट इंडीज के खिलाफ टेस्ट मैच खेला और भारत को जीत दिलवाई. रवि शास्त्री का टेस्ट करियर भी अच्छा रहा है. उन्होंने 80 टेस्ट खेले, जिनमें 121 पारियों में 3830 रन बनाए. उनका औसत 35.79 रहा. टेस्ट करियर में शास्त्री का सबसे ज्यादा स्कोर 206 रहा. उन्होंने 11 शतक, 12 अर्धशतक जड़े हैं. साथ ही वे 6 बार मैन ऑफ द मैच भी रहे. 

रवि शास्त्री ने टीम इंडिया की ओर से 80 टेस्ट और 150 वनडे मुकाबले खेले हैं. साल 1985 में रवि शास्त्री ने चैंपियन ऑफ चैंपियन ट्राफी जीती थी जो कि आस्ट्रेलिया में हुआ था. शास्त्री ने अपने करियर की शुरूआत एक स्पिनर के रूप में शुरू की थी, इन्होंने बैटिंग का जलवा बाद में दिखाना शुरू किया और धीरे-धीरे यह भारत के विश्वसनीय ऑलराउंडर बन गये जो बिना आउट हुए सुबह से शाम तक पिच पर बैटिंग कर सकता था.

सुनील गावस्कर 

सुनील गावस्कर इस श्रेणी में जुड़ने वाले दूसरे कप्तान बने जिन्होंने कप्तान के रूप में अपने पहले टेस्ट मैच में ही जीत का स्वाद चखा. भारत ने तब आकलैंड में जनवरी 1976 को खेले गये मैच में न्यूजीलैंड को आठ विकेट से हराया था. भारत के सफलतम कप्तानों की सूची में चौथे स्थान पर दुनिया के महान ओपनर सुनील गावस्कर हैं, जिन्होंने 1976 से 1985 तक टीम का 47 टेस्ट मैचों में नेतृत्व किया था. उनकी कप्तानी में टीम नौ बार जीती तो आठ बार हारी और 30 टेस्ट बेनतीजा रहे थे. गावस्कर का सफलता प्रतिशत 19.14 है. उन्होंने बतौर कप्तान 50.72 की औसत से 3449 रन 11 शतक बनाये और 45 कैच भी लपके. जबकि 125 टेस्टों में उनके नाम 10122 रन 34 शतक दर्ज हैं और उन्होंने 108 खिलाडिय़ों को कैट भी किया है. उन्होंने टेस्ट इतिहास में सबसे पहले 10000 रन और 34 शतक बनाने का रिकॉर्ड कायम किया था.

पॉली उमरीगर

उमरीगर यह उपलब्धि हासिल करने वाले पहले कप्तान थे. उनकी अगुवाई में भारत ने दो से सात दिसंबर 1955 को मुंबई में न्यूजीलैंड को पारी और 27 रन से हराया था. भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और अपने समय के बेहतरीन बल्लेबाज पॉली उमरीगर वर्ष 1948 से 1962 तक टेस्ट क्रिकेट में सक्रिय थे. उन्होंने 59 मैचों के अपने टेस्ट जीवन में 3631 रन बनाए. न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ उनके 223 रन किसी भी भारतीय बल्लेबाज़ का पहला दोहरा शतक था. उन्होंने आठ टेस्ट मैचों में भारतीय टीम का नेतृत्व किया जिसमें से भारत ने दो मैच जीते जबकि चार ड्रॉ किए. उनका भारत के लिए 59 टेस्ट मैचों में खेलना और 3631 रन बनाना एक रिकॉर्ड था जो 16 साल तक उनके नाम रहा. सोलह वर्ष के बाद सुनील गावस्कर ने उनके ये रिकॉर्ड तोड़े. पॉली उमरीगर ने 1953-54 के कॉमनवेल्थ खेलों में दो अनऑफिशियल टेस्ट मैचों में भारत का नेतृत्व किया और भारत को जीत दिलवाई. 

अनिल कुंबले 

 

कुंबले को अपने करियर के अंतिम पड़ाव में कप्तानी का अवसर मिला. उनकी अगुवाई में भारत ने पहला टेस्ट मैच नवंबर 2007 में उनके प्रिय मैदान फिरोजशाह कोटला, नई दिल्ली में खेला था. भारत यह मैच छह विकेट से जीतने में सफल रहा था. कुंबले ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में श्रीलंका के खिलाफ वनडे में अप्रैल 1990 में पदार्पण किया. इसी वर्ष इंग्लैड के खिलाफ पहला टेस्ट मैच खेला. अनिल कुंबले ने 132 टेस्ट मैच की 236 पारियों में 619 विकेट लेकर टीम इंडिया के सबसे सफल गेंदबाज बने हुए हैं. 271 एकदिवसीय मैच की 265 पारियों में 337 विकेट लेने का गौरव भी उनके नाम है. कुंबले ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में श्रीलंका के खिलाफ वनडे में अप्रैल 1990 में पदार्पण किया. इसी वर्ष इंग्लैड के खिलाफ पहला टेस्ट मैच खेला. अनिल कुंबले नवंबर 2007 से भारतीय क्रिकेट टीम के एक साल तक कप्तान भी रहे. कुंबले ने बतौर कप्तान अपना पहला टेस्ट मैच जीता था. 

अनिल कुंबले लेग स्पिनर अनिल कुंबले ने 2007 से 2008 के बीच 14 टेस्ट में कप्तानी की. कुंबले को तीन में जीत तथा पांच में हार मिली. उन्होंने छह ड्रा खेले. उनका सफलता प्रतिशत 21.42 रहा.

महेंद्र सिंह धोनी 

महेंद्र सिंह धोनी भारतीय टीम की कप्तानी साल 2008 में संभाली थी. 2008 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जब आखिरी टेस्ट में अनिल कुंबले नहीं खेल सके थे तब टीम प्रबंधन ने धोनी पर भरोसा जताते हुए उन्हें फुल टाइम टीम की कमान संभालने को कहा गया. महेंद्र सिंह धोनी ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 2008 में घरेलू सीरीज के तीसरे और आखिरी टेस्ट में पहली बार कप्तानी संभाली थी. इस मैच को टीम इंडिया ने आठ विकेट से जीता था. ये इत्तेफाक ही है कि रहाणे की कप्तानी में भी टीम इंडिया ने आठ विकेट से जीत दर्ज की है. 

धोनी की कप्तानी में टीम ने 2008, 2010 और 2013 में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी जीतने में कामयाबी पाई. साल 2013 में पिछले 40 सालों में ऑस्ट्रेलिया का सूपड़ा साफ करने वाली पहली टीम बनी टीम इंडिया. धोनी की कप्तानी में टीम ने दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर 1-1 से सीरीज बराबर करने में कामयाब रहा. 

2013 में धोनी को भारत का सबसे सफल टेस्ट कप्तान बनने का गौरव प्राप्त हुआ. धोनी ने अपने करियर में हर बड़ी टीम के खिलाफ भारत को सीरीज जितवाई. धोनी की कप्तानी में भारत ने 60 टेस्ट मैच खेले जिनमें भारत को 27 मैचों में जीत हासिल हुई वहीं 18 में उसे हार का सामना करना पड़ा और 15 मैच ड्रॉ रहे.

वीरेंद्र सहवाग 

वीरेंद्र सहवाग ने बतौर कप्तान 2005 में टीम इंडिया की बागडोर संभाली. सहवाग को नियमित कप्तानों की अनुपस्थिति में ही टीम की अगुवाई का मौका मिला. वह पहली बार श्रीलंका के खिलाफ दिसंबर 2005 में अहमदाबाद में कप्तान बने और भारत यह मैच 259 रन से जीतने में सफल रहा. टेस्ट क्रिकेट में भारत की ओर से तिहरा शतक जड़ने के रिकार्डधारी सहवाग ने अब तक 228 एकदिवसीय मैच में 13 शतक और 36 अर्धशतकों की मदद से 7380 रन बनाए हैं.  एकदिवसीय मैचों में उनका सर्वाधिक स्कोर 219 रन है. दिलचस्प तथ्य यह है कि सहवाग की आक्रामक खेल शैली वनडे क्रिकेट के अनुकूल है लेकिन वह टेस्ट मैचों में अधिक सफल रहे हैं जिसमें उन्होंने 72 टेस्ट मैचों में 52.50 के औसत से 17 शतक और 19 अर्धशतकों समेत 6248 रन बनाये हैं.

भारत ने सातवीं बार जीती बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी

टीम इंडिया ने आखिरी बार बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी साल 2012-13 में 4-0 से जीती थी, लेकिन साल 2014 में ऑस्ट्रेलियाई धरती पर खेली गई सीरीज में उसे 2-0 से हार का सामना करना पड़ा था. इस प्रकार यह ट्रॉफी इस सीरीज से पहले तक कंगारुओं के पास ही थी. इसकी शुरुआत 1996-97 में हुई थी, तब से अब तक 13 सीरीज खेली जा चुकी हैं. इनमें से 7 सीरीज टीम इंडिया ने जीती हैं, तो 5 ऑस्ट्रेलिया के नाम रहीं. 2003-04 की सीरीज ड्रॉ रही थी.

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