VIDEO : भारत की 'बेटी' रचेगी इतिहास, WWE में पहुंचने वाली पहली महिला पहलवान
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VIDEO : भारत की 'बेटी' रचेगी इतिहास, WWE में पहुंचने वाली पहली महिला पहलवान

 दक्षिण एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता कविता दलाल को मेई यंग क्लासिक में मुकाबले के लिए चुना गया है. बता दें कि कविता डब्ल्यूडब्ल्यूई के इस टूर्नामेंट में हिस्सा लेने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान हैं. वर्ल्ड रेसलिंग एंटरटेनमेंट (डब्ल्यूडब्ल्यूई) ने गुरुवार को इसकी घोषणा की.

महिला पहलवान होंगी कविता दलाल का WWE में 31 पहलवानों से होगा मुकाबला

नई दिल्ली :  दक्षिण एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता कविता दलाल को मेई यंग क्लासिक में मुकाबले के लिए चुना गया है. बता दें कि कविता डब्ल्यूडब्ल्यूई के इस टूर्नामेंट में हिस्सा लेने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान हैं. वर्ल्ड रेसलिंग एंटरटेनमेंट (डब्ल्यूडब्ल्यूई) ने गुरुवार को इसकी घोषणा की.

गौरतलब है कि इस साल अप्रैल में कविता ने डब्ल्यूडब्ल्यूई दुबई ट्राईआउट में हिस्सा लिया था और अपने मजबूत प्रदर्शन से सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा था. कविता अब डब्ल्यूडब्ल्यूई में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनकर एक नया इतिहास रचेंगी.

वह इस स्पर्धा में 31 शीर्ष प्रतिस्पर्धियों से मुकाबला करेंगी. कविता पूर्व डब्ल्यूडब्ल्यूई हेवी वेट चैंपियन दलीप सिंह राणा उर्फ द ग्रेट खली की स्टूडेंट हैं और वह खली की जालंधर स्थित एकेडमी में ट्रेनिंग ले रही हैं.

इस बारे में कविता ने कहा, 'मैं डब्ल्यूडब्ल्यूई के महिला टूर्नामेंट में पहुंचने वाली पहली भारतीय बनकर गर्व महसूस कर रही हूं. उम्मीद है कि मैं इस मंच का इस्तेमाल अन्य महिलाओं को प्रेरित करने के लिए करूं.' बता दें कि डब्ल्यूडब्ल्यूई के मेई यंग क्लासिक टूर्नामेंट का आयोजन 13-14 जुलाई को ओरलैंडो के फुल सेल लाइव में होगा.

कौन है कविता दलाल

कविता दलाल वो पहलवान हैं, जिन्होंने कॉन्टिनेंटल रेसलिंग एंटरटेनमेंट (CWE) की रिंग में उतरकर अपनी पहली ही फाइट में नेशनल रेस्लर बुलबुल को रिंग में चित कर दिया था. इसके बाद कविता सुर्खियों में आ गई थीं. CWE में धूम मचाने के साथ ही कविता को बिग बॉस हाउस में जाने का भी न्यौता मिल चुका है. नेशनल लेवल पर 9 साल तक वेट लिफ्टिंग में गोल्ड जीतने वाली कविता का सपना खली की तरह WWE में तिरंगा लहराना है.

रोजाना 8 घंटे वहां मेहनत करने वाली कविता शादीशुदा भी हैं. घर और काम को वो बखूबी संभाल रहे हैं. जींद के मालवी गांव की रहने वाली कविता जुलना के सीनियर सेकेंडरी स्कूल से 12 तक पढ़ी हैं. इसके बाद 2004 उन्होंने लखनऊ में अपनी रेसलिंग की ट्रेनिंग शुरू की. ट्रेनिंग के दौरान उन्होंने पढ़ाई भी जारी रखी और साल 2005 में बीए की पूरी कर ली.

पढ़ाई और ट्रेनिंग के बाद 2008 में कविता ने बतौर कॉन्स्टेबल एसएसबी में नौकरी ज्वाइन की. नौकरी लगने के बाद साल 2009 में कविता ने बड़ौत के रहने वाले गौरव से शादी की. गौरव भी एसएसबी में कॉन्स्टेबल हैं और वॉलीबॉल के खिलाड़ी हैं. कविता ने शादी के बाद भी कभी रेसलिंग के लिए अपने जुनून को पीछे नहीं छोड़ा. वह लगातार इसमें एक्टिव रहीं और इसमें आगे बढ़ने का सपना देख रही हैं.

साउथ एशियन गेम्‍स में जीता था स्‍वर्ण

खली की जालंधर स्थित एकेडमी में पिछले दिनों ट्रायल हुए थे, जिसमें डब्ल्यूडब्ल्यूई के सदस्यों ने कविता सहित आठ पहलवानों का चयन किया. कविता को प्रोफेशनल कुश्ती में आए सिर्फ सात माह हुए हैं, लेकिन उसने अपनी प्रतिभा से सबको चौंका दिया है. रेसलिंग से पहले कविता वेट लिफ्टिंग में भी कई मेडल जीत चुकी हैं. फरवरी 2016 में साउथ एशियन गेम्स में कविता ने स्वर्ण पदक जीता था.

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