एमसीए ने शाहरुख खान के वानखेड़े स्टेडियम में प्रवेश पर लगा प्रतिबंध हटाया
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एमसीए ने शाहरुख खान के वानखेड़े स्टेडियम में प्रवेश पर लगा प्रतिबंध हटाया

मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) ने बालीवुड स्टार शाहरुख खान पर लगा तीन साल से अधिक पुराना प्रवेश प्रतिबंध हटाने का निर्णय लिया लेकिन दिल्ली की अदालत के दागी खिलाड़ी अंकित चव्हाण को आपराधिक आरोपों से बरी करने के बावजूद उन पर लगे बीसीसीआई प्रतिबंध को चुनौती नहीं देने का फैसला किया।

एमसीए ने शाहरुख खान के वानखेड़े स्टेडियम में प्रवेश पर लगा प्रतिबंध हटाया

मुंबई : मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) ने बालीवुड स्टार शाहरुख खान पर लगा तीन साल से अधिक पुराना प्रवेश प्रतिबंध हटाने का निर्णय लिया लेकिन दिल्ली की अदालत के दागी खिलाड़ी अंकित चव्हाण को आपराधिक आरोपों से बरी करने के बावजूद उन पर लगे बीसीसीआई प्रतिबंध को चुनौती नहीं देने का फैसला किया।

दोनों फैसले यहां एमसीए बैठक में किए गए जहां उपाध्यक्ष आशीष शेलार प्रस्तावक थे।

शेलार ने यहां बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘आज एमसीए की बैठक में फैसला किया गया कि आईपीएल की कोलकाता फ्रेंचाइजी के मालिक शाहरुख खान पर लगा प्रतिबंध हटाया जाना चाहिए। हमारे अध्यक्ष शरद पवार की पूर्व स्वीकृति से मैंने प्रस्ताव रखा कि उन पर लगा प्रतिबंध हटना चाहिए और प्रबंध समिति ने सर्वसम्मति से इसे स्वीकृति दी। इस तरह वानखेड़े स्टेडियम में उनके प्रवेश पर लगा प्रतिबंध हटा दिया गया है।’

दिवंगत विलासराव देशमुख की अध्यक्षता वाली संघ की प्रबंधन समिति ने 18 मई 2012 को शाहरुख पर एमसीए परिसर में प्रवेश पर पांच साल का प्रतिबंध लगा दिया था जिसमें वानखेड़े स्टेडियम में प्रवेश भी शामिल था। इस फैसले से दो दिन पहले मुंबई इंडियन्स पर कोलकाता नाइट राइडर्स की जीत के दौरान शाहरुख के सुरक्षा स्टाफ और एमसीए अधिकारियों से भिड़ने के कारण यह प्रतिबंध लगाया गया था।

शाहरुख ने हालांकि र्दुव्‍यवहार से इनकार किया था और कहा था कि स्टेडियम के सुरक्षा स्टाफ के उनके बच्चों सहित अन्य बच्चों के साथ बुरा बर्ताव करने के बाद ही उन्होंने प्रतिक्रिया दी थी। शेलार ने कहा, ‘जब जरूरत थी तब उसके खिलाफ कार्रवाई की गई और हमें लगता है कि इसे आगे बढ़ाना सही नहीं होगा। पूरी प्रबंध समिति इससे सहमत थी। हमें लगता है कि किसी को इस तरह प्रतिबंधित करना सही नहीं लगेगा।’ एमसीए सूत्रों ने बताया कि शाहरुख ने पवार को फोन करके प्रतिबंध हटाने का आग्रह किया था।

अन्य फैसलों में एमसीए ने चव्हाण पर लगे प्रतिबंध को चुनौती नहीं देने का फैसला किया। दिल्ली की अदालत ने पिछले महीने चव्हाण को आपराधिक आरोपों से बरी कर दिया था। शेलार ने कहा कि एमसीए ऐसे खिलाड़ी का साथ नहीं देगा जिसे बीसीसीआई की भ्रष्टाचार रोधी संहिता के तहत दोषी पाया गया है।

शेलार ने कहा, ‘मकोका के आरोपों से बरी हुए अंकित चव्हाण ने हमारे से आग्रह किया था कि हम बीसीसीआई को उन पर लगा प्रतिबंध हटाने के लिए मनाएं। लेकिन बीसीसीआई पहले ही एमसीए को ईमेल भेजकर इस मामले में तथ्यात्मक स्थिति रख चुका है।’ उन्होंने कहा, ‘एमसीए ने इसलिए फैसला किया कि वह अंकित के खिलाफ बीसीसीआई के फैसले को चुनौती नहीं देगा जो अनुशासन समिति की संहिता और भ्रष्टाचार रोधी संहिता के तहत लिया गया। इसलिए हमने उनके आग्रह को ठुकरा दिया। हमने सर्वसम्मति से फैसला किया कि ऐसे खिलाड़ी के खिलाफ कार्रवाई जारी रहनी चाहिए क्योंकि अदालत का आदेश सिर्फ मकोका पर आया है। खिलाड़ी ने बीसीसीआई के फैसले को चुनौती नहंी दी है तो फिर हम कैसे दें।’

बीसीसीआई साथ ही चाहता है कि दक्षिण मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम से उसके मुख्यालय को एमसीए के स्वामित्व वाले बांद्रा कुर्ला परिसर (बीकेसी) में स्थानांतरित किया जाए। एमसीए ने बीसीसीआई के आग्रह को मानने का फैसला किया है। शेलार ने कहा, ‘बीसीसीआई ने एमसीए से आग्रह किया क्योंकि यह हवाई अड्डे के करीब है। एमसीए बीकेसी में बीसीसीआई को जगह देगा।’ एमसीए ने साथ ही अपनी प्रबंध समिति के सदस्यों को वानखेड़े के प्रेजीडेंशियल बाक्स में जगह देने का फैसला किया जिसमें 200 सीटों का इजाफा किया जाएगा।

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