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नई दिल्ली : भारतीय कुश्ती महासंघ ने शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में कहा कि पहलवान नरसिंह पंचम यादव रियो ओलंपिक में 74 किग्रा फ्रीस्टाइल वर्ग में ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार से बेहतर दांव हैं। नरसिंह ने विश्व कुश्ती चैंपियनशिप 2015 में कांस्य पदक जीतकर भारत के लिये ओलंपिक कोटा हासिल किया था और डब्ल्यूएफआई ने कहा कि वह ‘सबसे सुयोग्य पहलवान’ और सुशील की तुलना में बेहतर प्रतिभागी है।
सुशील पिछले दो सालों में चयन ट्रायल के दौरान लगातार उसका सामना करने से बचता रहा। सुशील ने इन दावों के जवाब में आरोप लगाया कि उन्हें ओलंपिक में 74 किग्रा भार वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका देने के लिये ट्रायल पर इसलिए विचार नहीं किया जा रहा है क्योंकि उन्होंने प्रो कुश्ती लीग में हिस्सा नहीं लिया था। सुशील की तरफ से शामिल हुए सीनियर वकील अमित सिब्बल ने न्यायमूर्ति मनमोहन से कहा, 'वे (डब्ल्यूएफआई) इस तरह का मनमाना फैसला नहीं कर सकते क्योंकि आपने (सुशील) प्रो कुश्ती लीग में हिस्सा नहीं लिया और इसलिए आपको ट्रायल का मौका नहीं दिया जाएगा। सुशील केवल ट्रायल के लिये कह रहा है।'
डब्ल्यूएफआई ने हालांकि सप्ष्ट किया कि इस वर्ग में देश का प्रतिनिधित्व करने के लिये नरसिंह सर्वश्रेष्ठ पहलवान है और चयन निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से किया गया है। महासंघ ने अदालत में पेश हलफनामे में कहा, 'प्रतिवादी संख्या पांच (नरसिंह) को आगामी ओलंपिक खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिये सर्वश्रेष्ठ पहलवान आंका गया है। चयन पूरी तरह से निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से किये गये। याचिका में किसी तरह के पूर्वाग्रह या पक्षपात का आरोप लगाया गया है।' इस अवसर पर नरसिंह भी अदालत में उपस्थित थे।