हाकी वर्ल्ड लीग : बेल्जियम को रोकने मैदान में उतरेंगे भारतीय
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हाकी वर्ल्ड लीग : बेल्जियम को रोकने मैदान में उतरेंगे भारतीय

भारतीय पुरूष हाकी टीम जब शुक्रवार को एफआईएच हाकी वर्ल्ड लीग सेमीफाइनल टूर्नामेंट के फाइनल में जगह बनाने के लिए मैदान में उतरेगी तो उसकी रक्षापंक्ति के समक्ष मेजबान बेल्जियम के आक्रमण को रोकने की कड़ी चुनौती होगी। 

एंटवर्प : भारतीय पुरूष हाकी टीम जब शुक्रवार को एफआईएच हाकी वर्ल्ड लीग सेमीफाइनल टूर्नामेंट के फाइनल में जगह बनाने के लिए मैदान में उतरेगी तो उसकी रक्षापंक्ति के समक्ष मेजबान बेल्जियम के आक्रमण को रोकने की कड़ी चुनौती होगी। 

इस सेमीफाइनल मुकाबले में भारतीय रक्षापंक्ति के सामने असली चुनौती होगी क्योंकि बेल्जियम की टीम ने पिछले दो वर्षों में काफी सुधार किया है और सफलता भी प्राप्त की है जिसकी वजह से वह पहली बार विश्व हाकी रैंकिंग में चौथे स्थान पर पहुंची है। विश्व में नौवें स्थान पर काबिज भारतीय टीम के लिए मेजबान टीम को हराकर फाइनल का टिकट पक्का करना आसान नहीं होगा क्योंकि बेल्जियम के खिलड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय हाकी में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करायी है। 

बेल्जियम ने चैम्पियंस चैलेंज में भारत पर जीत दर्ज करने के बाद 2012 ओलंपिक खेलों और 2014 विश्व कप में भी उसे हराया है। भारत चैम्पियंस ट्राफी के लगातार दो संस्करणों में मेलबर्न और भुवनेश्वर में बेल्जियम को हराने में सफल रहा था। अपने से ऊंचे रैंक के बेल्जियम के खिलाफ मुकाबले के लिए तैयार भारतीय हाकी कोच पाल वान ऐस ने कहा ‘बेल्जियम के खिलाफ खेलना हमारे खेल के अनुकूल है। बेल्जियम व्यस्थित ढंग से खेलता है और हम लोग इस मुकाबले के लिए तैयार हैं।’ 

वान ऐस ने कहा कि उनकी टीम एशियन टीमों को मुश्किल प्रतिद्वंद्वी मानती है और बुधवार के मैच में यह देखने को मिला जब मलेशिया पर 3-2 से जीत दर्ज करने के लिए भारत को कड़ी मेहनत करनी पड़ी। वान ऐस ने कहा कि वह इस बात को लेकर खुश हैं कि भारतीय टीम वर्ल्ड लीग फाइनल में अधिकार के साथ खेलेगी ना कि मेजबान होने के नाते क्वालीफाई करके। उन्होंने 2016 ओलंपिक से पहले इसे बड़ा टूर्नामेंट बताया। अन्य सेमीफाइनल में विश्व चैम्पियन आस्ट्रेलिया का मुकाबला ब्रिटेन से होगा।

वी.आर. रघुनाथ और रूपिंदर पाल सिंह की गैरमौजूदगी में जसजीत सिंह ने पेनाल्टी कार्नर को गोल में तब्दील कर भारत के समक्ष ड्रैग फ्लिकर की कमी को लेकर बन रहे दबाव को काफी हद तक कम किया है। वान ऐस ने कहा, ‘हमारे पास अब कुछ अन्य विकल्प हैं। मैं ड्रैग फ्लिक को पसंद करता हूं लेकिन हमें इसमें अधिक दक्ष की होने की जरूरत है।’

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