फेसबुक अपनी न्यूज फीड में कर रहा बदलाव, 6 देशों में कर रहा टेस्टिंग
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फेसबुक अपनी न्यूज फीड में कर रहा बदलाव, 6 देशों में कर रहा टेस्टिंग

द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, स्लोवाकिया, सर्बिया और श्रीलंका सहित छह देशों में इस नई प्रणाली का परीक्षण किया जा रहा है. 

फेसबुक निजी समाचारों से व्यावसायिक पोस्‍टों को अलग करने के बारे में विचार कर रहा है. (फाइल फोटो)

सैन फ्रांसिस्‍को/नई दिल्‍ली : फेसबुक इंक ने सोमवार को कहा कि वह अपने न्यूज फीड को दो भागों में विभाजित करने के लिए टेस्टिंग कर रहा है. इसके तहत सोशल मीडिया की जगत की दिग्‍गज कंपनी फेसबुक निजी समाचारों से व्यावसायिक पोस्‍टों को अलग करने के बारे में विचार कर रहा है. कंपनी का मानना है कि यह कुछ व्यवसायों को विज्ञापन बढ़ाने के लिए प्रेरित कर सकता है.

  1. स्लोवाकिया, सर्बिया और श्रीलंका सहित छह देशों में इस नई प्रणाली का परीक्षण किया जा रहा है.
  2. इसके तहत लगभग सभी नॉन-प्रोमेटिड पोस्ट को सेंकेंडरी फीड में शिफ्ट किया जा सकता है.
  3. यह परीक्षण संभवत: महीनों तक चलेगा.

द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, स्लोवाकिया, सर्बिया और श्रीलंका सहित छह देशों में इस नई प्रणाली का परीक्षण किया जा रहा है. इसके तहत लगभग सभी नॉन-प्रोमेटिड पोस्ट को सेंकेंडरी फीड में शिफ्ट किया जा सकता है और मुख्य फीड में पूरी तरह से ओरिजनल कंटेंट होगा, जोकि दोस्तों और विज्ञापन की ओर से पोस्ट किया जाएगा. 

कंपनी के एक बयान के मुताबिक : एक फ़ीड मित्रों और परिवार पर ध्यान केंद्रित करता है, जबकि दूसरा उस पृष्ठ पर समर्पित होता है, जिसे ग्राहक पसंद करते हैं. इस बदलाव में फेसबुक पेजों पर यूजर्स इंगेजमेंट में गिरावट देखी गई है. हालांकि अगर इसे ज्‍यादा दोहराया जाता है तो इस तरह के बदलाव से कई छोटे प्रकाशकों को नुकसान होगा, जो बड़ी संख्या में दर्शकों के लिए सोशल मीडिया रेफरल पर ही निर्भर रहते हैं.

स्लोवाकियाई समाचार पत्र डेनीक एन में पत्रकार फिलिप स्ट्राहरिक के अनुसार, इस बदलाव के बाद देश के मीडिया परिदृश्य में इंटरेक्शन में गिरावट देखी जाएगी. उनके अनुसार, "पेजों पर ऑर्गेनिक रीच में नाटकीय गिरावट देखी जा रही है". स्ट्राहरिक ने कहा कि "कई फेसबुक पेजों की पहुंच गुरुवार और शुक्रवार को पिछले दिनों की तुलना में दो-तिहाई तक गिर गई."

वहीं, फेसबुक न्यूज़ फीड के प्रभारी फेसबुक एडमिनिस्ट्रेटर एडम मोसेरी ने कहा है कि यह परीक्षण बोलीविया, कंबोडिया, ग्वाटेमाला, सर्बिया, स्लोवाकिया और श्रीलंका में हो रहा है, और यह संभवत: महीनों तक चलेगा.

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