अमेरिका के कॉर्पोरेट जगत ने वित्त मंत्री अरुण जेटली से अनुरोध किया है कि वह बहुराष्ट्रीय कंपनियों और सांस्थानिक निवेशकों के लिए कर अनिश्चितता को कम करने की दिशा में काम करें.
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वाशिंगटनः वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए बजट आगामी 1 फरवरी को पेश किया जाएगा. इसके मद्देनजर देश के कारोबारियों ने सरकार को अपनी अपेक्षाएं बता दी हैं. वहीं विदेशी निवेशकों की भी भारत के आम बजट पर नजरें टिकी हैं. इसी क्रम में आम बजट पेश होने से पहले अमेरिका के कॉर्पोरेट जगत ने वित्त मंत्री अरुण जेटली से अनुरोध किया है कि वह बहुराष्ट्रीय कंपनियों और सांस्थानिक निवेशकों के लिए कर अनिश्चितता को कम करने की दिशा में काम करें. यह एक ऐसा कदम होगा जिससे भारत को ज्यादा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आकर्षित करने में मदद मिल सकती है. बता दें कि बजट सत्र दो भागों में बुलाया जाएगा. बजट सत्र का पहला चरण 29 जनवरी से 9 फरवरी तक चलेगा. केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली एक फरवरी को बजट पेश करेंगे. बजट सत्र का दूसरा चरण 5 मार्च से 6 अप्रैल तक चलेगा.
यूएसआईबीसी ने जेटली को भेजा ज्ञापन
अमेरिका-भारत कारोबार परिषद (यूएसआईबीसी) की अध्यक्ष निशा देसाई बिस्वाल ने वित्त मंत्री अरुण जेटली को एक ज्ञापन भेजा है. इसमें बिस्वाल ने कहा है, ‘‘भारत में बहुराष्ट्रीय कंपनियों और सांस्थानिक निवेशकों के लिए कर अनिश्चितता को कम करना देश के निवेश माहौल को बेहतर करने में एक सकारात्मक कदम होगा.’’ बिस्वाल ने अपने ज्ञापन के जरिए देश में विदेशी निवेश के माहौल को और बेहतर बनाने की व्यवस्था करने की मांग की है.
कर अनिश्चितता से निवेश में जोखिम
निशा देसाई बिस्वाल ने कहा कि आज के आर्थिक माहौल में बाजार को मिलने वाली पूंजी दुर्लभ है और हमें इसका अधिकतम रिटर्न लेना है. वैश्विक कारोबार में पूंजी का निवेश वहां होता है, जहां जोखिम पर कर बाद का रिटर्न उच्चतम हो. उन्होंने कहा कि उनके हिसाब से जहां कर-अनिश्चितता ज्यादा होती है, विशेषकर किसी विदेशी देश में, निवेशक वहां बहुत पुरातन सोच से निवेश करते हैं.
(इनपुट - भाषा)