Budget Yatra: वाजपेयी के समय आया था 'सर्व शिक्षा अभियान', तो चिदंबरम ने पेश किया 'ड्रीम बजट'
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Budget Yatra: वाजपेयी के समय आया था 'सर्व शिक्षा अभियान', तो चिदंबरम ने पेश किया 'ड्रीम बजट'

वर्ष 2000 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने बजट में ही अपनी महत्वाकांक्षी सर्व शिक्षा अभियान योजना की घोषणा की.

Budget Yatra: वाजपेयी के समय आया था 'सर्व शिक्षा अभियान', तो चिदंबरम ने पेश किया 'ड्रीम बजट'

नई दिल्ली: देश का आम बजट सिर्फ वार्षिक आर्थिक लेखा-जोखा ही पेश नहीं करता, बल्कि यह देश को दिशा देने वाली योजनाएं भी लाता है. बजट के पिटारे से भारत के आम नागरिकों के लिए ऐसी कई योजनाएं आईं हैं, जिनसे जनता के कल्याण की राह निकली है. इन योजनाओं में शिक्षा, स्वास्थ्य, आर्थिक सम्पन्नता, रोजगार जैसे विषय शामिल हैं. 1986 के बजट को जहां गरीबों को बड़ी राहत देने वाला बजट कहा गया, तो वहीं दूसरी ओर 1997-98 में तत्कालीन वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बजट को "ड्रीम बजट" कहा गया क्योंकि इस बजट में इनकम टैक्स रेट में कमी, कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती और उसके सरचार्ज को हटाने जैसी व्यवस्थाएं शामिल थीं. आइए बजट में की गई कुछ घोषणाओं के बारे में जानते हैं... 

  1. मनरेगा, रूरल हेल्थ स्कीम, सर्व शिक्षा अभियान बजट की देन.
  2. वर्ष 1986 के बजट को गरीबों को बड़ी राहत देने वाला बजट कहा गया.
  3. 1997-98 में तत्कालीन वित्त मंत्री पी. चिदंबरम का बजट "ड्रीम बजट" कहा गया.

-मनरेगा, रूरल हेल्थ स्कीम, सर्व शिक्षा अभियान बजट की देन
- वर्ष 2000 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने बजट में ही अपनी महत्वाकांक्षी सर्व शिक्षा अभियान योजना की घोषणा की. इसके तहत 6 से 14 साल के बच्चों की प्राथमिक शिक्षा की स्थिति में सुधार की बात की गई थी. इस योजना के देशभर में लागू होने के बाद प्राथमिक शिक्षा की स्थिति में काफी सुधार हुआ.
- वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने वर्ष 2001-02 के बजट में मूल्य निर्धारण विनियमन की घोषणा की. यह योजना देश में कर आधार में कमी की रोकथाम करने में महत्वपूर्ण मानी जाती है.

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- वर्ष 2005-06 के बजट में नेशनल रूरल हेल्थ मिशन, नेशनल रोजगार गारंटी योजना (अब मनरेगा), जेंडर बजट जैसी घोषणाएं की गईं. नरेगा तत्कालीन यूपीए सरकार की फ्लैगशिप स्कीम थी, जिसके जरिए देश के गांवों में रहने वाले लाखों बेरोजगारों को उनके गांव में ही रोजगार मिला.
- 1997-98 में तत्कालीन वित्त मंत्री पी. चिदंबरम का बजट "ड्रीम बजट" कहा गया. क्योंकि इस बजट में इनकम टैक्स रेट में कमी, कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती और उसके सरचार्ज को हटाने जैसी व्यवस्थाएं शामिल थीं.
- इससे पहले वर्ष 1986 के बजट को गरीबों को बड़ी राहत देने वाला बजट कहा गया. क्योंकि तत्कालीन वित्त मंत्री वी. पी. सिंह ने इसमें रिक्शा चालकों के लिए बैंक लोन में सब्सिडी, नगर निकायों में काम करने वाले सफाईकर्मियों के लिए दुर्घटना बीमा योजना, छोटे उद्योग के लिए स्मॉल इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट बैंक की स्थापना करने जैसी घोषणाएं की थीं.

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