वित्त मंत्री अरुण जेटली 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2018-19 का बजट पेश करेंगे. बजट का सबसे ज्यादा इंतजार नौकरीपेशा लोगों को रहता है. उद्योग और आर्थिक क्षेत्र के विशेषज्ञों का मानना है कि आगामी बजट में कर मुक्त आय की सीमा ढाई लाख से बढ़ाकर तीन लाख रुपए तक की जा सकती है.
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नई दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2018-19 का बजट पेश करेंगे. बजट का सबसे ज्यादा इंतजार नौकरीपेशा लोगों को रहता है. उद्योग और आर्थिक क्षेत्र के विशेषज्ञों का मानना है कि आगामी बजट में कर मुक्त आय की सीमा ढाई लाख से बढ़ाकर तीन लाख रुपए तक की जा सकती है. साथ ही यह भी उम्मीद है कि कंपनी कर की दर को मौजूदा 30-34 प्रतिशत से घटाकर 28 प्रतिशत पर लाया जा सकता है. इसके अलावा बजट में कृषि क्षेत्र पर भी खास ध्यान रहेगा. संसद में सोमवार को पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण में भी युवाओं के लिए बेहतर रोजगार सृजन पर जोर दिया गया है.
आयकल स्लैब पर सबकी नजर
उद्योग संगठन पीएचडी चैंबर के कर विशेषज्ञ बिमल जैन के अनुसार वित्त मंत्री आयकर स्लैब में कुछ बदलाव कर सकते हैं. तीन लाख तक की आय को पूरी तरह से कर मुक्त किया जा सकता है. इस समय ढाई लाख रुपए तक की सालाना आय कर मुक्त है जबकि ढाई से पांच लाख रुपए की आय पर पांच प्रतिशत की दर से कर लगता है. इस बार के बजट में आयकर सीमा में इजाफे की उम्मीद इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि साल 2017 के आम बजट में टैक्स स्लैब में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया गया था.
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हालांकि उन छोटे करदाताओं को जरूर 10 फीसद के टैक्स स्लैब से 5 फीसद के स्लैब में लाया गया था जिनकी सालाना आय 2.50 लाख से 5 लाख के बीच थी. अभी 2.50 लाख से 5 लाख के बीच आय वालों के लिए 5 फीसदी टैक्स देय है. इसके बाद पांच से दस लाख रुपए की आय पर 20 प्रतिशत और दस लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत दर से कर देय होगा.
मेडिकल रींबर्समेंट बढ़े
फिलहाल में मेडिकल रींबर्समेंट की सीमा 15,000 रुपए सालाना निर्धारित है. ऐसे में टैक्सपेयर चाहते हैं कि सरकार मेडिकल रींबर्समेंट की सीमा में इजाफा करें. यदि ऐसा होता है तो इसका बड़ा फायदा नौकरी पेशा लोगों को मिलेगा. जानकारों को उम्मीद है कि सरकार इस सीमा को बढ़ाकर 50,000 रुपए सालाना तक कर सकती है. यदि ऐसा हुआ तो टैक्स पेयर्स को राहत मिलेगी.
80सी का दायरा बढ़ाया जाए
मौजूदा व्यवस्था में आयकर की धारा 80सी के तहत करदाता 1 लाख 50 हजार रुपए तक की कर छूट का दावा कर सकते हैं. इस सीमा में काफी लंबे समय से कोई बदलाव नहीं हुआ है. बजट 2017 में भी 80सी के तहत निवेश सीमा में इजाफा होने की नौकरीपेशा लोगों को काफी उम्मीद थी. इस बार उम्मीद की जा रही है कि इस सीमा को बढ़ाकर 2 लाख रुपए तक किया जा सकता है. यदि वित्तमंत्री ने बजट में ऐसा किया तो टैक्सपेयर्स को इससे अवश्य राहत मिलेगी.
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अधिकतम HRA में शामिल हों कुछ अन्य शहर
अभी यदि आप मेट्रो सिटी यानी मुंबई, दिल्ली, कोलकाता और चेन्नई में नौकरी करते हैं तो आप अपनी बेसिक सैलरी के 50 फीसदी हिस्से के बराबर एचआरए पा सकते हैं. दूसरी तरफ नॉन मेट्रो शहरों में यह सीमा 40 फीसदी तक ही है. जानकारों का कहना है कि बेंगलुरू और हैदराबाद जैसे शहरों में मकान के किराए की कीमतें आसमान छू रही हैं. ऐसे में नौकरीपेशा लोगों को उम्मीद है कि बेंगलुरू और हैदराबाद जैसे शहरों को भी हायर एचआरए की श्रेणी में शामिल किया जाए. ऐसा होने पर छोटे शहरों में रहने वाले लोगों को राहत मिलेगी.
होम लोन के ब्याज पर छूट बढ़े
केंद्र सरकार साल 2022 तक सभी को घर देने की बात कर रही है. इसके लिए सरकार ने विभिन्न तरह की स्कीम भी चला रखी हैं. ऐसे में नौकरी पेशा लोगों का मानना है कि होम लोन के ब्याज पर और अधिक छूट मिलनी चाहिए. लोगों का कहना है कि अभी दो लाख रुपए (2,00,000 रुपए) के ब्याज पर छूट मिलती है. इसे बढ़ाकर कम से कम 3,50,000 रुपए किया जाना चाहिए. यदि कोई एक से अधिक घर लेता है तो सिर्फ एक घर के लिए होम लोन के ब्याज में रियायत दी जाए.