वित्त विधेयक में सरकार ने प्रस्ताव किया कि सांसदों का मूल वेतन मौजूदा 50,000 रुपया से बढ़ा कर एक लाख रुपया किया जाएगा.
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नई दिल्ली/रीमा पराशर: सांसदों का मूल वेतन (बेसिक पे) इस साल एक अप्रैल से दोगुना होकर एक लाख रुपया होने वाला है. संसद में गुरुवार (1 फरवरी) को पेश किए गए वित्त विधेयक में सरकार ने प्रस्ताव किया कि सांसदों का मूल वेतन मौजूदा 50,000 रुपया से बढ़ा कर एक लाख रुपया किया जाएगा. विभिन्न मदों के तहत सांसदों के दिए जाने वाले भत्तों में भी वृद्धि होगी. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपना पांचवां बजट पेश करते हुए मुद्रास्फीति के अनुरूप प्रत्येक पांच साल में सांसदों के वेतन में स्वत: संशोधन के लिए गुरुवार (1 फरवरी) को एक कानून का भी प्रस्ताव रखा.
उन्होंने कहा, 'इसलिए, मैं एक अप्रैल, 2018 से वेतन, निर्वाचन क्षेत्र भत्ता, कार्यालय व्यय और सांसदों को दिए जाने वाले मुलाकात भत्ते के पुन: निर्धारण के लिए आवश्यक परिवर्तनों का प्रस्ताव कर रहा हूं.' जेटली ने कहा कि इस कानून के तहत मुद्रास्फीति के अनुरूप प्रत्येक पांच वर्ष में सांसदों के वेतन में स्वत: संशोधन हो जाएगा और सांसद इस कदम का स्वागत करेंगे और भविष्य में उन्हें ‘इस तरह की किसी आलोचना का सामना नहीं करना पड़ेगा.’ वर्तमान में, किसी सांसद के पारिश्रमिक में प्रतिमाह 50,000 रुपए का मूल वेतन, 45 हजार रुपया निर्वाचन क्षेत्र भत्ता के अलावा अन्य सुविधाएं शामिल हैं. सरकार फिलहाल लगभग 2.7 लाख रुपए प्रतिमाह हर सांसद पर खर्च करती है.
RTI के बजट में 63% से अधिक की कटौती, केंद्रीय सूचना आयोग के फंड में भी भारी कमी
नए बदलावों के बाद अब सांसदों को 1.05 लाख रुपये की बजाए मिलेंगे 2.20 लाख रुपये
वेतन (50 से 1 लाख), निर्वाचन क्षेत्र (45 हज़ार से 70 हज़ार), सचिवालय भत्तों (30 से 60 हज़ार) की बढ़ोतरी
सांसदों के वेतन संशोधन के लिए प्रस्तावित कानून करेगा बदलाव. वित्त मंत्री ने बजट में की है इस बाबत घोषणा
खेतीबाड़ी और ग्रामीण विकास पर जोर: आयकर दरों, स्लैब में बदलाव नहीं
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आम चुनाव से पहले भाजपा नीत राजग सरकार के अपने अंतिम पूर्ण बजट में गुरुवार (1 फरवरी) को एक तरफ खेतीबाड़ी, ग्रामीण बुनियादी ढांचे, सूक्ष्म एवं लधु उद्यमों तथा शिक्षा एवं स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए खजाना खोल कर आम लोगों को लुभाने का प्रयास किया, वहीं वेतन भोगी लोगों और वरिष्ठ नागरिकों को कर और निवेश में राहत देने की भी घोषणाएं की. वित्त मंत्री ने हालांकि आयकर दरों और स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया पर वेतनभोगियों के लिए 40,000 रुपए वार्षिक की मानक कटौती की जरूर घोषणा की. इससे इस वर्ग के करदाताओं को कुल मिलाकर 8,000 करोड़ रुपए का फायदा होने का अनुमान है.
लोकसभा में लगातार पांचवां बजट पेश करते हुए जेटली ने सभी कर योग्य आय पर स्वास्थ्य और शिक्षा उपकर 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 4 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया. साथ ही सामाजिक कल्याण योजनाओं के वित्त पोषण के लिये 10 प्रतिशत सामाजिक कल्याण अधिभार का भी प्रस्ताव किया. उन्होंने 250 करोड़ रुपये तक के कारोबार वाले सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों के लिये कंपनी कर 30 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत करने की भी घोषणा की.
40,000 रुपये की मानक कटौती
करीब दो घंटे (110 मिनट) के भाषण में जेटली ने हालांकि आयकर की दरों और स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया, लेकिन उन्होंने वेतनभोगी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिये परिवहन एवं चिकित्सा व्यय के बदले 40,000 रुपये की मानक कटौती देने की जरूर घोषणा की. वित्त मंत्री ने वरिष्ठ नागरिकों के लिये बैंक जमा पर ब्याज से आय की छूट सीमा 10,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया. साथ ही मियादी जमाओं पर स्रोत पर कर कटौती नहीं होगी.
आयातित पैनलों, हैंडसेट पर सीमा शुल्क बढ़ाने की घोषणा, टीवी, मोबाइल फोन महंगे होंगे
वित्त मंत्री अरुण जेटली के पेश बजट में सरकार ने स्थानीय विनिर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए आयातित टीवी पैनलों पर आयात शुल्क 7.5 प्रतिशत से दोगुना कर 15 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया है. इससे एलसीडी-एलईडी टीवी सेट महंगे हो जाएंगे. इसके अलावा मोबाइल फोन पर भी सीमा शुल्क 15 से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया गया है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में कहा कि एलसीडी-एलईडी-ओएलईडी टीवी के कलपुर्जों पर सीमा शुल्क को बढ़ाकर 15 प्रतिशत किया जा रहा है. इसका मकसद स्थानीय विनिर्माण को प्रोत्साहन देना है.
जेटली ने कहा, ‘मैं मोबाइल फोन पर सीमा शुल्क को 15 से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने का प्रस्ताव करता हूं. इसके अलावा मोबाइल फोन के कुछ कलपुर्जों और एक्सेसरीज तथा टीवी के कुछ कलपुर्जों पर सीमा शुल्क बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का प्रस्ताव करता हूं.’ उन्होंने कहा कि कुछ क्षेत्रों मसलन खाद्य प्रसंस्करण, इलेक्ट्रॉनिक्स, वाहन कलपुर्जे, फुटवियर तथा फर्नीचर जैसे क्षेत्रों में घरेलू स्तर पर मूल्यवर्धन की काफी गुंजाइश है. जेटली ने कहा कि इन उपायों से देश में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.
पीएम मोदी ने दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि एवं लघु उद्यमों आदि के लिए किए गए प्रावधानों को दूरगामी लाभ वाले कदम बताते हुए इसका स्वागत किया. उन्होंने कहा कि यह ‘आम लोगों के जीवन को और सरल बनाने वाला बजट है.’ उन्होंने कहा कि ‘इससे हमारा भरोसा और बढ़ा है कि अर्थव्यवस्था और मजबूत होगी.’ उन्होंने वित्त मंत्री जेटली और उनकी टीम को इस अच्छे बजट के लिए बधाई दी.
(इनपुट एजेंसी से भी)