भारत और अमेरिका के दबाव में पाकिस्तान ने आतंकी संगठन जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद पर सख्ती बरतने की तैयारी कर रहा है.
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नई दिल्ली: भारत और अमेरिका के दबाव में पाकिस्तान ने आतंकी संगठन जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद पर सख्ती बरतने की तैयारी कर रहा है. न्यूज एजेंसी रायटर के मुताबिक पाकिस्तान सरकार के आदेश पर हाफिज सईद से जुड़े चैरिटी संगठनों और वित्तीय संसाधनों को जब्त किया जाएगा. 26/11 मुंबई हमले के मुख्य आरोपी हाफिज सईद को अमेरिका ने आतंकी घोषित कर रखा है. बताया जा रहा है कि पाकिस्तान सरकार के उच्च स्तरीय बैठकों में हिस्सा लेने वाले तीन अधिकारियों ने कहा कि 19 दिसंबर को सभी राज्यों और केंद्र सरकार के विभागों को आदेश जारी कर हाफिज सईद की संपत्तियों को कब्जाने को कहा गया है.
पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय ने कानूनी संस्थाओं और पाकिस्तान के 5 राज्यों से पूछा है कि कैसे हाफिज सईद की संपत्तियों पर शिकंजा कसा जा सकता है. राज्य सरकारों को 28 दिसंबर तक हाफिज सईद की संपत्ति पर कब्जे का एक्शन प्लान सौंपने का आदेश दिया गया है.
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19 दिसंबर को 'फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स इशूज' नाम से जारी किए गए डॉक्युमेंट में सईद के दो चैरिटी संगठनों के नाम शामिल हैं. फाइनेंशियल एक्शन टॉस्क फोर्स एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है, जो मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी फंडिंग के खिलाफ काम करती है.
भारत का सबसे बड़ा दुश्मन है हाफिज
मिशन कश्मीर: हाफिज सईद की जिंदगी का सबसे बड़ा मकसद है भारत को नीचा दिखाना. इसके लिए वह किसी भी तरह पाक अधिकृत कश्मीर के साथ-साथ आजाद कश्मीर को भी भारत से अलग करना चाहता है. हाफिज सईद द्वारा बनाए गए दो आतंकी संगठन (लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा) फिलहाल इसी काम में लगे हुए हैं. माना जाता है कि 1990 के बाद जब सोवियत सैनिक अफगानिस्तान से निकल गए तो हाफिज सईद ने अपने मिशन को कश्मीर की तरफ मोड़ दिया. भारत प्रशासित कश्मीर में चरमपंथी गतिविधियां करने वाला सबसे बड़ा पाकिस्तानी संगठन लश्कर-ए-तैयबा है, लश्कर और आईएसआई के रिश्तों के सुराग अनेक बार मिल चुके हैं.
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मुंबई हमले का मास्टरमाइंड : 26 नवंबर 2008 को लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादी समुद्री रास्ते से मुंबई में दाखिल हुए और उन्होंने अलग-अलग जगहों पर 164 बेगुनाह लोगों की जान ले ली. इस भीषण आतंकी हमले में 308 लोग जख्मी भी हुए. इस हमले में जिंदा पकड़े गए एकमात्र कसूरवार आतंकी अजमल कसाब को बाद में 21 नवंबर 2012 को सुबह 07:30 बजे फांसी दे दी गई. इस हमले में सबसे ज्यादा 58 लोग छत्रपति शिवाजी टर्मिनल पर मारे गए. आतंकियों ने 90 मिनट तक रुक-रुक कर गोलीबारी की जिसमें ये सारे लोग मारे गए. इसके अलावा 10 लोग स्टेशन के बाहर भी मारे गए थे.
भारत ने इस हमले का मास्टरमाइंड लश्कर के संस्थापक हाफिज सईद को ही बताया था. भारी अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद पाकिस्तानी सरकार ने 29 जनवरी 2017 को हाफिज सईद को नजरबंद कर लिया था. जिसे बाद में 24 नवंबर 2017 को रिहा कर दिया गया. इससे पहले भी वह नवंबर 2008 में नजरबंद किया गया था लेकिन लाहौर हाई कोर्ट के आदेश के बाद उसे 2009 में करीब 6 महीने बाद रिहा कर दिया गया था.
आतंक की ट्रेनिंग: लश्कर-ए-तैयबा पाक अधिकृत कश्मीर में अनेकों आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर चलाता है. हाफिज सईद अक्सर इन आतंकी शिविरों में जाता है और वहां लड़ाकों को जिहाद के लिए प्रोत्साहित करता है. हाफिज अपने भाषणों में कश्मीर विवाद को 'धर्म के लिए जंग' साबित करने की कोशिश करता है और युवकों का ब्रेनवॉश करता है ताकि वो कश्मीर में कत्ल-ए-आम मचा सकें. हाल ही में नजरबंदी से रिहा होने के बाद भी हाफिज सईद के पीओके जाने की खबरें सामने आई थीं.
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संसद पर हमला: लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर माने जाने वाले भारत के संसद भवन पर लश्कर के आतंकियों ने 13 दिसंबर 2001 को हमला किया था. इस आतंकी हमले में कुल 14 लोग मारे गए थे. दिल्ली पुलिस के जवानों ने बहादुरी दिखाते हुए पांचों आतंकियों को ढेर कर दिया था. इस कार्रवाई में आठ पुलिसकर्मी भी शहीद हुए थे. इस हमले को पाकिस्तान में बैठे लश्कर और जैश-ए-मुहम्मद के आकाओं के इशारे पर अंजाम दिया गया था. इसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसे आसार पैदा हो गए थे. इसी मामले में मुख्य आरोपी मोहम्मद अफजल गुरु को 9 फरवरी 2013 को सुबह दिल्ली के तिहाड़ जेल में फांसी पर लटका दिया गया था.