इमरान खान की यात्रा से पहले चीन ने पाक को कर्ज उपलब्ध कराने पर दिखाया सकारात्मक रुख
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इमरान खान की यात्रा से पहले चीन ने पाक को कर्ज उपलब्ध कराने पर दिखाया सकारात्मक रुख

इमरान खान की दो नवंबर से शुरू हो रही चीन यात्रा अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के अधिकारियों की सात नवंबर को होने वाली इस्लामाबाद यात्रा से पहले होगी. 

इमरान खान दो से पांच नवंबर तक होने वाली अपनी चीन यात्रा के दौरान विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी सहित एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे. (फाइल फोटो साभार - @ImranKhanOfficial)

बीजिंग: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की पहली यात्रा से पूर्व चीन ने शुक्रवार को इस्लामाबाद को नया कर्ज देने के बारे में सकारात्मक रुख दर्शाया जिससे कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के बेलआउट पैकेज को टाला जा सके.

खान की दो नवंबर से शुरू हो रही चीन यात्रा अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के अधिकारियों की सात नवंबर को होने वाली इस्लामाबाद यात्रा से पहले होगी. आई एम एफ के अधिकारी नकदी के संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को बेलआउट पैकेज देने के वास्ते औपचारिक चर्चा करने के लिए इस्लामाबाद का दौरा करेंगे.

'पाकिस्तान को हम भी हरसंभव सहायता मुहैया कराते हैं'
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने शुक्रवार को यहां मीडिया से कहा,‘हमने पाकिस्तान के सामने उसकी वित्तीय स्थिति में आ रही मुश्किलों को देखा है...हम इससे निपटने के लिए अग्रसक्रिय कदम उठाने में पाकिस्तान का समर्थन करते हैं. असल में, पाकिस्तान को हम भी हरसंभव सहायता मुहैया कराते हैं.’ 

हुआ ने कहा,‘हमारा मानना है कि पाकिस्तान के पास संतुलित आर्थिक विकास की क्षमता है.’ वह इस सवाल का जवाब दे रही थीं कि क्या चीन खान की यात्रा के दौरान पाकिस्तान को नयी वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने पर विचार करेगा.

दो से पांच नवंबर तक चीन दौरे पर रहेंगे इमरान खान
खान दो से पांच नवंबर तक होने वाली अपनी चीन यात्रा के दौरान विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी सहित एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे. यह यात्रा चीन के 60 अरब डॉलर के चाीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) पर पाकिस्तान की नयी सरकार के रुख से उत्पन्न चिंताओं के बीच हो रही है. इस्लामाबाद कुछ परियोजनाओं में कटौती की मांग कर रहा है.

पाकिस्तान ने सी पी ई सी में कथित तौर पर संशोधन की मांग की है. चीन के लिए बेल्ट एंड रोड पहल के तहत यह एक अत्यंत महत्वाकांक्षी परियोजना है.
अमेरिका ने कहा है कि सी पी ई सी परियोजना को लेकर प्राप्त कर्ज पाकिस्तान के वर्तमान आर्थिक संकट के लिए जिम्मेदार है. हालांकि अमेरिका के इस बयान को चीन और पाकिस्तान ने खारिज किया है.

आईएमएफ ने कहा था कि वह सीपीईसी परियोजना पर करीबी नजर रखे हुए है. इसके साथ ही अमेरिका पाकिस्तान को चीनी कर्ज के संबंध में आई एम एफ के धन के इस्तेमाल के खिलाफ है. पाकिस्तान बेलआउट पैकेज के लिए आईएमएफ से संपर्क किए जाने के साथ ही कर्ज के लिए ‘‘मित्रवत देशों’’ के संपर्क में है जिससे कि अंतरराष्ट्रीय कर्जदाता से कर्ज लेने में कमी की जा सके.

'उम्मीद है आईएमएफ से संपर्क नहीं करना होगा'
खान ने बुधवार को कहा,‘उनका (मित्रवत देशों) जवाब सकारात्मक है. मुझे पूरी उम्मीद है कि हमें अपनी आर्थिक आवश्यकताओं के लिए आईएमएफ से संपर्क नहीं करना होगा.’ पाकिस्तान को हाल ही में अन्य करीबी सहयोगी सऊदी अरब से छह अरब डॉलर की वितीय सहायता प्राप्त हुई थी.

ईरान से लगते बलूचिस्तान में निवेश के लिए पाकिस्तान के सऊदी अरब को शामिल करने को लेकर बीजिंग में चिंताएं हैं. सी पी ई सी के लिए यह प्रांत अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसका क्षेत्र वहां स्थित ग्वादर बंदरगाह पर खत्म होता है. सीपीईसी चीन के शिनजियांग प्रांत को रेल, सड़क और पाइपलाइन नेटवर्क के जरिए ग्वादर बंदरगाह से जोड़ता है.

चीन नहीं चाहता कि सीपीईसी की परियोजनाएं सऊदी अरब-ईरान प्रतिद्वंद्विता के चलते अटक जाएं. भारत सीपीईसी के खिलाफ है क्योंकि यह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरता है.

(इनपुट - भाषा)

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