बांग्लादेश: जतिया ओक्याफ्रंट के वरिष्ठ नेता के काफिले पर हमला, 12 नेता घायल
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बांग्लादेश: जतिया ओक्याफ्रंट के वरिष्ठ नेता के काफिले पर हमला, 12 नेता घायल

जतिया ओक्याफ्रंट दरअसल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी), हुसैन के नेतृत्व वाली पार्टी ओक्या प्रोक्रिया, जतिया सामाजतांत्रिक दल और नागरिक ओक्या का गठबंधन है.

फाइल फोटो

ढाका: बांग्लादेश के मीरपुर में विपक्षी पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के काफिले पर शुक्रवार को हमला हुआ. नेता पर हमला उस समय हुआ जब वह 1971 मुक्ति संग्राम के शहीदों के एक स्मारक पर श्रद्धांजलि देकर लौट रहे थे. ओक्याफ्रंट के मीडिया इकाई के एक कर्मचारी लतीफुल बारी हमीम ने बताया कि जतिया ओक्याफ्रंट नेता कमाल हुसैन के काफिले को 'मार्टर्ड इंटेलेक्चुअल मेमोरियल' के निकट निशाना बनाया गया. घटना के समय वह और उनके साथ गठबंधन के अन्य नेता अपनी कार में बैठ रहे थे. 

जतिया ओक्याफ्रंट दरअसल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी), हुसैन के नेतृत्व वाली पार्टी ओक्या प्रोक्रिया, जतिया सामाजतांत्रिक दल और नागरिक ओक्या का गठबंधन है. इसकी स्थापना 13 अक्टूबर को की गई थी. इसकी मांग में संसद भंग करने के बाद एक तटस्थ सरकार के शासन में राष्ट्रीय चुनाव कराने और बीएनपी अध्यक्ष खालिदा जिया की जेल से रिहाई है. स्थानीय बीडीन्यूज24.कॉम की खबर के मुताबिक इस हमले में ओक्या फ्रंट के 12 नेता और कार्यकर्ता घायल हुए और सात कारों को क्षति पहुंची. हालांकि, इस हमले में हुसैन को चोट नहीं पहुंची. 

विपक्ष का कहना है कि इस तरह के हमले 30 दिसंबर को होने वाले चुनाव से पहले विपक्ष को कमजोर करने के लिए किये गये हैं. गौरतलब है कि बांग्लादेश हाईकोर्ट ने जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री एवं मुख्य विपक्षी पार्टी बीएनपी की प्रमुख खालिदा जिया को चुनाव लड़ने की अनुमति को लेकर खंडित आदेश दिया था. बांग्लादेश में 30 दिसंबर को होने वाले आम चुनाव के लिए चुनाव प्रचार शुरू हो चुका है. अदालत के अधिकारियों और वकीलों ने कहा कि हाईकोर्ट की दो सदस्यों वाली पीठ में से एक न्यायाधीश ने जिया के चुनाव लड़ने के पक्ष में फैसला सुनाया जबकि दूसरे ने भ्रष्टाचार के दो मामलों में दोषी करार दी गई जिया को चुनाव के लिए अयोग्य ठहरा दिया.

एक अधिकारी ने बताया था, ''जैसा कि दोनों न्यायाधीश एक मत पर नहीं पहुंच सके तो परंपरा के अनुसार उन्होंने इस मामले को मुख्य न्यायाधीश के पास भेज दिया जो अब इस मामले को सुनवाई के लिए किसी अन्य पीठ के पास भेजेंगे.' जिया ने निर्वाचन आयोग के उनकी उम्मीदवारी रद्द करने के फैसले को चुनौती दी थी.  

(इनपुट भाषा से)

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