श्रीलंका में जारी राजनीतिक संकट के बीच भड़की हिंसा, गोलीबारी में एक की मौत, दो घायल
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श्रीलंका में जारी राजनीतिक संकट के बीच भड़की हिंसा, गोलीबारी में एक की मौत, दो घायल

इस मामले में सीलोन पेट्रोलियम कारपोरेशन (सीपीसी) परिसर से एक सुरक्षाकर्मी को गिरफ्तार किया गया है.

फोटो साभार : Reuters

कोलंबो: श्रीलंका के राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को हटाकर उनके स्थान पर पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे को पीएम नियुक्त करने के बाद उत्पन्न हुए राजनीतिक संकट ने अब खूनी रूप ले लिया है. दरअसल, प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के विश्वस्त और पूर्व पेट्रोलियम मंत्री अर्जुन राणातुंगा के अंगरक्षकों ने नव नियुक्त प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के समर्थकों पर गोलियां चला दीं. इस घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि राणातुंगा के अंगरक्षकों ने नव नियुक्त प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के समर्थकों पर पांच चक्र गोलियां चलाईं.

पुलिस ने बताया कि गंभीर रूप से घायल एक व्यक्ति ने दम तोड़ दिया और दो लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इस सिलसिले में सीलोन पेट्रोलियम कारपोरेशन (सीपीसी) परिसर से एक सुरक्षाकर्मी को गिरफ्तार किया गया है. यह हादसा उस वक्त हुआ जब क्रिकेटर से राजनेता बने रणतुंगा ने सीपीसी का दौरा किया. इस दौरान कुछ कर्मचारियों ने आफिस में उनकी उपस्थिति का विरोध किया. जब रणतुंगा ने इमारत में प्रवेश किया तो, नये प्रधानमंत्री राजपक्षे के समर्थकों ने उनका विरोध किया और नारेबाजी की.

प्रदर्शनकारियों ने जब उन्हें बाहर नहीं जाने दिया तो, गोलियां चलायी गईं जिसमें तीन लोग घायल हो गए हैं. अपुष्ट खबरों में कहा गया है कि रणतुंगा के दो सुरक्षाकर्मियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. बता दें कि  रणतुंगा विक्रमसिंघे के समर्थक हैं जिन्हें राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना ने बर्खास्त कर दिया था. हालांकि, विक्रमसिंघे ने अपनी बर्खास्तगी को अवैध और असंवैधानिक करार दिया है. शुक्रवार को सिरीसेना ने प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे को बर्खास्त कर पूर्व दिग्गज राजपक्षे को देश का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया था. इसके बाद से ही राजनीतिक संकट उत्पन्न हो गया है.

उम्मीद है कि देश में सोमवार को नयी कार्यवाहक सरकार शपथ लेगी. बर्खास्तगी के बाद विक्रमसिंघे ने संसद का आपात सत्र बुलाने की मांग की थी ताकि वह अपना बहुमत साबित कर सकें . इसके बाद राष्ट्रपति ने 16 नवंबर तक संसद को निलंबित कर दिया था.

(इनपुट भाषा से)

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