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बीजिंग/वाशिंगटन : चीन ने पानी के नीचे चलने वाला ड्रोन आज अमेरिका को लौटा दिया जो उसने पांच दिन पहले विवादित दक्षिण चीन सागर से जब्त किया था। इस घटना के कारण अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के बीच बड़ा विवाद उत्पन्न हो गया था। ट्रंप ने इस पर चीन के खिलाफ कड़ा रूख अपनाया था।
चीनी मंत्रालय के एक संक्षिप्त बयान में विवरण दिए बिना कहा गया, ‘चीनी और अमेरिकी पक्षों में मित्रवत चर्चा के बाद अमेरिकी ड्रोन को लौटाने का काम 20 दिसंबर को दोपहर बाद दक्षिण चीन सागर के संबंधित जलक्षेत्र में आसानी से पूरा कर लिया गया।’ दक्षिण चीन सागर में एक अमेरिकी सर्वेक्षण वाहन द्वारा परिचालित ड्रोन को चीन की नौसेना के एक पोत ने जब्त कर लिया था। इसने अमेरिकी पोत से आग्रह के बावजूद इसे लौटाने से मनाकर दिया था।
पेंटागन ने भी अलग से पुष्टि की है कि चीन की तरफ से ड्रोन को सुपुर्द कर दिया गया है। पेंटागन के प्रेस सचिव पीटर कुक ने एक बयान में कहा, ‘यह घटना अंतरराष्ट्रीय कानून और समुद्र में नौसेनाओं के बीच पेशेवराना मानकों, दोनों के विरूद्ध थी।’
उन्होंने कहा, ‘अमेरिका ने उचित राजनयिक और सैन्य माध्यमों के जरिए चीन के समक्ष उन तथ्यों को रखा और अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत चीनी प्राधिकारों से अपनी प्रतिबद्धता निभाने और अमेरिकी वैध गतिविधियों में आगे बाधा डालने की कोशिशों से परहेज करने को कहा गया।’ पेंटागन ने बयान में कहा कि अमेरिकी नौसैन्य ड्रोन ‘अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पूरी तरह से पालन करते हुए दक्षिण चीन सागर के अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में नियमित अभियान पर था।’
शुरू में, चीनी सेना ने कहा था कि ड्रोन संबंधी घटना से उचित तरीके से निपटा जाएगा, लेकिन ट्रंप के ट्वीट के बाद कहा कि इसे ‘सफलतापूर्वक सुलझा लिया जाएगा।’ ट्रंप ने ट्वीट किया था, ‘‘चीन ने अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र से अमेरिकी नौसेना के एक अनुसंधान ड्रोन को चुरा लिया है..इसे पानी से निकालकर एक अभूतपूर्व कदम के तहत चीन ले जाया गया है।’
अगले दिन उन्होंने फिर ट्वीट किया था। इसमें उन्होंने लिखा था, ‘हमें चीन को बता देना चाहिए कि उनके द्वारा चुराया गया ड्रोन हमें वापस नहीं चाहिए..इसे वे ही रख लें।’ चीन ने ड्रोन को ‘चुराए जाने’ के ट्रंप के आरोप को खारिज किया था और कहा था कि इसे इसलिए जब्त किया गया, ताकि विवादित दक्षिण चीन सागर में स्वतंत्र नौवहन को नुकसान न पहुंचे। बीजिंग का दावा है कि अमेरिका चीनी तट पर जासूसी कर रहा है।
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कल मीडिया से कहा था, ‘सबसे पहले तो बात यह है कि हम चोरी शब्द पसंद नहीं करते। यह सही भी नहीं है।’ उन्होंने अमेरिका के इन आरोपों को भी खारिज किया कि चीनी नौसेना के पोत ने ड्रोन को नियंत्रित कर रहे अमेरिकी सर्वेक्षण पोत यूएसएनएस बाउडिच से बार..बार संदेश मिलने के बावजूद ड्रोन को उठा लिया और इसे वहां से ले गया ।
चीन के सरकारी मीडिया ने ट्रंप पर चीन को निशाना बनाकर किये गए उनके ट्वीट के लिए आलोचना करते हुए कहा कि उनके पास कूटनीतिक अनुभव नहीं है और महाशक्ति का नेतृत्व करने के लिए योग्यता नहीं है।