दाऊद इब्राहिम की डी-कंपनी का एक सदस्य अमेरिकी अधिकारियों द्वारा दर्ज कराए गए प्रत्यर्पण मामले में ब्रिटेन में फरवरी 2019 में मुकदमे का सामना करेगा.
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लंदन: दाऊद इब्राहिम की डी-कंपनी का एक सदस्य अमेरिकी अधिकारियों द्वारा दर्ज कराए गए प्रत्यर्पण मामले में ब्रिटेन में फरवरी 2019 में मुकदमे का सामना करेगा. एक अदालत ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. जबीर मोती ऊर्फ जबीर मोतीवाला को अगले साल 25 से 27 फरवरी के बीच चलने वाले मुकदमे से पहले 12 नवंबर को होने वाली सुनवाई में पेश होने के लिये हिरासत में भेजा गया है. मोती दक्षिण पश्चिम लंदन के वैंड्सवर्थ जेल से शुक्रवार को वीडियो लिंक के जरिये वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत में पेश हुआ. वह धनशोधन और प्रत्यर्पण के आरोपों में अमेरिका प्रत्यर्पित किए जाने के मामले का सामना कर रहा है. इससे पहले हुई सुनवाई में 51 वर्षीय मोती की जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया था और शुक्रवार को उसने जमानत के लिये कोई याचिका दायर नहीं की.
कौन है जबीर मोती
जबीर पाकिस्तान का नागरिक है और दस साल के वीजा पर वह ब्रिटेन आया था. जबीर दाऊद का खास गुर्गा है. वह दाऊद की पत्नी महजबीं, उसके बेटे मोइन नवाज, उसकी दो बेटियों महरूक और महरीन, उसके दामाद जुनैद और औरंगजेब के आर्थिक कामकाज संभालता था. पाकिस्तान, खाड़ी देशों, ब्रिटेन, यूरोप और दक्षिण एशियाई देशों में फैले दाऊद इब्राहिम के काले कारोबार को जबीर ही संभालता था.
सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि दाऊद के सभी काले कारोबार से होने वाली कमाई को आतंकियों की मदद के लिए इस्तेमाल किया जाता है. यह भी बताया जा रहा है कि दाऊद के परिवार को ब्रिटेन में बसाने संबंधी विकल्प में जबीर मुख्य भूमिका में है. कराची में दाऊद के परिवार के आधिपत्य वाली संपत्ति में जबीर की खुद की भी प्रॉपर्टी है.
हाल ही में जबीर मोती ने बारबाडोस, एंटिगुआ, डोमिनियन रिपब्लिक में दोहरी नागरिकता पाने और हंगरी में स्थायी रेजिडेंट स्टेटस पाने की भी कोशिश की थी. वहीं दाऊद इब्राहिम 1993 में मुंबई में हुए बम धमाकों को मुख्य आरोपी है. इन धमाकों में करीब 250 लोगों की मौत हुई थी. दाऊद को स्पेशल डेजिग्नेटेड इंटरनेशनल टेररिस्ट (SDGT) घोषित किया गया है.
इनपुट भाषा से भी