फेसबुक विवाद: मार्क जुकरबर्ग ने मानी गलती, कहा- डाटा लीक होना विश्वास में सेंध लगने जैसा
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फेसबुक विवाद: मार्क जुकरबर्ग ने मानी गलती, कहा- डाटा लीक होना विश्वास में सेंध लगने जैसा

कैम्ब्रिज एनालिटिका पर आरोप है कि उसने पांच करोड़ फेसबुक उपयोगकर्ताओं के निजी डेटा बिना उनकी मंजूरी के चुरा लिए हैं और उसका उपयोग राजनेताओं की मदद के लिए किया गया, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और ब्रेक्सिट अभियान शामिल हैं.

फेसबुक के फाउंडर और सीईओ मार्क जुकरबर्ग. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने बुधवार (21 मार्च) को कैम्ब्रिज एनालिटिका स्कैंडल मामले में गलती स्वीकार करते हुए कहा कि यह विश्वासघात का मामला है. जुकरबर्ग ने फेसबुक पोस्ट कर कहा, "मैं कैंब्रिज एनालिटिका को लेकर अपनी बात रखना चाहता हूं. हम इस दिशा में समस्याओं से निपटने के लिए जरूरी कदम उठा लिए हैं. मैं यह समझने की कोशिश की दिशा में काम कर रहा हूं कि असल में हुआ क्या और इसे दोबारा होने से कैसे रोका जाए." जुकरबर्ग ने कहा, "अच्छी खबर यह है कि इसे रोकने के लिए जो जरूरी कदम हमने आज उठाए हैं, वे असल में कई वर्षो पहले ही उठा लिए गए थे लेकिन हमने फिर भी गलतियां कीं लेकिन अब हमें इन्हें दोबारा होने से रोकने के लिए कमर कसने की जरूरत है."

  1. कैम्ब्रिज एनालिटिका पर 5 करोड़ फेसबुक यूजर्स के डेटा को लीक करने का आरोप है.
  2. डेटा का उपयोग राजनेताओं की मदद के लिए किया गया,
  3. जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और ब्रेक्सिट अभियान शामिल हैं.

जुकरबर्ग का कहना है कि कंपनी उन सभी एप की जांच करेगी, जिनके जरिए बड़ी मात्रा में जानकारियां हासिल की गई. वह कहते हैं, "निजी जानकारियों का दुरुपयोग या उनसे छेड़छाड़ करने वालों डेवलेपर्स पर प्रतिबंध लगाया जाएगा. इसके साथ ही संदिग्ध गतिविधियों वाले सभी एप की जांच की जाएगी." ब्रिटिश डेटा विश्लेषण कंपनी, कैम्ब्रिज एनालिटिका पर आरोप है कि उसने पांच करोड़ फेसबुक उपयोगकर्ताओं के निजी डेटा बिना उनकी मंजूरी के चुरा लिए हैं और उसका उपयोग राजनेताओं की मदद के लिए किया गया, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और ब्रेक्सिट अभियान शामिल हैं.

कंपनी पर आरोप है कि उसने 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान मतदाताओं को डोनाल्ड ट्रंप के पक्ष में प्रभावित करने के लिए फेसबुक के पांच करोड़ उपयोगकर्ताओं की व्यक्तिगत जानकारियों का दुरुपयोग किया था. इस मामले के सामने आने के बाद फेसबुक और कैंब्रिज एनालिटिका दोनो को यूरोपीय संघ, ब्रिटेन समेत अमेरिका में भी कानूनी कार्रवाइयों का सामना करना पड़ रहा है. दोनों कंपनियां इस मामले को लेकर भारी आलोचना झेल रहीं हैं.

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फेसबुक विवाद: कैंब्रिज एनालिटिका का सीईओ निलंबित
फेसबुक उपयोगकर्ताओं की व्यक्तिगत जानकारियों का दुरुपयोग करने को लेकर विवादों में फंसी परामर्श कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका ने अपने मुख्य कार्यकारी अधिकारी अलैक्जेंडर निक्स को निलंबित कर दिया है. निक्स को उनके खिलाफ लंबित जांच को लेकर निलंबित किया गया है. निक्स ने ब्रिटेन के एक समाचार चैनल4 न्यूज के एक अंडरकवर रिपोर्टर को यह बताया था कि किस तरीके से मतदाताओं को प्रभावित किया गया था.

चैनल द्वारा 20 मार्च को प्रसारित वीडियो क्लिप में निक्स कह रहे हैं कि उनकी कंपनी ने 2016 राष्ट्रपति चुनाव मे ट्रंप की जीत में बड़ी भूमिका निभायी है. उन्होंने कहा कि कैंब्रिज एनालिटिका‘ सारी सूचनाएं... सारा आकलन... सारा क्रियान्वयन’ संभाल रही थी. उन्होंने दावा किया कि कंपनी ने कुछ समय बाद खुद ही मिट जाने वाले ई-मेल का इस्तेमाल भी किया था ताकि बाद में उसे पकड़ पाना मुश्किल हो. उन्होंने कहा, ‘‘अब कोई सबूत नहीं है, कोई कागजी निशान नहीं है, अब कुछ नहीं है.’’

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ईयू, ब्रिटिश सांसदों ने डेटा लीक पर फेसबुक से मांगा स्पष्टीकरण
यूरोपीय संघ (ईयू) और ब्रिटिश सांसदों ने मंगलवार (20 मार्च) को राजनीतिक मकसद से बड़े पैमाने पर निजी डेटा के दुरुपयोग का खुलासा होने के बाद सोशल मीडिया दिग्गज फेसबुक से इस डेटा सेंधमारी के लिए स्पष्टीकरण मांगा है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, यूरोपीय संसद के अध्यक्ष एंटोनियो ताजानी ने एक ट्वीट में कहा, "हमने मार्क जुकरबर्ग को यूरोपीय संसद में आमंत्रित किया है. फेसबुक को 50 करोड़ यूरोपीय नागरिकों के प्रतिनिधियों के सामने स्पष्टीकरण देने की जरूरत है कि निजी डेटा का इस्तेमाल लोकतंत्र में गड़बड़ी के लिए तो नहीं किया गया." ताजानी ने कहा, "अगर यह सही है तो हमारी निजी डेटा की चोरी अस्वीकार्य है और यह लोकतंत्र के लिए खतरा है."

(इनपुट एजेंसी से भी)

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