हक्कानी के खिलाफ देश को बदनाम करने का मामला दर्ज, अमेरिका में रहे हैं पाकिस्तान के राजदूत
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हक्कानी के खिलाफ देश को बदनाम करने का मामला दर्ज, अमेरिका में रहे हैं पाकिस्तान के राजदूत

पुलिस ने प्राथमिकियों में पाकिस्तान दंड संहिता की धाराओं 120 बी (आपराधिक षड़यंत्र रचने) और 121 ए (पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध छेड़ना) का प्रयोग किया है.

हक्कानी के खिलाफ देश को बदनाम करने का मामला दर्ज, अमेरिका में रहे हैं पाकिस्तान के राजदूत

इस्लामाबाद: अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी के खिलाफ पाकिस्तान की सेना और उसकी सरकार को बदनाम करने वाली किताबें एवं लेख लिखने और नफरत फैलाने वाले भाषण देने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है. ‘डॉन न्यूज’ ने बताया कि पश्चिमोत्तर पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में कोहाट जिले के दो पुलिस थानों में तीन लोगों द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकियों में हक्कानी का नाम है. मोमिन, मोहम्मद असगर और शमसुल हक ने कैंटोनमेंट और बिलिटांग पुलिस थानों में तीन प्राथमिकियां दर्ज कराईं.

  1. हक्कानी ने अमेरिका में वर्ष 2008 से 2011 तक राजदूत के रूप में सेवाएं दीं.
  2. मेमोगेट विवाद में कथित भूमिका के लिए हक्कानी को पद से हटा दिया गया था.
  3. पूर्व राजदूत पर देश को अपूरणीय क्षति पहुंचाने और बदनाम करने का आरोप.

शिकायकर्ताओं ने आरोप लगाया कि पूर्व राजदूत ने देश को अपूरणीय क्षति पहुंचाई और उसे बदनाम किया. असगर ने प्राथमिकी में आरोप लगाया कि मेमोगेट घोटाले में हक्कानी शामिल था और उसने अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत के तौर पर सेवाएं देते समय ‘सीआईए और भारतीय एजेंटों’ को वीजा जारी किए.

उन्होंने अमेरिका में वर्ष 2008 से 2011 तक राजदूत के रूप में सेवाएं दीं. मेमोगेट विवाद में कथित भूमिका के लिए उन्हें पद से हटा दिया गया था. पुलिस ने प्राथमिकियों में पाकिस्तान दंड संहिता की धाराओं 120 बी (आपराधिक षड़यंत्र रचने) और 121 ए (पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध छेड़ना) का प्रयोग किया है. एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि उचित प्रक्रिया के तहत हक्कानी को आत्मसमर्पण कर देना चाहिए अन्यथा उन्हें भगौड़ा घोषित किया जाएगा.

वर्ष 1992 से 1993 तक श्रीलंका में पाकिस्तान के राजदूत के रूप में भी सेवाएं दे चुके हक्कानी की ‘द वॉशिंगटन पोस्ट’ में छपे एक लेख के कारण संसद ने भी निंदा की थी. हक्कानी ने लिखा था कि उन्होंने अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन के खात्मे में अमेरिकी बलों की मदद की जबकि सरकार और आईएसआई को इस खुफिया अभियान के बारे में अंधेरे में रखा गया था.

(इनपुट एजेंसी से भी)

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