इमरान खान की पार्टी को सरकार बनाने के लिए 57 सीटों की दरकार है.
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इस्लामाबाद/नई दिल्ली: पाकिस्तान आम चुनाव में सबसे अधिक संसदीय सीटें जीतने के बाद अगली सरकार बनाने के मकसद से इमरान खान ने विभिन्न पार्टियों और निर्दलीय उम्मीदवारों से संपर्क करना शुरू कर दिया है. पार्टी अधिकारियों के अनुसार खान ने इस सप्ताह हुए संसदीय चुनाव में पाकिस्तान तहरीक- ए- इंसाफ (पीटीआई) को जीत दिलाने के इरादे से पार्टी का नेतृत्व किया. बहरहाल दक्षिण एशिया मामलों के विशेषज्ञों एवं पाकिस्तान पर्यवेक्षकों के बीच इस धारणा को लेकर समानता रही कि इस चुनाव में पाकिस्तान की ताकतवर सेना का काफी प्रभाव और दखल रहा. पाकिस्तान निर्वाचन आयोग के अनुसार नेशनल असेंबली (एनए) के जिन 270 सीटों पर चुनाव हुए, उनमें से अब तक 115 सीटें पीटीआई की झोली में आयी हैं. सरकार गठन के लिए 172 सीटें हासिल करना जरूरी है.
जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) 64 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर तो पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) 43 सीटों के साथ तीसरे स्थान पर है, जबकि निर्दलीय उम्मीदवारों के खाते में 13 सीटें आयी हैं. खान ने इस्लामाबाद में सऊदी के राजदूत नवाफ सईद अहमद अल-माल्लिकी से मुलकात की. दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की और पीटीआई सरकार के कार्यकाल के दौरान संबंधों को और प्रगाढ़ करने पर सहमत हुए.
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पीटीआई सूत्रों के अनुसार खान ने संघीय कैबिनेट और पंजाब में सरकार गठन को लेकर अपनी पार्टी के नेताओं से चर्चा की. पंजाब में सरकार गठन को लेकर पीएमएल-एन भी दौड़ में है. खान के विश्वस्त जहांगीर खान तरीन को निर्दलीय उम्मीदवारों से संपर्क करने का जिम्मा सौंपा गया है. तरीन ने मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (एमक्यूएमपी) के नेता खालिद मकबूल सिद्दिकी से बात की जिन्होंने बाद में चुनाव परिणाम को लेकर होने वाली एक सर्वदलीय बैठक में शिरकत से इनकार कर दिया था.
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कल हुई सर्वदलीय बैठक में आम चुनाव परिणाम को खारिज करते हुए फिर से निष्पक्ष चुनाव कराने की मांग की गई. इस्लामाबाद में हुई सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता पीएमएल-एन अध्यक्ष शाहबाज शरीफ और मुत्तादिदा मजलिस-ए-अमाल के अध्यक्ष मौलाना फजलुर रहमान ने की. कानून के अनुसार पाकिस्तान के राष्ट्रपति को सांसदों के शपथ ग्रहण और नये स्पीकर के चयन के लिये चुनाव के 21 दिन के अंदर नेशनल असेंबली का पहला सत्र आहूत करना चाहिए.
(इनपुट-भाषा)