पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी (एफएआई) ने रविवार(22 जुलाई) को पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और उसकी बहन सहित 20 संदिग्धों को 35 अरब रूपये धनशोधन के मामले में भगोड़ा घोषित किया है.
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इस्लामाबाद: पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी (एफएआई) ने रविवार(22 जुलाई) को पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और उसकी बहन सहित 20 संदिग्धों को 35 अरब रूपये धनशोधन के मामले में भगोड़ा घोषित किया है. एक्सप्रेस टिब्यून ने खबर दी है कि एफबीआई ने एक मशहूर बैंकर और आसिफ अली जरदारी के करीबी सहयोगी हुसैन लवई और अन्य संदिग्धों के खिलाफ अदालत में चालान पेश किया. पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सह अध्यक्ष और उनकी बहन फरयाल तालपुर के अलावा एक निजी बैंक के अध्यक्ष सहित 18 अन्य को चालान में भगोड़ा घोषित किया गया.
पाकिस्तान: पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और उनकी बहन के देश से बाहर जाने पर रोक
पाकिस्तान के आंतरिक मंत्रालय ने बुधवार को इस बात की पुष्टि की कि पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और उनकी बहन फरयाल तालपुर को सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर एक्जिट कंट्रोल लिस्ट (ईसीएल) में डाल दिया गया है, ताकि दोनों देश से बाहर नहीं जा सकें.
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, सर्वोच्च न्यायालय ने मंत्रालय को यह निर्देश फर्जी खातों और कई मुख्यधारा के बैंकों के जरिए अरबों मूल्य के हुए फर्जी लेनदेन की जांच से संबंधित एक मामले के संबंध में दिए थे. इन फर्जी खातों का इस्तेमाल रिश्वत के जरिए प्राप्त हुई भारी भरकम रकम को ठिकाने लगाने के लिए किया गया.
जरदारी और तालपुर सहित सात लोग कथित रूप से कुल 35 अरब रुपये के संदिग्ध लेनदेन के लिए खास बैंक खातों के इस्तेमाल में संलिप्त रहे हैं.सर्वोच्च न्यायालय ने मंत्रालय को ओदश दिया था कि जरदारी और तालपुर सहित सभी संदिग्ध लाभर्थियों और मामले में पहचाने जा चुके आरोपियों के नाम ईसीएल में डाल दिए जाएं. 'ताकि मामले की जांच पूरी होने तक या इस अदालत के अगले आदेश तक ये सभी लोग देश से बाहर नहीं जा सकें.'कार्यवाहक आंतरिक मंत्री आजम खान ने पुष्टि की कि सर्वोच्च न्यायालय ने मंत्रालय को निर्देश दिया है कि जरदारी और तालपुर के नाम सोमवार को ईसीएल में डाल दिए जाएं, और मंत्रालय ने आदेश का पालन किया.
इनपुट भाषा से भी