आतंकी हाफिज सईद की नजरबंदी बढ़ाने से हाई कोर्ट का इनकार, पाकिस्तान को सता रहा है डर
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आतंकी हाफिज सईद की नजरबंदी बढ़ाने से हाई कोर्ट का इनकार, पाकिस्तान को सता रहा है डर

पंजाब सरकार ने आतंकवाद रोधी कानून 1997 के तहत 31 जनवरी को सईद और उसके चार सहयोगियों को हिरासत में लिया था जो बाद में बढ़ा दिया गया. 

मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद. (फाइल फोटो)

लाहौर: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के न्यायिक समीक्षा बोर्ड ने मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और जमात-उद-दावा के सरगना हाफिज सईद की रिहाई का आदेश दिया है. वह जनवरी से नजरबंद था. नजरबंदी की मियाद को तीन महीने बढ़ाने के सरकार के आग्रह को खारिज करते हुए बोर्ड ने बुधवार (22 नवंबर) को सईद की रिहाई का आदेश दिया. बोर्ड ने कहा, ‘अगर जमात-उद-दावा का प्रमुख हाफिज सईद किसी अन्य मामले में वांछित नहीं है तो उसकी रिहाई का आदेश दिया जाता है.’ पिछले महीने बोर्ड ने सईद की हिरासत 30 दिनों के लिए बढ़ाने की इजाजत दी थी और यह मियाद इस सप्ताह पूरी हो जाएगी. बोर्ड के आदेश के बाद सईद की रिहाई का रास्ता साफ हो गया है.

  1. 11 नवंबर को हाफिज सईद के चार सहयोगी रिहा हो गये थे.
  2. आतंकी हाफिज सईद मुंबई हमले का मास्टरमाइंड है.
  3. पाकिस्तान सरकार कोर्ट में सईद के खिलाफ सबूत पेश नहीं कर सकी.

नजरबंदी की मियाद को तीन महीने बढ़ाने के सरकार के आग्रह को खारिज करते हुए बोर्ड ने बुधवार (22 नवंबर) को सईद की रिहाई का आदेश दिया. आदेश के अनुसार नजरबंदी की 30 दिनों की मियाद खत्म होते ही सईद को रिहा कर दिया जाएगा. यह मियाद अगले कुछ दिनों में खत्म होने वाली है. न्यायमूर्ति अब्दुल समी खान की अध्यक्षता वाले बोर्ड ने कहा, ‘अगर जमात-उद-दावा का प्रमुख हाफिज सईद किसी अन्य मामले में वांछित नहीं है तो उसकी रिहाई का आदेश दिया जाता है.’ अगर सरकार किसी दूसरे मामले में सईद को हिरासत में नहीं लेती है तो सईद अगले कुछ दिनों में बाहर आ सकता है.

पाकिस्तान की सरकार कोर्ट में हाफिज की रजरबंदी सईद ने पंजाब के गृह विभाग ओर से 24 अक्तूबर को दिए गए उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें कहा गया है कि सईद की नजरबंदी जन सुरक्षा कानून के तहत एक महीने के लिए और बढ़ाई जाए. इससे पहले पंजाब प्रांत की सरकार ने कहा था कि अगर सईद को छोड़ा गया तो पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है। इस बीच, पंजाब सरकार के एक सूत्र ने बताया कि सईद शायद बाहर नहीं आए क्योंकि सरकार उसे एक अन्य मामले में हिरासत में लेने पर विचार कर रही है। आधिकारिक सूत्र ने कहा, ‘सरकार मौजूदा हालात में सईद को आजाद करने का जोखिम मोल नहीं ले सकती। सईद को रिहा करने पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया हो सकती है।’

पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने प्रांतीय सरकार को नोटिस जारी कर सईद की नजरबंदी पर जवाब मांगा था. कानूनी अधिकारी के आग्रह को स्वीकार करते हुए उच्च न्यायालय ने सुनवाई 22 नवंबर के लिए स्थगित कर दी थी. पिछले महीने पंजाब न्यायिक समीक्षा बोर्ड ने सईद की नजरबंदी की मियाद 30 दिनों के लिए बढ़ा दी थी जो इस महीने के आखिरी सप्ताह में पूरी हो गई.

बीते 11 नवंबर को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की सरकार द्वारा जनवरी से मुंबई आतंकी हमले के साजिशकर्ता हाफिज सईद के साथ ऐहतियाती हिरासत में लिये गये उसके चार सहयोगी रिहा हो गये. अब्दुल्ला उबैद, मलिक जफर इकबाल, अब्दुल रहमान आबिद और काजी काशिफ हुसैन को रिहा किया गया क्योंकि न्यायिक समीक्षा बोर्ड ने उनकी हिरासत बढ़ाने से इंकार कर दिया.

इस साल 31 जनवरी को सईद और चार साथियों अब्दुल्ला उबैद, मलिक जफर इकबाल, अब्दुल रहमान आबिद और काजी कासिफ हुसैन को पंजाब की सरकार ने आतंकवाद विरोधी कानून-1997 और आतंकवाद विरोधी कानून की चौथी अनुसूची के तहत 90 दिनों के लिए नजरबंद किया था. हालांकि पिछले दो बार उनकी हिरासत की अवधि लोक सुरक्षा कानून के तहत बढ़ाई गई. गृह विभाग इन चारों की हिरासत और बढ़ाने को लेकर बोर्ड को राजी नहीं कर पाया था. अमेरिका ने सईद पर एक करोड़ डॉलर का ईनाम घोषित कर रखा है.

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