नासा निदेशक डॉक्टर एलेन ओचोआ ने कहा, 'हमारे पास 3 में से 1 अंतरिक्ष यात्री महिला है और इसलिए इस बात की गुंजाइश है कि चांद पर अगला कदम रखने वाला अंतरिक्ष यात्री कोई पुरुष नहीं, बल्कि महिला होगी.'
Trending Photos
नई दिल्ली: एक बार फिर इंसान चांद पर कदम रखने की तैयारी कर रहा है, हालांकि इस बार यह कारनामा एक महिला के नाम दर्ज हो सकता है. नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर की निदेशक के मुताबिक NASA में महिला अंतरिक्ष यात्रियों की भी अच्छी संख्या है. निदेशक डॉक्टर एलेन ओचोआ ने कहा, 'हमारे पास 3 में से 1 अंतरिक्ष यात्री महिला है और इसलिए इस बात की गुंजाइश है कि चांद पर अगला कदम रखने वाला अंतरिक्ष यात्री कोई पुरुष नहीं, बल्कि महिला होगी.'
हालांकि 1960 के दौर में नासा ने चांद पर महिलाओं के भेजने के आवेदन को सिरे से खारिज कर दिया था और कहा था कि उनका ऐसा कोई इरादा नहीं है कि महिला अंतरिक्ष यात्रियों को चांद पर भेजा जाए. दिलचस्प बात यह भी है कि जिन महिला अंतरिक्ष यात्रियों के आवेजन को खारिज किया गया था, उनमें एक नाम अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन का भी था
निदेशक डॉक्टर एलेन ओचोआ की मानें तो अगर महिला अंतरिक्ष यात्रियों को चांद पर जाने की इजाजत मिल गई जिसकी संभावना प्रबल दिख रही है, तो 1970 के बाद ऐसा पहली बार होगा कि महिलाएं चांद की धरती पर कदम रखेंगी. सैली राइड पहली अमेरिकी महिला थीं जो 1983 में अंतरिक्ष में गईं.
अमेरिका की विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने कई बार इस बात का जिक्र किया है कि वो अंतरिक्ष यात्री बनकर चांद पर जाना चाहती थीं. यही वजह थी कि 1961 में जब वे 14 साल की थीं तो उन्होंने चांद पर जाने के लिए NASA को आवेदन दिया था, लेकिन नासा ने यह कहते हुए कि वो लड़कियों और महिलाओं को आंतरिक्ष यात्री के तौर पर नहीं लेते... उनका आवेदन खारिज कर दिया.
अमेरिका अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के निजीकरण का इच्छुक
अमेरिका अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन का निजीकरण करने का इच्छुक है क्योंकि वह आने वाले कुछ वर्षों में इस महंगे अंतरिक्ष कार्यक्रम का वित्तपोषण बंद करना चाहता है. द वॉशिंगटन पोस्ट की 11 फरवरी की खबर में यह दावा किया गया है. अंतरिक्ष स्टेशन पृथ्वी की निचली कक्षा में है और इसका संचालन अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा करती है. इस स्टेशन को नासा ने अपने रूसी समकक्ष के साथ मिल कर संयुक्त रूप से विकसित किया है. अखबार में कहा गया है कि अमेरिका की योजना आईएसएस के निजीकरण की है.
आईएसएस में पृथ्वी की निचली कक्षा के वायुमंडल में वैज्ञानिक अध्ययन करने के लिए कनाडा, यूरोपीय और जापानी अंतरिक्ष एजेंसियों के सहयोग से अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ काम कर रहे हैं. अखबार को नासा का एक अंदरूनी दस्तावेज मिला है जिसमें कहा गया है ‘‘वर्ष 2025 तक आईएसएस के लिए सीधा संघीय सहयोग बंद करने का मतलब यह नहीं है कि तब तक यह मंच खुद ही बंद हो जाएगा.’’
इसमें आगे कहा गया है ‘‘यह संभव है कि उद्योग भावी वाणिज्यिक मंच के हिस्से के तौर पर आईएसस के कुछ हिस्सों को संचालित करता रहे.’’ खबर में कहा गया है ‘‘नासा अगले सात साल के दौरान अंतरराष्ट्रीय और वाणिज्यिक भागीदारी का विस्तार करेगा ताकि पृथ्वी की निचली कक्षा तक मानवीय पहुंच और उपस्थिति लगातार बनी रहे.’’
(इनपुट एजेंसी से भी)