पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, नवाज शरीफ ने प्रधानमंत्री रहते हुए भारत में 4.9 अरब डॉलर जमा किए थे.
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लाहौर : पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. पनामा पेपर्स लीक मामले में गद्दी से हाथ धो बैठे शरीफ पर अब मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे हैं. पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, नवाज शरीफ ने प्रधानमंत्री रहते हुए भारत में 4.9 अरब डॉलर जमा किए थे. पाकिस्तान के नेशनल अकाउंटिबिलिटी ब्यूरो (NAB) ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है.
पाकिस्तान के जीओ (Geo English) न्यूज ने सबसे पहले इस मामले को उठाया. मीडिया में आई रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लेते हुए एनबीए ने नवाज शरीफ पर जांच बैठा दी है. एनबीए के मुताबिक, शरीफ ने यह रकम भारत के वित्त मंत्रालय को भेजी गई थी.
एक बड़ी रकम भारत के खजाने में जमा करने से भारत में विदेशी मुद्रा भंडार अचानक बढ़ गया और पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडारण नीचे आ गया. इस घटना के बाद पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था चरमरा गई थी.
PML-N के अध्यक्ष पद से भी हटाया
नवाज शरीफ की मुसीबतें इतने पर भी खत्म नहीं हुईं. 21 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव अधिनियम के उल्लंघन की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा कि जो व्यक्ति संविधान के अनुच्छेद 62, 63 को पूरा नहीं करता है वह किसी भी राजनीतिक दल के अध्यक्ष का पद भी नहीं रख सकता. इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने नवाज शरीफ द्वारा पार्टी के प्रमुख के रूप में किए गए सभी फैसले को भी रद्द कर दिया. कोर्ट ने पाकिस्तान के चुनाव आयोग को भी निर्देश दिया कि नवाज शरीफ द्वारा चुनावों के लिए दिए गए टिकटों को भी रद्द किया जाए.
कोर्ट ने ठहराया था शरीफ को अयोग्य
पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने बीते 13 अप्रैल को नवाज शरीफ को जीवनभर के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था. पांच न्यायाधीशों की पीठ ने सर्वमत से अपने फैसले में कहा कि किसी सार्वजनिक पद पर आसीन व्यक्ति को आजीवन के लिए अयोग्य ठहराया जाता है. संविधान के अनुच्छेद 62 (1)(एफ) के अनुसार सार्वजनिक पद पर आसीन व्यक्ति को निश्चित शर्तों के अनुसार अयोग्य ठहराया जाता है, लेकिन अयोग्यता की अवधि तय नहीं की गयी है. 28 जुलाई, 2017 को पनामा पेपर्स मामले में अयोग्य ठहराया गया था.