नेपाल चुनाव: 88 सीटों पर जीत दर्ज कर बहुमत की ओर वामपंथी गठबंधन, ओली हो सकते हैं नए पीएम
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नेपाल चुनाव: 88 सीटों पर जीत दर्ज कर बहुमत की ओर वामपंथी गठबंधन, ओली हो सकते हैं नए पीएम

दो मधेसी पार्टियों फेडरल सोशलिस्ट पार्टी नेपाल और राष्ट्रीय जनता पार्टी ने अब तक पांच संसदीय सीटों पर कब्जा जमाया है.

नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री केपी ओली ने झापा-5 क्षेत्र से जीत दर्ज की. (फाइल फोटो)

काठमांडो: नेपाल में ऐतिहासिक संसदीय चुनाव में वामपंथी गठबंधन जीत की ओर अग्रसर है. प्रतिनिधिसभा के लिए अब तक घोषित 113 सीटों के परिणाम में से 88 पर वामपंथी गठबंधन ने जीत दर्ज की है. पूर्व प्रधानमंत्री के.पी.ओली के नेतृत्व वाली नेकपा-एमाले 64 सीटों पर जीत दर्ज कर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है. इसके साथ ही ओली के प्रधानमंत्री बनने की संभावना प्रबल हो गई है. निर्वाचन अयोग से जारी परिणाम के अनुसार, नेकपा-एमाले ने 64 सीटों पर और उसकी सहयोगी पार्टी पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहाल प्रचंड के नेतृत्व वाली नेकपा-माओवादी सेंटर ने 24 सीटों पर जीत दर्ज की है.

  1. चुनाव आयोग से जारी परिणाम के अनुसार नेकपा-एमाले ने 64 सीटें जीती हैं,
  2. जबकि उसके सहयोगी नेकपा-माओवादी केन्द्र ने 24 सीटों पर जीत दर्ज की है.
  3. सत्तारूढ़ नेपाली कांग्रेस को सिर्फ 13 सीटें मिली हैं.

पिछले चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी और वर्तमान सत्ताधारी नेपाली कांग्रेस को केवल 13 सीटें मिली हैं. अन्य को 12 सीटें मिली हैं. दो मधेसी पार्टियों को पांच सीटें मिली हैं. उपेंद्र यादव के नेतृत्व वाली फेडरल सोशलिस्ट फोरम को दो सीटें मिली हैं, वहीं महंत ठाकुर के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनता पार्टी को तीन सीटें मिली हैं. पूर्व प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टराई के नेतृत्व वाली नया शक्ति पार्टी को एक सीट मिली है. एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार को सफलता मिली है. प्रतिनिधि सभा की 165 सीटों में से 113 के परिणाम घोषित हो चुके हैं. बाकी बची सीटों के लिए मतगणना जारी है.

नेपाल में संसदीय और प्रांतीय विधानसभाओं के चुनाव के लिए दो चरणों में 26 नवंबर और सात दिसंबर को मतदान हुए थे. पहले चरण में 32 जिलों में चुनाव हुए थे, जिसमें से ज्यादातर पवर्तयीय इलाके शामिल थे. पहले चरण में 65 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया. दूसरे चरण में 67 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया. संसदीय सीटों के लिए हुए चुनाव में 1663 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.

इस ऐतिहासिक चुनाव के साथ ही नेपाल में राजतंत्र की समाप्ति के बाद 2008 में शुरू हुई द्विसदन संसदीय परंपरा में बदलाव की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. इससे करीब दो साल पूर्व माओवादी लड़ाकुओं के खिलाफ व्यापक युद्ध छेड़ा गया था. अब इस चुनाव प्रक्रिया के पूरा होने के साथ ही वर्ष 2015 के संविधान के मुताबिक, संसदीय परंपरा कामकाज संभालेगी. संविधान को अंतिम रूप देने के समय भी तराई इलाकों में व्यापक विरोध हुआ था. 

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