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काठमांडो: नेपाल ने विनाशकारी भूकंप की त्रासदी झेलने वाले लोगों के पुनर्वास के व्यापक अभियान को विदेशी बचाव दलों से अपने हाथ में लेते हुए इस सिलसिले में आज हजारों पुलिसकर्मी तथा सेना के जवानों को तैनात किया। भूकंप से मृतक संख्या कम से कम 7611 पहुंच गयी है जिनमें 41 भारतीय शामिल हैं।
नेपाली सरकार ने कल भारत और 33 अन्य देशों के बचाव दलों से राहत अभियान छोड़कर जाने को कहा था और आज अलग अलग इलाकों में नेपाली सेना और पुलिस के 1,31,500 से अधिक जवानों ने राहत अभियानों को संभाल लिया। सरकार ने कहा कि 25 अप्रैल को आये भूकंप के बाद की परिस्थिति में इस दुरह कार्य में विदेशी राहत कार्यकर्ताओं के 100 से ज्यादा दल सहयोग देंगे।
भारत के राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के जवानों समेत 500 से अधिक बचावकर्मियों के करीब 11 दल नेपाल से रवाना हो चुके हैं। नेपाल में 80 सालों में आये सबसे भयावह भूकंप के बाद सबसे ज्यादा मौजूदगी एनडीआरएफ के जवानों की थी। अधिकारियों ने कहा कि नेपाली सेना और पुलिस अब विदेशी दलों से बचाव कार्यों को अपने हाथ में ले लेगी।
एनडीआरएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारत के एनडीआरएफ के 16 में से चार दल आज हवाई मार्ग से चंडीगढ़ के लिए रवाना हुए। अधिकारी ने कहा कि तीन अन्य दल काठमांडो से सड़क रास्ते से पटना रवाना हुए। बाकी नौ दल एक या दो दिन में जाएंगे।
नेपाली सेना के प्रवक्ता जगदीश पोखरेल के अनुसार, देशों ने संकेत दिया है कि वे नेपाल छोड़ सकते हैं। भूकंप के बाद आज ग्यारहवां दिन है, इसलिए किसी के जीवित मिलने की संभावना बहुत कम है। उन्होंने कहा, कनाडा, बेल्जियम, फ्रांस, स्विट्जरलैंड, तुर्की, पाकिस्तान, अमेरिका, नीदरलैंड, पोलैंड और भारत के दल नेपाल से रवाना हो रहे हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि विदेशी बचाव दलों के नेपाल से निकलने की प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से चलेगी।
प्रवक्ता ने कहा, एक बार में सारे दल नहीं जाएंगे। उदाहरण के लिए एनडीआरएफ के करीब 158 जवान और 128 नागरिक इस देश से रवाना हो चुके हैं और बाकी अब भी यहां हैं। चरणबद्ध तरीके से यह करना होगा। संबंधित देश इस पर काम कर रहे हैं। नेपाल में करीब 4500 विदेशी बचाव कार्यकर्ता आये थे और मलबे से जीवित लोगों को निकालने के काम में लगे थे।
भूकंप के बाद मृतक संख्या लगातार बढ़ रही है और कम से कम 7611 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो गयी है। इनमें 41 भारतीय हैं। नेपाल पुलिस के अनुसार घायलों की संख्या 14456 पहुंच गयी है।
विनाशकारी भूकंप से नेपाल की 2.8 करोड़ आबादी में से करीब 80 लाख लोग प्रभावित हुए हैं और बचावकर्मियों के जाने के बाद बचे हुए राहत और पुनर्वास कार्यों को संभालने में इस देश की क्षमता की परीक्षा होगी।
भारतीय वायुसेना ने आज लांतांग इलाके में भारी हिमपात से कुछ मिनट पहले यहां भूकंप से पूरी तरह तबाह एक गांव से स्पेन के नौ बचावकर्मियों को बचा लिया जिनके साथ उनके दो कुत्ते थे।
भारत में स्पेन के राजदूत गुस्तावो डि अरिस्तेगुई ने कल वायु सेना के कार्यबल कमांडर एयर वाइस मार्शल उपकारजीत सिंह से मिलकर 17 स्पेनवासियों की तलाश में मदद करने को कहा था, जो अब भी लापता हैं। यह जानकारी नयी दिल्ली में रक्षा सूत्रों ने दी। स्पेन ने उनकी तलाश में परसों नौ बचावकर्मियों के उक्त दल को भेजा था।
नेपाली सेना ने आज एक सुदूर पर्वतीय क्षेत्र से आठ चीनी नागरिकों समेत 33 लोगों को बचाया। नेपाली सेना की बरदा बहादुर बटालियन के मेजर राजन दहल के अनुसार इन लोगों को एक हेलीकॉप्टर की मदद से डोलखा जिले के लामाबागर इलाके से बचाया गया। शक्तिशाली भूचाल के कारण करीब 1,91,058 घर और 10,744 सरकारी इमारतें पूरी तरह तबाह हो गयीं।
इस बीच आज प्रकाशित एक खबर के अनुसार नेपाल में 25 अप्रैल की आपदा के बाद यहां मकानों की सुरक्षा की पड़ताल करने के लिए 2,000 से अधिक इंजीनियर स्वेच्छा से लगे थे और आज शाम तक उन्होंने 13000 मकानों की जांच की। इनमें से आधे घर रहने के लिहाज से सही पाये गये। 20-25 प्रतिशत मकान ठीक नहीं हैं और बाकी की मरम्मत की जरूरत है।