पाकिस्तान सेना ने कहा, कुलभूषण जाधव की क्षमा याचिका पर फैसला करने के करीब
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पाकिस्तान सेना ने कहा, कुलभूषण जाधव की क्षमा याचिका पर फैसला करने के करीब

कानून के तहत वह सेना प्रमुख से माफी मांगने के हकदार हैं और इसके खारिज होने पर वह पाकिस्तानी राष्ट्रपति का रुख कर सकते हैं.

पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने 46 साल के कुलभूषण जाधव को मौत की सजा सुनाई थी. (फाइल फोटो)

इस्लामाबाद: पाकिस्तानी सेना ने गुरुवार (5 अक्टूबर) को कहा कि वह भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की क्षमा याचिका पर फैसला करने के करीब है. जाधव को जासूसी के आरोप में सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई है. पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने 46 साल के जाधव को पाकिस्तान के खिलाफ ‘‘जासूसी एवं विध्वंसक गतिविधियों में उनकी कथित संलिप्तता’’ के आरोपों को लेकर इस साल अप्रैल में मौत की सजा सुनायी थी. सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफ्फूर ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘कुलभूषण जाधव की दया याचिका सेना प्रमुख के पास है. एक प्रक्रिया है, हर चीज प्रक्रिया से होकर गुजरती है लेकिन मैं आश्वस्त कर सकता कि यह अंतिम फैसले के करीब है और आपको इसके बारे में जल्द ही पता चल जाएगा.’’ अपीलीय अदालत द्वारा याचिका खारिज करने के बाद जाधव ने जून में पाकिस्तानी सेना प्रमुख के पास दया याचिका भेजी थी. कानून के तहत वह सेना प्रमुख से माफी मांगने के हकदार हैं और इसके खारिज होने पर वह पाकिस्तानी राष्ट्रपति का रुख कर सकते हैं.

  1. जाधव को जासूसी के आरोप में सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई है.
  2. जाधव का मामला फिलहाल अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में है. 
  3. जाधव ने जून में पाकिस्तानी सेना प्रमुख के पास दया याचिका भेजी थी.

इससे पहले बीते 29 सितंबर को अफगानिस्तान के एनएसए द्वारा एक आतंकवादी को रिहा करने के बदले भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को छोड़ने की पेशकश संबंधी पाकिस्तान के दावे को खारिज करने का जिक्र करते हुए भारत ने कहा था कि यह इस्लामाबाद के काल्पनिक झूठ की फेहरिस्त में एक और झूठ है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ ने कहा था कि उन्हें एक एनएसए के साथ मुलाकात में अफगानिस्तान की जेल में बंद एक आतंकवादी के बदले जाधव को सौंपने का प्रस्ताव मिला था जिसके बाद यह प्रतिक्रिया आई. हालांकि ख्वाजा ने एनएसए की पहचान उजागर नहीं की और ना ही उस आतंकवादी का नाम बताया जिसे छोड़ने की बात आई है.

आसिफ के दावे का विरोध करते हुए अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोहम्मद हनीफ अतमार के कार्यालय ने बयान जारी करते हुए कहा कि न्यूयॉर्क में 21 सितंबर को पाकिस्तान के विदेश मंत्री के साथ उनकी मुलाकात के दौरान भारत या किसी भारतीय नागरिक का कोई उल्लेख या संदर्भ नहीं आया था. आसिफ ने 26 सितंबर को न्यूयॉर्क में एशिया सोसायटी में एक कार्यक्रम में कहा था कि पाकिस्तान को एक आतंकवादी के बदले जाधव को छोड़ने का प्रस्ताव मिला था. इस आतंकवादी ने 2014 में पेशावर के स्कूल पर हमला किया था और अब अफगानिस्तान की जेल में बंद है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने पुरजोर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि अफगान एनएसए के बयान से लगता है कि आसिफ का बयान पाकिस्तानी संस्थाओं द्वारा बोले गये काल्पनिक झूठों की लंबी फेहरिस्त में शामिल एक और झूठ है. अतमार के दफ्तर से जारी बयान में कहा गया कि बैठक में दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय सहयोग समेत अनेक मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की थी.

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