अमेरिका ने कहा कि पाकिस्तान में आतंकियों को ट्रेनिंग मिलती है और लश्कर-ए-तैयबा व जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठन पाकिस्तान की जमीन से ही संचालित होते हैं.
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नई दिल्ली: अमेरिका ने आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया करने वाले देशों की सूची में बुधवार (19 जुलाई) को पाकिस्तान को शामिल करते हुए कहा कि ‘लश्कर ए तैयबा’ और ‘जैश ए मोहम्मद’ जैसे आतंकवादी संगठनों ने देश के अंदर 2016 में संचालित होना, प्रशिक्षण देना, संगठित होना और धन जुटाना जारी रखा. विदेश विभाग ने अमेरिकी कांग्रेस को सौंपी अपनी सालाना ‘कंट्री रिपोर्ट ऑन टेररिज्म’ रिपोर्ट में कहा है कि पाकिस्तानी सेना और सुरक्षा बलों ने पाकिस्तान के अंदर हमले करने वाले तहरीक ए पाकिस्तान जैसे संगठनों के खिलाफ हमले किए.
विदेश विभाग ने कहा, ‘पाकिस्तान ने अफगान तालिबान या हक्कानी के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं की, ना ही अफगानिस्तान में अमेरिकी हितों के लिए खतरा पेश करने वाली उनकी क्षमता सीमित की. हालांकि, पाकिस्तान ने अफगान नीत शांति प्रक्रिया में दोनों संगठनों को लाने की कोशिशों का समर्थन किया.’
The (Pakistan) government did not take any significant action against LeT or JeM: US State Department's Country Reports on Terrorism 2016
— ANI (@ANI_news) July 19, 2017
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘पाकिस्तान ने दूसरे देशों को निशाना बनाने वाले लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद जैसे संगठनों के खिलाफ 2016 में उपयुक्त कार्रवाई नहीं की. इन संगठनों ने पाकिस्तान में संचालित होना, प्रशिक्षण देना, संगठित होना और धन जुटाना जारी रखा है.’ इसने कहा कि भारत पर हमले जारी हैं जिनमें माओवादियों और पाक आधारित आतंकवादियों के हमले शामिल हैं. इसने कहा कि भारतीय अधिकारियों ने जम्मू कश्मीर में सीमा पार से होने वाले हमलों के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराना जारी रखा है.
विदेश विभाग ने कहा कि जनवरी 2016 में पंजाब के पठानकोट में एक आतंकी हमला हुए था जिसके लिए जैश ए मोहम्मद को जिम्मेदार ठहराया गया था. इसके बाद भारत सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ सहयोग मजबूत करने और अमेरिका के साथ सूचना साझा करने की अपील की थी.
Pak failed to take significant action to constrain ability of Afghan Taliban & HQN to operate from Pak-based safe havens:US State Dep report
— ANI (@ANI_news) July 19, 2017
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत सरकार ने आईएसआईएस और अलकायदा इन द इंडियन सबकांटीनेंट (एक्यूआईएस) जैसे आतंकी संगठनों से पैदा होने वाले खतरों पर करीबी निगरानी जारी रखी है. भारत के अंदर हमले की साजिश रचने और आईएसआईएस से जुड़ी भर्तियों को लेकर कई गिरफ्तारियां भी हुई हैं.
LeT and JeM continued to hold rallies, raise money, recruit, and train in Pakistan: US State Department's Country Reports on Terrorism 2016
— ANI (@ANI_news) July 19, 2017
वहीं, एक अलग अध्याय में विदेश विभाग ने पाकिस्तान को आतंकवाद के लिए सुरक्षित पनाहगाहों की सूची में शामिल किया है. विदेश विभाग ने कहा है कि हक्कानी नेटवर्क, लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद सहित कई आतंकी संगठनों ने 2016 में पाकिस्तानी सरजमीं से संचालित होना जारी रखा.
इसने कहा कि हालांकि लश्कर ए तैयबा पाकिस्तान में प्रतिबंधित है, जबकि लश्कर की शाखा जमात उद दावा और फलह ए इंसानियत फाउंडेशन खुल कर धन एकत्र कर रहे हैं. इसने इस बात का जिक्र किया है कि लश्कर ए तैयबा प्रमुख हाफिज सईद का विशाल रैलियों को संबोधित करना जारी है. उसने फरवरी 2017 में भी रैलियों को संबोधित किया.
अमेरिका ने आतंकवाद के प्रायोजक देशों की सूची में ईरान, सूडान, सीरिया को बनाए रखा
अमेरिका ने बुधवार (19 जुलाई) को कहा कि सूडान और सीरिया के साथ ईरान अब भी दुनिया में आतंकवाद के शीर्ष प्रायोजकों देशों में शामिल है. तीनों देश पिछले कई दशकों से अमेरिका की इससे जुड़ी सूची में शामिल हैं. ईरान को 1984 में आतंकवाद के प्रायोजक देश की संज्ञा दी गयी थी जबकि सूडान के साथ 1993 में ऐसा किया गया था. वहीं सीरिया को 1979 में यह संज्ञा दी गयी थी.
अमेरिकी विदेश विभाग ने कांग्रेस को सौंपी गयी अपनी वार्षिक रिपोर्ट में आरोप लगाया कि सीरिया की बशर अल असद सरकार ने सीरियाई संकट के छठे साल में प्रवेश करने के साथ क्षेत्र की स्थिरता को प्रभावित करने वाले कई आतंकी समूहों को राजनीतिक एवं सैन्य मदद देना जारी रखा है.
रिपोर्ट में कहा गया कि ईरान ने 2016 में भी आतंकवादियों से संबंधित अपनी गतिविधि जारी रखी जिसमें हिज्बुल्ला, गाजा में फलस्तीनी आतंकी समूहों और सीरिया, इराक एवं पूरे पश्चिम एशिया में कई समूहों की मदद करना शामिल है.
इसमें आरोप लगाया कि ईरान ने विदेश नीति के लक्ष्यों को लागू करने, खुफिया अभियानों को सुरक्षा प्रदान करने तथा पश्चिम एशिया में अस्थिरता पैदा करने के लिए इस्लामिक रेवोल्यूशनरी गार्ड कोर-कोड्स फोर्स :आईआरजीसी-क्यूएफ: का इस्तेमाल किया.