पाक पुलिस ने लश्कर-ए-झांगवी प्रमुख और 13 अन्य को मार गिराया
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पाक पुलिस ने लश्कर-ए-झांगवी प्रमुख और 13 अन्य को मार गिराया

पाकिस्तान के प्रतिबंधित कट्टरपंथी संगठन लश्कर-ए-झांगवी के प्रमुख मलिक इशहाक, उसके दो बेटों और अलकायदा से जुड़े इस समूह के 11 शीर्ष सदस्यों की पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में हुई ‘मुठभेड़’ में मौत हो गयी है। 

पाक पुलिस ने लश्कर-ए-झांगवी प्रमुख और 13 अन्य को मार गिराया

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रतिबंधित कट्टरपंथी संगठन लश्कर-ए-झांगवी के प्रमुख मलिक इशहाक, उसके दो बेटों और अलकायदा से जुड़े इस समूह के 11 शीर्ष सदस्यों की पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में हुई ‘मुठभेड़’ में मौत हो गयी है। 

पुलिस ने आज बताया कि देश में शिया अल्पंसख्यकों पर हुए विभिन्न जानलेवा हमलों के पीछे अलकायदा से जुड़े इस संगठन का हाथ रहा है। पुलिस ने बताया कि इशहाक और उसके बेटों को पिछले सप्ताह गिरफ्तार किया गया था। तीनों को दूसरे स्थान पर ले जाया जा रहा था उसी दौरान पंजाब प्रांत के मुजफ्फरगढ़ जिले में कल देर रात बंदूकधारी लोगों के समूह ने उन्हें छुड़ाने का प्रयास किया। इसी दौरान सुरक्षा बलों के साथ उनकी मुठभेड़ हुई।

एलईजे प्रमुख, जिसकी उम्र 55-56 वर्ष के आसपास रही होगी, की मौत को संगठन के लिए बहुत बड़ा झटका माना जा रहा है। संगठन सैकड़ों की संख्या में शिया मुसलमानों की हत्या में शामिल रहा है और इस्लामिक स्टेट के साथ संबंध कायम करने का भी आरोपी है। पुलिस ने बताया कि अल्पसंख्यक शिया समुदाय के खिलाफ दर्जनों हमलों की योजना बनाने का आरोपी इशहाक, उसके बेटों उस्मान और हक नवाज तथा संगठन के 11 अन्य शीर्ष सदस्य इस मुठभेड़ में मारे गए।

उन्होंने बताया कि दो घंटे से ज्यादा देर तक चले इस मुठभेड़ में कम से कम छह पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। शीर्ष पुलिस अधिकारी ने बताया कि इशहाक, उसके बेटों और तीन अन्य उग्रवादियों को काउंटर-टेररिज्म डिपार्टमेंट (सीटीडी) की टीम हथियारों की बरामदगी के लिए मुजफ्फरगढ़ के शाहवाला लेकर गयी थी। वापस लौटते वक्त एलईजे के उग्रवादियों ने काफिले पर हमला किया।

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘हमलावरों ने उग्रवादियों को छुड़ा लिया था और बाइक पर भाग रहे थे।’ हालांकि उग्रवादी जिस रास्ते से भाग रहे थे, उसी से गुजर रहे सीटीडी के एक अधिकारी ने घटना की सूचना मिलने के बाद उग्रवादियों को चुनौती दी। इसके बाद दोनों पक्षों में भीषण मुठभेड़ शुरू हो गयी।

उन्होंने बताया, ‘मुठभेड़ में, जिसमें इशहाक और उसके दो बेटों सहित 14 उग्रवादी मारे गए।’ सीटीडी प्रवक्ता के हवाले से स्थानीय मीडिया में खबर दी है कि हमलावरों ने इशहाक के गिरफ्तार होने के डर से उसकी हत्या कर दी। पंजाब के रहीमयार खान जिले का रहने वाला इशहाक 1990 के दशक में गठित इस संगठन के संस्थापकों में से एक था। वह विभिन्न हत्याओं में शामिल रहा था और 1997 में गिरफ्तार भी हुआ था। 14 वर्षों तक जेल काटने के बाद वह 2011 में रिहा हुआ।

मीडिया में आयी खबरों के अनुसार, पाकिस्तान में इशहाक की इतना दहशत थी कि अदालत में न्यायाधीशों ने उससे अपने चेहरा छुपाए रखा और अदालत कक्ष के भीतर उसे चाय और बिस्कुट के लिये भी पूछा। अतीत में साक्ष्यों के अभाव में अदालतों ने उसे बरी भी किया है। ऐसा माना जाता है कि 2009 में श्रीलंकाई क्रिकेट टीम पर लाहौर में हुए हमलों के पीछे भी इशहाक का ही दिमाग था।

अल-कायदा से जुड़े एलईजे ने जनवरी 2013 में दक्षिणपश्चिमी शहर क्वेटा में हुए विस्फोटों की जिम्मेदारी ली थी। उन विस्फोटों में शिया हजारा समुदाय के सौ से ज्यादा लोग मारे गए थे। एक दशक से भी ज्यादा पहले तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने संगठन को प्रतिबंधित कर दिया था।

फरवरी 2013 में लश्कर-ए-झांगवी ने इसी इलाके में किए गए एक अन्य हमले की जिम्मेदारी ली थी। इस हमले में हजारा समुदाय के लगभग 80 सदस्य मारे गए थे।
कहा जा रहा है कि हमले में इशहाक के अलावा उसका सहायक गुलाम रसूल भी मारा गया है।

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