भगत सिंह पर चलाए गए मुकदमे की फाइलों को सार्वजनिक करेगा पाकिस्तान
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भगत सिंह पर चलाए गए मुकदमे की फाइलों को सार्वजनिक करेगा पाकिस्तान

पंजाब सरकार के एक अधिकारी ने कहा, देश के लोगों को ब्रिटिश राज से आजादी पाने की खातिर भगत सिंह और उनके साथियों की ओर से किए गए संघर्ष के बारे में जानने का हक है.

भगत सिंह पर चलाए गए मुकदमे की फाइलों को सार्वजनिक करेगा पाकिस्तान

लाहौर: पाकिस्तान सरकार भारतीय स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह पर चलाए गए मुकदमे की फाइल सहित कई अन्य ऐतिहासिक दस्तावेज सोमवार को पहली बार प्रदर्शित करेगी. मुख्य सचिव जाहिद सईद की अध्यक्षता में पंजाब सरकार के शीर्ष नौकरशाहों की एक बैठक में यह फैसला किया गया. इस बैठक में भगत सिंह को‘‘ भारत एवं पाकिस्तान दोनों का हीरो’’ करार दिया गया.

  1. पंजाब सरकार का फैसला भगत सिंह के मुकदमें से जुड़ी फाइलें सार्वजनिक की जाएं
  2. लाहौर स्थित अनारकली मकबरे में प्रदर्शित की जाएंगे दस्तावेज
  3. भगत सिंह जो किताबें और क्रांतिकारी साहित्य पढ़ते थे, उसे प्रदर्शित किया जाएगा

'भगत सिंह भारत और पाकिस्तान दोनों के हीरो थे'
पंजाब सरकार के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘ बैठक में फैसला किया गया कि भगत सिंह भारत और पाकिस्तान दोनों के स्वतंत्रता आंदोलन के हीरो थे. देश के लोगों को ब्रिटिश राज से आजादी पाने की खातिर उनके (भगत सिंह) और उनके साथियों की ओर से किए गए संघर्ष के बारे में जानने का हक है.’’ यह प्रदर्शनी लाहौर स्थित अनारकली मकबरे में होगी, जिसमें पंजाब के अभिलेख विभाग का दफ्तर है.

अधिकारी ने कहा कि भगत सिंह जब जेल में थे उस वक्त अपने पिता को लिखी गई चिट्ठी, खुद को एवं अन्य साथियों को राजनीतिक कैदी घोषित कर देने के बाद ए श्रेणी पाने के लिए लिखे गए खत, किताबें, अखबार और भूमिगत होने के दौरान जिस होटल में ठहरे उस होटल के रिकॉर्ड भी प्रदर्शित किए जाएंगे. भगत सिंह ने सुविधाएं हासिल करने के लिए जो चिट्ठियां लिखी उन पर उनके दस्तखत हैं.

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अधिकारी ने कहा, ‘‘ अहम बात यह है कि क्रांतिकारी नेता ने अपने हर आवेदन के अंत में आपका आभारी या आपका आज्ञाकारी जैसी चीजें नहीं लिखीं. बल्कि उन्होंने‘ आपका...’ वगैरह वगैरह लिखा, जिससे अत्याचार के समय भी उनके विद्रोह की झलक मिलती है.’’ 

कई दस्तावेज और फाइलें प्रदर्शित की जाएंगी
सोमवार को  जिन मुकदमों की फाइलें प्रदर्शित की जाएंगी उनमें अदालत के वे आदेश भी होंगे जिसके तहत भगत सिंह और उनके साथी राजगुरू एवं सुखदेव को दोषी ठहराया गया. ब्लैक वॉरंट और जेलर की वह रिपोर्ट भी प्रदर्शित की जाएगी जिससे उन्हें फांसी दिए जाने की पुष्टि हुई. 

भगत सिंह जो किताबें, उपन्यास और क्रांतिकारी साहित्य पढ़ते थे, उन्हें भी प्रदर्शित किया जाएगा. वह जहां रहते थे उन जगहों के बारे में भी बताया जाएगा. पंजाब ट्रैजेडी, जख्मी पंजाब, गंगा दास डाकू, सुल्ताना डाकू, दि एवोल्यूशन ऑफ सिन फाइन और हिस्ट्री ऑफ दि सिन फाइन मूवमेंट जैसी किताबें भी प्रदर्शित की जाएंगी.

भगत सिंह को 23 साल की उम्र में लाहौर में 23 मार्च 1931 को ब्रिटिश शासकों ने फांसी दे दी थी. उन पर अंग्रेज सरकार के खिलाफ साजिश रचने के आरोप में मुकदमा चलाया गया. ब्रिटिश पुलिस अधिकारी जॉन पी सौंडर्स की कथित हत्या के मामले में भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरू के खिलाफ केस दाखिल किया गया था.

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