अमेरिकी कमांडर ने खोली पोल, कहा- पाकिस्तान का मकसद भारत को नुकसान पहुंचाना
Advertisement

अमेरिकी कमांडर ने खोली पोल, कहा- पाकिस्तान का मकसद भारत को नुकसान पहुंचाना

लेफ्टिनेंट जनरल केनेथ मैकेंजी का जवाब ऐसे वक्त आया है जब ट्रंप ने हाल ही में इमरान को पत्र लिख कर अफगान शांति वार्ता में मदद मांगी है.

.(फाइल फोटो)

वॉशिंगटन: अमेरिका के एक शीर्ष कमांडर ने इस बात पर रोष जताया कि पाकिस्तान अपनी जमीन पर आतंकवादी गुटों को सुरक्षित पनाहगाह नहीं बनाने देने की दिशा में ठोस कदम उठाने में विफल रहा है. साथ ही उन्होंने सांसदों को बताया कि पाकिस्तान लगातार अफगान तालिबान का इस्तेमाल भारत के खिलाफ कर रहा है. मरीन कोर के लेफ्टिनेंट जनरल केनेथ मैकेंजी का यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अफगानिस्तान शांति वार्ता में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से मदद मांगे जाने के कुछ दिनों बाद आया है. ट्रंप प्रशासन ने अमेरिका के अफगानिस्तान में चले सबसे लंबे युद्ध के बाद बातचीत के जरिए कोई हल निकालने के प्रयास तेज कर दिए हैं. 

इस युद्ध में अमेरिका के 2,400 से अधिक सैनिक मारे गए हैं. उधर तालिबान अमेरिका नीत अंतरारष्ट्रीय बलों को देश से भगाने और फिर से अपना शासन स्थापित करने के लिए संघर्ष कर रहा है. मैकेंजी ने यूस सेंट्रल कमांड के कमांडर (सेंटकॉम) पद पर नियुक्ति के लिए सुनवाई के दौरान सीनेट की सशस्त्र सेवा समिति से कहा, ‘‘अफगनिस्तान में दीर्घकालिक स्थायित्व के लिए पाकिस्तान अनिवार्य तत्व है. ’’

fallback

उन्होंने कहा कि तालिबान और अफगानिस्तान की सरकार के बीच बातचीत कराने में पाकिस्तान अहम भूमिका निभा सकता है.  उन्होंने कहा, ‘‘मैं उस प्रगति का स्वागत करूंगा.  हालांकि, इस वक्त ऐसा नहीं लगता कि तालिबान को वार्ता की मेज तक लाने में पाकिस्तान अपने प्रभाव का पूरा इस्तेमाल कर रहा है. ’’ मैकेंजी ने सुनवाई के दौरान कहा, ‘‘हम लगातार देखते आ रहे हैं कि स्थायी तथा सामंजस्यपूर्ण अफगानिस्तान का हिस्सा बनने की बजाए तालिबान का इस्तेमाल भारत के खिलाफ किया जा रहा है. ’’

मैकेंजी का यह जवाब ऐसे वक्त आया है जब ट्रंप ने हाल ही में इमरान को पत्र लिख कर अफगान शांति वार्ता में मदद मांगी है. व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के एक प्रवक्ता ने पीटीआई से कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रधानमंत्री खान को एक पत्र भेजा है जिसमें अमेरिका नीत अफगान शांति प्रक्रिया तथा विशेष प्रतिनिधि जलमय खलीलजाद की क्षेत्र में होने वाली यात्रा में पाकिस्तान का पूरा सहयोग मांगा गया है.

उन्होंने कहा, ‘‘पत्र में राष्ट्रपति ने कहा है कि पाकिस्तान में क्षमता है कि वह अपनी जमीन को तालिबान का सुरक्षित पनाहगाह नहीं बनने दे. ’’ मैकेंजी ने सांसदों से कहा कि वह अफगानिस्तान के प्रति अथवा आतंकवाद के प्रति पाकिस्तान के रवैये में कोई खास परिवर्तन नहीं देखते. उन्होंने कहा कि दक्षिण एशिया रणनीति पर पाकिस्तान के सकारात्मक रवैए के बावजूद हिंसक कट्टरपंथी संगठन अफगानिस्तान की सीमा से लगते उसके क्षेत्र में सक्रिय हैं. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में स्थिर सरकार पाकिस्तान के दीर्घकालिक हित में है.

अफगानिस्तान के लिए अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि जलमय खलीलजाद ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से मंगलवार को इस्लामाबाद में मुलाकात की. मैकेंजी ने बताया कि यह बैठक आगे का रास्ता तलाशने के लिए थी.  कोई भी समझौता किसी प्रकार के सहयोग अथवा पाकिस्तान के बिना होना मुश्किल है. उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान इस बात से वाकिफ है कि अफगानिस्तान में किसी नतीजे के लिए उसके सहयोग की आवश्यकता होगी. मेरा मानना है कि हमें इस काम को इतना आकर्षक बनाना है जिससे उन्हें लगे कि ऐसा करना उसके सर्वश्रेष्ठ हित में है. ’’ उन्होंने अफगानिस्तान से अमेरिकी बलों को वापस बुलाने की समयसीमा पर कुछ भी बोलने से इनकार किया.  

इनपुट भाषा से भी 

Trending news