पाकिस्तान में और बिगड़े हालात, इस्लामाबाद ने भारत पर फोड़ा अपनी नाकामी का ठीकरा
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पाकिस्तान में और बिगड़े हालात, इस्लामाबाद ने भारत पर फोड़ा अपनी नाकामी का ठीकरा

तहरीक-ए-लाबैक या रसूल अल्ला और अन्य धार्मिक समूह खत्म-ए-नबुव्वत में बदलाव या चुनाव अधिनियम 2017 में पैगंबरी की शपथ को अंतिम रूप देने के लिये विधि मंत्री जाहिद हामिद का इस्तीफा मांग रहे हैं.

कराची में एयरपोर्ट की ओर जाने वाले रास्ते को बंद करता तहरीक-ए-लाबैक एक समर्थक. (Reuters/25 Nov, 2017)

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के गृह मंत्री अहसान इकबाल ने शनिवार (25 नवंबर) को दावा किया कि पिछले दो सप्ताह से अधिक समय से इस्लामाबाद में प्रदर्शन कर रही कट्टरपंथी धार्मिक पार्टियों ने भारत से संपर्क किया था और सरकार इस बात की जांच कर रही है कि उन्होंने ऐसा क्यों किया. इकबाल ने अपने दावे के बारे में कोई ब्योरा नहीं दिया. डॉन न्यूज को दिये गए साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में एकत्र हुए सैकड़ों प्रदर्शनकारी साधारण लोग नहीं थे. उन्होंने कहा, ‘‘हम देख सकते हैं कि उनके पास विभिन्न संसाधन हैं. उन्होंने आंसू गैस के गोले (सुरक्षा बलों पर) दागे हैं. उन्होंने अपने प्रदर्शन की निगरानी कर रहे कैमरों के फाइबर ऑप्टिक केबल भी काट दिए.’’

  1. सितंबर में पारित चुनाव अधिनियम 2017 में बदलावों को लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं.
  2. 2,000 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ 8,000 से अधिक सुरक्षा कर्मियों ने हिस्सा लिया.
  3. प्रदर्शनकारी फैजाबाद मोड़ पर करीब तीन सप्ताह से कब्जा जमाये बैठे हैं.

इकबाल ने दावा किया कि प्रदर्शनकारियों ने भारत से भी संपर्क किया था. इकबाल ने कहा, ‘‘उन्होंने ऐसा क्यों किया, हम इसकी जांच कर रहे हैं. उनके पास अंदरूनी सूचना और संसाधन हैं, जिसका राज्य के खिलाफ इस्तेमाल किया जा रहा है.’’ तहरीक-ए-लाबैक या रसूल अल्ला और अन्य धार्मिक समूहों के तकरीबन 2000 कार्यकर्ता इस्लामाबाद में छह नवंबर से प्रदर्शन कर रहे हैं. वे खत्म-ए-नबुव्वत में बदलाव या चुनाव अधिनियम 2017 में पैगंबरी की शपथ को अंतिम रूप देने के लिये विधि मंत्री जाहिद हामिद का इस्तीफा मांग रहे हैं.

पाकिस्तान में प्रधानमंत्री पद से अयोग्य करार दिए गए नवाज शरीफ के आवास की ओर जाने वाली सभी सड़कों को बंद कर दिया गया है और सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को आवास तक पहुंचने से रोकने के लिए पुलिस कमांडो तैनात किए गए हैं. एक पुलिस अधिकारी ने शनिवार (25 नवंबर) को इसकी जानकारी दी. तहरीक-ए-खत्म-ए-नबुवत, तहरीक-ए-लब्बैक या रसूल अल्लाह (टीएलवाईआर) और सुन्नी तहरीक पाकिस्तान के करीब 2000 कार्यकर्ताओं ने पिछले दो सप्ताह से ज्यादा समय से इस्लामाबाद एक्सप्रेसवे और मुर्री रोड़ को अवरुद्ध किया हुआ है. यह सड़क इस्लामाबाद को इसके एकमात्र हवाईअड्डे और सेना के गढ़ रावलपिंडी को जोड़ती है.

प्रदर्शनकारी खत्म-ए-नबुवत के उल्लेख के संदर्भ में चुनाव अधिनियम 2017 में बदलावों को लेकर कानून मंत्री जाहिद हमीद के इस्तीफे की मांग कर रहे थे. लाहौर के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘हमने जाति उमरा रायविंड में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के आवास की ओर जाने वाली सड़कों पर एलीट पुलिस कमांडो तैनात किए हैं. उन सभी जगहों पर बड़ी संख्या में पुलिस का दल तैनात किया है जहां शहर में प्रदर्शन हो रहे हैं.’ उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति में शरीफ और उनके परिवार के सदस्यों को सड़क मार्ग से यात्रा ना करने की सलाह दी गई है.

अधिकारी ने यह भी बताया कि एक अतिरिक्त पुलिस बल को शाहदरा भेजा गया है ताकि वहां प्रदर्शनकारियों द्वारा बंधक बनाए गए पुलिसकर्मियों को बचाया जा सकें. प्रदर्शनकारियों ने पुलिस स्टेशन को घेर लिया था जिससे पुलिसकर्मियों को मजबूरन अपने आप को अंदर बंद करना पड़ा. प्रदर्शनकारियों ने शाहदरा में पुलिस थाने के बाहर पुलिस वाहनों को भी फूंक दिया.

शरीफ ने जाति उमरा स्थित अपने आवास पर शनिवार (25 नवंबर) को एक बैठक की अध्यक्षता भी की जिसमें प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी शामिल हुए. उन्होंने देश में प्रदर्शनों से उपजी स्थिति पर चर्चा की. पार्टी के एक सूत्र ने कहा, ‘‘अब्बासी ने नवाज शरीफ के निर्देश पर मीडिया ब्लैक आउट के आदेश दिए हैं.’’ 

पाकिस्तान: पुलिस से हिंसक झड़प में एक की मौत, 200 घायल; सोशल मीडिया पर बैन

वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान में राजधानी इस्लामाबाद की ओर जाने वाले राजमार्ग की घेराबंदी करके प्रदर्शन कर रहे कट्टरपंथी धार्मिक समूहों के प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिये सरकार की ओर से की गई कार्रवाई के बाद शनिवार (25 नवंबर) को झड़पें शुरू हो गईं जिसमें एक पुलिसकर्मी की मौत हो गयी और 200 से अधिक अन्य लोग घायल हो गये. इसके बाद अन्य शहरों में भी हिंसा भड़क गई. सरकार ने बढ़ती हिंसा को रोकने के लिए सभी टेलीविजन चैनलों के साथ ही फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब जैसी सोशल मीडिया साइट पर भी रोक लगा दी. पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों का तहरीक-ए-खत्म-ए-नबूवत, तहरीक-ए-लबैक या रसूल अल्लाह (टीएलवाईआर) और सुन्नी तहरीक पाकिस्तान (एसटी) के प्रदर्शनकारियों के साथ संघर्ष हुआ. प्रदर्शनकारियों ने वाहनों में आग लगा दी और नेताओं के घरों पर हमले किये.

यद्यपि प्रदर्शनकारी फिर से एकजुट हो गए और राजधानी की अपनी घेराबंदी जारी रखी. प्रदर्शनकारियों ने कानून मंत्री जाहिद हामिद के इस्तीफे की मांग को लेकर दो सप्ताह से अधिक समय से राजधानी इस्लामाबाद जाने वाले मुख्य राजमार्गों को बाधित कर रखा है. प्रदर्शनकारी सितंबर में चुनाव कानून 2017 में खत्म-ए-नबूवत के उल्लेख से संबंधित पारित बदलाव को लेकर कानून मंत्री जाहिद हमीद के इस्तीफे की मांग कर रहे थे. सरकार ने कानून में संशोधन करके मूल शपथ को बहाल कर दिया है, लेकिन कट्टरपंथी मौलवी ने मंत्री को हटाये जाने तक हटने से इनकार कर दिया है. इस घेराबंदी से पांच लाख से अधिक यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा जो इस्लामाबाद और रावलपिंडी के बीच प्रतिदिन सफर करते हैं.

(इनपुट एजेंसी से भी)

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