स्टडी में दावा किया गया है कि जो पुरुष कम पिच में बोलते हैं, वे अपने पार्टनर के साथ बातचीत में बेकार होते हैं और उन्हें अपने पार्टनर से लगाव भी कम होता है. लेखकों ने छात्रों को एक questionnaire दिया और इसके जवाब रिकॉर्ड किए. टीम ने पाया कि भारी आवाज वाले लोग अपने पार्टनर से कम लगाव रखते हैं.
इतना ही नहीं स्टडी में यह भी पाया गया कि धीमी आवाज में बात करने वाले अपने परिवारजनों से भी रूखा व्यवहार रखते हैं. इसीलिए उन्हें अपने करीबी से भी कम जुड़ाव होता है. चीन के चेंगदू में सिचुआन नॉर्मल यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों का कहना है कि 'अधिक मर्दाना' आवाज वाले लोग भी रिश्ते में ज्यादा जुड़ाव नहीं महसूस नहीं कर पाते.
लेखकों का कहना है कि पुरुषों में भारी आवाज और हाई टेस्टोस्टेरोन लेवल (Higher Testosterone Levels) के बीच संबंध होता है. हो सकता है कि यही कारण उनके व्यवहार में रूखापन लाता हो. हाई टेस्टोस्टेरोन लेवल, हार्मोनल डिसऑर्डर की वजह से हो सकता है. हालांकि ये समस्या महिलाओं को भी होती है. महिलाओं में उच्च टेस्टोस्टेरोन के स्तर के सबसे आम कारण हिर्सुटिज़्म, पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम और जन्मजात हाइपरप्लासिया हैं.
भारी आवाज की अपेक्षा हाई पिच वाले अधिक रोमांटिक होते हैं. ऐसे पुरुष अपने पार्टनर को ज्यादा आकर्षित करते हैं. डेलीमेल की रिपोर्ट के मुताबिक नई स्टडी में पिच को फिजिकल अट्रेक्शन से जोड़ा गया है. इस स्टडी में 218 छात्रों, 90 पुरुष और 128 महिलाओं को शामिल किया गया.
ये स्टडी 'जर्नल ऑफ सेक्स एंड मैरिटल थेरेपी' में प्रकाशित हुई है. स्टडी में यह भी पाया गया है कि भारी आवाज वाले पार्टनर अपने साथी को धोखा भी दे सकते हैं. रिसर्च टीम के मुताबिक हालांकि महिलाओं की आवाज को जब रिकॉर्ड किया गया तो उनकी आवाज का संबंधों से कोई मतलब नहीं है. यानी महिलाओं की आवाज से उनका व्यवहार नहीं समझा जा सकता.
ट्रेन्डिंग फोटोज़