राहुल के बयान का फ्रांस सरकार ने खंडन करते हुए कहा कि हमने उन्हें कोई जवाब नहीं दिया.
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नई दिल्ली: राफेल डील को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के लोकसभा में दिए बयान पर फ्रांस सरकार ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. फ्रांस सरकार ने कहा है कि उन्होंने राफेल डील पर कोई जानकारी साझा नहीं की. एक आधिकारिक बयान जारी कर फ्रांस सरकार ने कहा कि 2008 में लड़ाकू विमान खरीदने के लिए भारत से 2008 में समझौता हुआ था. हालांकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपने बयान पर अभी भी कायम हैं.
इससे पहले, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के इस आरोप को 'पूरी तरह गलत' करार दिया कि राफेल विमान सौदे के संदर्भ में फ्रांस और भारत के बीच गोपनीयता का कोई समझौता नहीं हुआ है. सीतारमण ने कहा कि लड़ाकू विमान खरीदने के लिए भारत और फ्रांस के बीच 2008 में समझौता हुआ था.
उन्होंने कहा, "यह गोपनीयता का समझौता है. गोपनीय सूचना को सार्वजनिक नहीं करने के लिए समझौता था. मुझे जानकारी नहीं है कि फ्रांस के राष्ट्रपति ने राहुल गांधी से क्या कहा था. परंतु फ्रांस के राष्ट्रपति ने दो भारतीय चैनलों को दिए साक्षात्कार में कहा था कि राफेल सौदे के वाणिज्यिक ब्यौरे को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता." उन्होंने कहा, "राहुल गांधी ने जो कहा है वह पूरी तरह गलत है और इसका कोई आधार नहीं है.
The statement made by Spokesperson of @francediplo_EN , reaffirms that France have NOT disclosed any details of the deal as they are legally bound by agreement signed in 2008. This negates claims made by Shri @RahulGandhi in Parliament today.
#NoConfidenceMotion @nsitharaman https://t.co/UVoOBMpdwH— Raksha Mantri (@DefenceMinIndia) July 20, 2018
दरअसल, अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान गांधी ने आरोप लगाया कि राफेल विमान सौदे के विभिन्न आयामों को लेकर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश से असत्य बोला. उन्होंने दावा किया , "मैं फ्रांस के राष्ट्रपति से स्वयं मिला था. उन्होंने मुझे बताया कि राफेल विमान सौदे को लेकर भारत और फ्रांस की सरकार के बीच गोपनीयता का कोई समझौता नहीं हुआ है."
राहुल गांधी अपने दावे पर कायम
उधर, जब इस मामले में राहुल गांधी से प्रतिक्रिया ली गई तो उन्होंने कहा, "यदि वे (फ्रांस) इनकार कर रहे हैं तो उन्हें करने दें. वह (फ्रांसीसी राष्ट्रपति) ने मुझे बताया था. मेरे अलावा आनंद शर्मा और डॉ. मनमोहन सिंह भी वहां थे.
Let them deny it if they want. He(French President) said that before me.I was there, Anand Sharma and Dr.Manmohan Singh were also there: Rahul Gandhi on France statement on Rafale deal #NoConfidenceMotion pic.twitter.com/c3FKz40lnj
— ANI (@ANI) July 20, 2018
कांग्रेस अध्यक्ष ने सवाल किया था कि प्रधानमंत्री को इसका जवाब देना चाहिए कि राफेल सौदे के प्रारूप को अचानक से क्यों बदला गया और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड से कांट्रैक्ट लेकर उस उद्योगपति को क्यों दिया गया जिस पर 35 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है.