सऊदी अरब ने यमन से छोड़ी गई बैलिस्टिक मिसाइल को किया तबाह, हूती विद्रोहियों ने ली जिम्मेदारी
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सऊदी अरब ने यमन से छोड़ी गई बैलिस्टिक मिसाइल को किया तबाह, हूती विद्रोहियों ने ली जिम्मेदारी

सऊदी अरब की राजधानी को निशाना बनाकर किया गया यह पहला हमला है जो यमन में संघर्ष से बढ़ते खतरे को दिखाता है.

अधिकारियों ने हालांकि बताया कि इसमें कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ या कोई हताहत नहीं हुआ.

रियाद: सऊदी अरब ने संघर्षग्रस्त यमन से छोड़ी गई एक बैलिस्टिक की पहचान कर उसे रियाद में नष्ट कर दिया. मिसाइल का मलबा राजधानी के अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के भीतर गिरा. ईरान समर्थित शिया हूती विद्रोहियों ने मिसाइल हमले की जिम्मेदारी ली है. सऊदी अरब की राजधानी को निशाना बनाकर किया गया यह पहला हमला है जो यमन में संघर्ष से बढ़ते खतरे को दिखाता है. रियाद में रहने वाले लोगों ने शहर के उत्तर में स्थित किंग खालिद अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के समीप शनिवार (4 नवंबर) को मिसाइल को गिराए जाने के बाद धमाके की तेज आवाज सुनी. अधिकारियों ने हालांकि बताया कि इसमें कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ या कोई हताहत नहीं हुआ.

सऊदी प्रेस एजेंसी ने गठबंधन के प्रवक्ता तुर्की अल मलिकी के हवाले से शनिवार (4 नवंबर) को कहा, ‘‘आज शाम को यमन के क्षेत्र से सऊदी अरब की ओर एक बैलिस्टिक मिसाइल दागी गई. नागरिकों और आबादी वाले इलाकों को निशाना बनाने के लिए मिसाइल दागी गई. मिसाइल के नष्ट किए गए टुकड़े हवाईअड्डे के गैर आबादी वाले इलाके में गिरे और किसी को चोट नहीं पहुंची है.’’ हूती के अल मसीराह टीवी चैनल के अनुसार, हूती विद्रोही हवाईअड्डे को निशाना बना रहे थे. विद्रोहियों ने रियाद से 1,200 किलोमीटर से अधिक दूरी से मिसाइल दागी.

नागरिक उड्डयन अधिकारियों ने बताया कि हवाईअड्डे पर सामान्य ढंग से कामकाज हो रहा है और विमानों का संचालन निर्धारित समय पर किया जा रहा है. हालांकि स्थानीय लोगों ने बताया कि सुरक्षा वाहनों ने कुछ सड़कों को बंद कर दिया है. पूर्व में, हज यात्रा शुरू होने से पहले जुलाई में यमन से दागी गई एक बैलिस्टिक मिसाइल को मक्का के नजदीक मार गिराया था.

ये हमले दिखाते हैं कि वर्ष 2015 में सऊदी नेतृत्व वाले गठबंधन के सैन्य हस्तक्षेप के बाद से यमन में चल रहा युद्ध अपनी सीमा के बाहर भी फैल रहा है. मिसाइल हमलों के अलावा विद्रोही लगातार सऊदी अरब में घुसपैठ भी करते हैं जिससे संघर्ष के फैलने का खतरा बढ़ गया है. जिज़ान और नज़रान प्रांतों में स्कूलों, मस्जिदों और घरों पर हजारों मार्टार और रॉकेट से हमले किए गए. सीमावर्ती शहरों से खाली कराया गया.

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