यौन उत्पीड़न में आया 14 पादरियों का नाम, चिली प्रशासन ने छीना दायित्व
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यौन उत्पीड़न में आया 14 पादरियों का नाम, चिली प्रशासन ने छीना दायित्व

शुक्रवार को, चिली के 34 बिशप ने बाल यौन उत्पीड़न मामले को लेकर इस्तीफे देने की घोषणा की थी. इस स्कैंडल को लेकर पोप ने बिशपों को समन भेजा था. 

प्रतीकात्मक फोटो

सेंटियागो :  पोप फ्रांसिस के कार्यकाल में हुए बड़े विवाद चिली यौन उत्पीड़न मामले में लिप्त 14 पादरियों से आज उनके कर्तव्यों से मुक्त कर दिया गया.  रैंकागुआ स्थित बिशप के कार्यालय की ओर से कहा गया , 'इन 14 पादरियों को अब अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने की इजाजत नहीं है. वह ऐसे कृत्यों में लिप्त रहे हैं जो चर्च के भीतर किए गए अपराध हो सकते हैं.'

शुक्रवार को, चिली के 34 बिशप ने बाल यौन उत्पीड़न मामले को लेकर इस्तीफे देने की घोषणा की थी. इस स्कैंडल को लेकर पोप ने बिशपों को समन भेजा था. चिली के पादरी फरर्नांडो कारादिमा ने 1980 से 1990 के दशक के बीच बाल यौन उत्पीड़न की घटनाओं को अंजाम दिया था. चिली चर्च के कई अधिकारियों पर पीड़ितों ने आरोप लगाए हैं कि उन्होंने इन घटनाओं को अनदेखा किया और उन पर लीपापोती की. 

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कैथोलिक चर्च के आधुनिक इतिहास में एक अभूतपूर्व अध्याय जोड़ते हुए चिली के सभी बड़े पादरियों ने पोप फ्रांसिस को अपने इस्तीफे की पेशकश की है. इस्तीफे यौन दुर्व्यवहार स्कैंडल के खिलाफ दिए गए हैं. चिली के यौन दुर्व्यवहार स्कैंडल पर चर्चा के लिए वैटिकन में आयोजित तीन दिवसीय आपात शिखर सम्मेलन के बाद 31 सक्रिय पादरियों और तीन सेवानिवृत्त पादरियों ने शुक्रवार को अपने इस्तीफे की घोषणा की.

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सीएनएन की खबर के मुताबिक, एक देश में सभी पादरियों के एक साथ इस्तीफे को अभूतपूर्व कदम बताया जा रहा है. इस्तीफा देने के बाद पादरियों ने कहा कि वह इस मुद्दे को पवित्र फादर के हाथों में सौंप रहे हैं, ताकि वह मुक्त होकर उन सभी के लिए फैसला कर सकें. वैटिकन के प्रवक्ता ग्रेग बुर्क ने कहा कि पोप फ्रांसिस इतने इस्तीफों को स्वीकर करेंगे या नहीं, यह बताना अभी मुश्किल है.

शुक्रवार को देश के पादरियों के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए नाबालिगों के संरक्षण के लिए पोप के आयोग की पूर्व सदस्य मैरी कोलिंस ने कहा कि यह इशारा काफी नहीं है. कोलिंस ने ट्विटर पर कहा, "किसी पादरी को हटाया नहीं जाएगा, सभी को इस्तीफा देने की इजाजत है. वास्तव में कुछ नहीं बदलेगा." पोप फ्रांसिस ने चिली में पादरियों द्वारा यौन दुव्यर्वहार के विवरण की 2,300 पन्नों की रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद देश को सभी पादरियों को रोम बुलाया था.

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