श्रीलंका ने तमिल संगठनों से प्रतिबंध हटाया, हिंसा छोड़ने की अपील की
Advertisement

श्रीलंका ने तमिल संगठनों से प्रतिबंध हटाया, हिंसा छोड़ने की अपील की

श्रीलंका ने जातीय अल्पसंख्यक समुदाय के साथ मेल-मिलाप की कोशिशों के तहत लिट्टे से जुड़े रहे आठ तमिल संगठनों पर लगे प्रतिबंधों को आज से हटा लिया और उनसे अलगाववाद और हिंसा का रास्ता छोड़ने को कहा।

कोलंबो : श्रीलंका ने जातीय अल्पसंख्यक समुदाय के साथ मेल-मिलाप की कोशिशों के तहत लिट्टे से जुड़े रहे आठ तमिल संगठनों पर लगे प्रतिबंधों को आज से हटा लिया और उनसे अलगाववाद और हिंसा का रास्ता छोड़ने को कहा।

विदेश मंत्रालय ने रविवार को कहा, 'हम आशा करते हैं कि अन्य समूह और व्यक्ति भी ऐसे ही सार्वजनिक वादे करेंगे, अन्य जरूरी कदमों के साथ हिंसा और अलगाववाद की आलोचना करेंगे।' उसने कहा कि पिछले छह महीनों में सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों ने बहिष्कृत संगठनों और लोगों की विस्तृत और बारीकी से समीक्षा की है।

श्रीलंका सरकार की ओर से इस संबंध में 20 नवंबर को जारी एक राजपत्रीय अधिसूचना के अनुसार आठ ऐसे समूहों को प्रतिबंधित सूची से हटा दिया गया है, लेकिन लिट्टे पर प्रतिबंध बरकरार रखा गया है जिसको तीन दशक के खूनी गृहयुद्ध के बाद 2009 में परास्त किया गया था।

अधिसूचना के अनुसार सरकार ने ‘ब्रिटिश तमिल फोरम’, ‘कनाडियन तमिल कांग्रेस’, ‘ऑस्ट्रेलियन तमिल कांग्रेस’, ‘ग्लोबल तमिल फोरम’, ‘नेशनल काउंसिल ऑफ कनाडियन तमिल्स’, ‘तमिल नेशनल काउंसिल’, ‘तमिल यूथ ऑर्गनाइजेशन’ और ‘वर्ल्ड तमिल कोऑर्डिनेटिंग कमिटी’ को प्रतिबंध की सूची से हटा लिया है।

पिछले साल मार्च में महिंदा राजपक्षे सरकार ने 16 संगठनों और 424 व्यक्तियों पर तब प्रतिबंध लगा दिया था जब उनपर लिट्टे के लिए धन जमा करने का आरोप लगाया गया था। अब सिरीसेना सरकार की प्रतिबंधित सूची में आठ संगठन और 155 व्यक्ति बचे हैं।

Trending news