DNA: क्या सच में होते हैं एलियंस? वैज्ञानिकों के दावों में कितनी सच्चाई; ऐसी है Inside Story
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DNA: क्या सच में होते हैं एलियंस? वैज्ञानिकों के दावों में कितनी सच्चाई; ऐसी है Inside Story

Aliens Videos: पत्रकार और UFO RESEARCHER दावा कर रहे हैं कि ये एलियंस की डेडबॉडी हैं और वो चैलेंज कर रहे हैं कि वैज्ञानिक, इस दावे की जांच कर सकते हैं. पत्रकार मॉसन का दावा है कि कार्बन डेटिंग के जरिये ये साबित हुआ है कि इन अवशेषों के DNA में 30 प्रतिशत नमूने, इंसानी DNA से मैच नहीं करते. 

DNA: क्या सच में होते हैं एलियंस? वैज्ञानिकों के दावों में कितनी सच्चाई; ऐसी है Inside Story

Aliens Photos: क्या पृथ्वी के बाहर भी जीवन मौजूद है. क्या एलियंस होते हैं और अगर होते हैं तो क्या वो धरती पर आते हैं? इन सवालों को लेकर चर्चाएं तो बहुत होती हैं. लेकिन कोई पुख्ता सबूत आजतक सामने नहीं आए हैं, जो बिना शक एलियंस के अस्तित्व को साबित कर सकें. हालांकि पिछले कुछ वर्षों में एलियंस के होने के कई दावे किये जा चुके हैं. 

ऐसा ही दावा मंगलवार को मैक्सिको की संसद में किया गया है और सिर्फ दावा नहीं किया गया है बल्कि एलियंस होने के सबूत भी पेश किए गए हैं. पहली बार दुनिया को एलियंस के शव दिखाए गए हैं, जिसका वीडियो भी वायरल हो रहा है.  दावा किया गया है कि ये एलियंस के शव हैं. मेक्सिको की संसद में एलियंस के इन शवों को लकड़ी के एक बॉक्स में रखा गया था. इस इवेंट का लाइव टेलीकास्ट भी किया गया. इन शवों को जो भी देखेगा, यही कहेगा कि ये तो एलियंस ही हैं.

फिल्मों जैसी ही है एलियंस की छवि

क्योंकि जब भी एलियंस की बात होती है, तो हमारे दिमाग में एलियंस की जो छवि बनती है, उस छवि से इन शवों की कद-काठी काफी हद तक मैच करती है. फिल्मों में भी एलियंस को इसी तरह का दिखाया जाता है.

साइंस एंड स्पेस डॉक्युमेंट्रीज में भी ऐसे ही एलियंस दर्शाये जाते हैं. बड़ा सा सिर, धंसी हुईं आंखें, लंबी उंगलियां, लंबी गर्दन. क्या ये महज इत्तेफाक है कि मेक्सिको की संसद में जो शव दिखाए गए हैं, वो ठीक वैसे ही दिखते हैं, जैसे एलियंस की कल्पना हम तब से करते आए हैं, जबसे एलियंस के होने या ना होने पर बहस छिड़ी हुई है. या वाकई एलियंस होते हैं ? 

इन सवालों के जवाब तलाशने के लिए हमने मेक्सिको की संसद में दिखाए गए एलियंस के शवों पर एक रिपोर्ट तैयार की है. इन शवों को देखकर क्या लगता है ?  क्या ये इंसानों के अवशेष हैं ? या कोई जानवर ? 

मेक्सिको की संसद में बक्सों में रखी इन लाशों ने एलियंस और UFO में यकीन रखने वालों को उत्साहित कर दिया है.

दुर्लभ धातुओं का हुआ इस्तेमाल

पत्रकार और UFO RESEARCHER दावा कर रहे हैं कि ये एलियंस की डेडबॉडी हैं और वो चैलेंज कर रहे हैं कि वैज्ञानिक, इस दावे की जांच कर सकते हैं. पत्रकार मॉसन का दावा है कि कार्बन डेटिंग के जरिये ये साबित हुआ है कि इन अवशेषों के DNA में 30 प्रतिशत नमूने, इंसानी DNA से मैच नहीं करते. एक्सपर्ट्स का ये भी दावा है कि इन दोनों डेडबॉडीज में ऐसे ट्रांसप्लांट मिले हैं, जिनमें बेहद दुर्लभ धातुओं का इस्तेमाल हुआ है.

इन डेडबॉडीज के एक्स-रे से एक और बेहद चौंकाने वाली बात पता चली है, इनमें से एक डेडबॉडी में अंडे मिले हैं, जो इंसानी शरीर में मिलना असंभव है.

UFO RESEARCHER जेम मॉसन ने कहा, ये हमारे लिए एक प्रमुख साक्ष्य है. अगर डीएनए में दिखा कि ये इंसान नहीं हैं और ये हमारी दुनिया के जैसे बिल्कुल भी नहीं दिख रहे हैं, तो हमें इसे ऐसे ही लेना चाहिए. ये मानव प्राणी जैसे नहीं है. हम इन्हें किसी और ग्रह का प्राणी नहीं कहना चाहते क्योंकि हमें नहीं पता.

इंसानों के मुकाबले बेहद छोटे इन अवशेषों में एक और खास बात ये है कि इनके दोनों हाथों में तीन-तीन उंगलियां हैं. ये दोनों डेडबॉडीज पेरू के नाज्का इलाके में खुदाई के दौरान वर्ष 2017 में मिलीं थीं. पेरू में पाईं जाने वाले इसी नाज्का लाइन्स के बारे में कहा जाता है कि ये UFO Landing Sites हैं. जहां इतनी बड़ी बड़ी रहस्यमय आकृतियां हैं, जिन्हें अंतरिक्ष से भी देखा जा सकता है.  इन डेडबॉडीज को लेकर दावा किया गया है कि ये एक UFO क्रैशिंग साइट के नजदीक मिली हैं, जिन्हें पेश करके मेक्सिको की संसद से एलियंस पर स्टडी की अनुमति मांगी गई है.

मेक्सिको की संसद में पूरी दुनिया को इस बात के लिए सहमत करने की कोशिश हुई कि एलियंस होते हैं. लेकिन इन शवों को एलियंस बताने वाले UFO रिसर्चर जेम्स मॉसन की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल हैं.

  • क्योंकि वर्ष 2015 में भी उन्होंने एक बच्चे की ममीफाइड डेडबॉडी को एलियन बता दिया था. लेकिन बाद में उन्हें अपने झूठ को कबूल करके माफी मांगनी पड़ी थी.

  • इसलिए इन दो शवों को लेकर जेम्स मॉसन का एलियन वाले दावे पर वैज्ञानिक भरोसा नहीं कर रहे हैं.

  • अमेरिकी संसद में एलियन्स का स्पेसक्राफ्ट देखने का दावा कर चुके अमेरिकी नेवी के पूर्व पायलट रायन ग्रेव्स ने भी इसे सिर्फ एक घटिया स्टंट बताया है.

  • लेकिन इन शवों के सामने आने के बाद एलियन्स पर बहस फिर छिड़ गई है और ये तब हो रहा है,जब अमेरिका पर ये आरोप लग रहे हैं कि वो एलियंस से संपर्क में हैं और एलियन स्पेसक्रॉफ्ट पर सीक्रेट रिसर्च चल रही है.

वैसे ये कोई पहली बार नहीं है जब एलियंस जैसे दिखने वाले शवों के अवशेष दिखाकर एलियंस की मौजूदगी का दावा किया गया हो. हालांकि हर बार ये दावे फेक यानी फर्जी साबित हुए हैं.

वर्ष 1990 के दशक में एलियन ऑटोप्सी के नाम से कुछ वीडियो पूरी दुनिया में फैले थे, जिनके आधार पर दावा किया गया था कि इन वीडियो में एलियंस की बॉडीज पर रिसर्च की जा रही है. लेकिन बाद में ये पता चला था कि ये वीडियो फेक थे, जिन्हें बाकायदा शूट किया गया था. 

झूठ फैलाने की कबूल की थी बात

वर्ष 2015 में भी एक बच्चे की डेडबॉडी को एलियन की डेडबॉडी बताकर पेश कर दिया गया था. जिसमें UFO रिसर्चर जेम्स मॉसन ने भी दावा किया था कि ये एक एलियन की ही ममीफाइड बॉडी है. ये वही जेम्स मॉसन हैं, जिन्होंने अब मेक्सिको की संसद में दो डेडबॉडीज को एलियंस की डेड बॉडीज बताया है. हालांकि 2015 में जेम्स मॉसन ने खुद कबूल किया था कि उन्होंने एक नवजात बच्चे की ममीफाइड को एलियन बताने का झूठ बताया था. 

इसके बाद वर्ष 2013 में भी चीन में एक शख्स ने इंटरनेट पर कुछ ऑनलाइन वीडियोज जारी किए थे, जिसमें उसने एलियन की डेड बॉडी को फ्रीजर में रखा हुआ दिखाया था.  लेकिन बाद में पता चला था कि उस शख्स ने रबड़ की एक गुड़िया को तारों से लपेटकर इसे एलियन की बॉडी होने का दावा कर दिया था. बाद में उस शख्स को गिरफ्तार करके जेल की सजा भी हुई थी. 

और अब मेक्सिको की संसद में जिन दो डेडबॉडीज को एलियन की डेडबॉडीज बताया जा रहा है, इस दावे को भी दुनियाभर के वैज्ञानिक खारिज कर रहे हैं. 

मैक्सिको की संसद में दो कथित एलियंस के शवों की प्रदर्शनी के दौरान वहां यूएस नेवी के पूर्व इंटेलिजेंस अफसर मेजर डेविड ग्रुश भी मौजूद थे, जिन्होंने दो महीने पहले ही जुलाई 2023 में अमेरिकी संसद में एलियन लाइफ पर एक सुनवाई के दौरान अपने बयान में हैरान कर देने वाले खुलासे किये थे.

1930 में मिला था एलियन एयरक्राफ्ट

उन्होंने दावा किया था कि अमेरिका को साल 1930 में  क्रैश हुए दूसरे ग्रह का एक स्पेसक्राफ्ट मिला था. उस स्पेसक्राफ्ट में डेडबॉडीज भी थीं, जो इंसानों की नहीं थीं. उनके मुताबिक अमेरिकी सरकार, वर्ष 1930 से ही एलियंस पर रिसर्च कर रही है.  और कई दशकों से अमेरिका UFO की रिवर्स इंजीनियरिंग पर काम कर रहा है.

मेजर ग्रुश का दावा है कि अमेरिका, एलियंस और UFO पर इस रिसर्च को दुनिया से छिपा रहा है. ग्रुश 14 साल तक खुफिया अधिकारी के तौर पर अमेरिकी एयरफोर्स और National Geospatial Intelligence Agency में काम कर चुके हैं, जिससे उनके दावे को पूरी तरह से खारिज नहीं किया जा सकता. अमेरिकी नेवी के पूर्व अफसर के एलियंस से जुड़े दावों को अमेरिकी रक्षा विभाग, पेंटागन खारिज कर चुका है. लेकिन अमेरिका, UFO दिखने की बात स्वीकार कर चुका है.

वर्ष 2020 में UFO की जांच के लिए बनाई गई अमेरिकी टास्क फोर्स ने एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें वर्ष 2004 से 2021 के बीच 144 यूएफओ के बारे में जानकारी दी गई थी, जिसमें कहा गया कि इस तरह के ऑब्जेक्ट्स पृथ्वी पर एलियंस के आने का संकेत हो सकते हैं.

वर्ष 1947 से 1969 तक अमेरिकी एयरफोर्स ने ऑपरेशन ब्लू बुक नाम से एक ऑपरेशन चलाया. इसमें कुल 12 हजार 618 रिपोर्ट्स की जांच में पाया गया कि ये सामान्य घटनाएं थीं, जबकि 701 रिपोर्ट्स के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं निकल सकीं. 

पेंटागन ने जारी किए थे वीडियोज

वर्ष 2020 में एक प्रोग्राम शुरू किया गया, जिसे Un-Identified Aerial Phenomenon Task Force नाम दिया गया था. साल 2020 में ही पेंटागन ने तीन ऐसे वीडियो जारी किये थे, जिनमें UFO दिख रहे हैं. इन वीडियोज को आप यूएफओ के ऑफिशियल वीडियोज मान सकते हैं जिन्हें खुद अमेरिकी रक्षा विभाग ने वेरिफाई किया है. इन वीडियो में यूएफओ दिख रहे हैं, जिन्हें अमेरिकी पायलट्स ने खुद रिकॉर्ड किया था. इनमें से एक वीडियो नवंबर 2004 का है और दो वीडियो जनवरी 2015 के हैं.

पेंटागन ने साल 2019 में इन वीडियोज की पुष्टि की थी और कहा था कि वीडियो में दिख रहीं हवाईं चीजें अज्ञात श्रेणियों में आती हैं क्योंकि इन फ्लाइंग ऑब्जेक्ट्स की शेप जैसा कोई विमान, दुनिया में नहीं बना था और ना ही दुनिया में ऐसी कोई तकनीक तबतक आई थी जिससे इतनी तेज रफ्तार से किसी विमान को उड़ाया जा सके. 

यानी अमेरिका मानता है कि यूएफओ हैं और जहां तक एलियंस की बात है, पेंटागन अबतक जितनी भी रिपोर्ट्स जारी कर चुका है, उसमें अगर एलियंस की मौजूदगी को माना नहीं गया है तो नकारा भी नहीं गया है और आज इसी बात को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA ने भी दोहराया है और कहा है कि नासा अब आधिकारिक तौर पर यूएफओ पर रिसर्च करेगा.

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