पनामा पेपर्स: नवाज शरीफ को राहत, भ्रष्टाचार के मामलों में आरोप तय किए जाने की प्रक्रिया स्थगित
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पनामा पेपर्स: नवाज शरीफ को राहत, भ्रष्टाचार के मामलों में आरोप तय किए जाने की प्रक्रिया स्थगित

नवाज शरीफ भ्रष्टाचार के तीन मामलों में अदालती सुनवाई के लिए कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत में पेश हुए.

 नवाज शरीफ : फाइल फोटो

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के अपदस्थ प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को सोमवार (2 अक्टूबर) को उस समय थोड़ी राहत मिल गई जब एक भ्रष्टाचार रोधी अदालत ने पनामा पेपर मामले में आरोप तय किए जाने की प्रक्रिया नौ अक्तूबर तक के लिए स्थगित कर दी. शरीफ (67) अपने और अपने परिवार के खिलाफ भ्रष्टाचार के तीन मामलों में अदालती सुनवाई के लिए कड़ी सुरक्षा के बीच जवाबदेही अदालत में पेश हुए. सुनवाई के दौरान उनके वकील ख्वाजा हैरिस ने दलील दी कि आरोप तय किए जाने की प्रक्रिया से पहले मामले के सभी आरोपियों को अदालत के समक्ष पेश होना होगा. शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेता मोहसिन शाहनवाज रांझा ने एक घंटे से अधिक समय तक चली सुनवाई के बाद मीडिया को बताया कि आरोप तय किए जाने की प्रक्रिया स्थगित कर दी गई है. उन्होंने कहा, ‘आरोप तय किया जाना अभी लंबित है और इस पर आगामी सोमवार (नौ अक्तूबर) को सुनवाई की अगली तारीख पर चर्चा की जाएगी.’ अदालत ने शरीफ की बेटी मरियम, बेटों-हुसैन और हसन तथा दामाद मोहम्मद सफदर के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किए और उन्हें सुनवाई की अगली तारीख पर तलब किया.

  1. वकील ख्वाजा हैरिस ने दलील दी
  2. आरोप तय किया जाना अभी लंबित है 
  3. आगामी सोमवार (नौ अक्तूबर) को सुनवाई की अगली तारीख पर चर्चा की जाएगी

हैरिस ने दलील दी कि क्योंकि शरीफ के बच्चे अपनी बीमार मां की देखरेख के लिए लंदन में हैं, इसलिए गैर जमानती वारंट जारी नहीं किए जाने चाहिए. लेकिन अदालत ने उनका तर्क माने से इनकार कर दिया और गैर जमानती वारंट जारी कर दिए. रांझा ने कहा कि मरियम और उनके पति मोहम्मद सफदर लंदन से देश वापस आने को तैयार हैं और अगली सुनवाई पर अदालत में पेश होंगे. उन्होंने कहा कि बचाव पक्ष ने अदालत में पेशी से शरीफ को छूट दिए जाने के मुद्दे पर जोर नहीं दिया.

शरीफ के वकील ने पिछली सुनवाई में अदालत से कहा था कि शरीफ को लंदन में अपनी पत्नी की देखरेख करने की जरूरत है, इसलिए उन्हें अदालत में व्यक्तिगत पेशी से छूट दी जानी चाहिए. वकील शाहाब सार्की ने कहा कि शरीफ के बच्चों को अब ट्रांजिटरी जमानत की आवश्यकता है जिससे कि वे लंदन से पाकिस्तान पहुंचने पर गिरफ्तारी से बच सकें.

न्यायिक परिसर में सुरक्षा के भारी इंतजाम किए गए थे. वहां उस समय अप्रिय स्थिति पैदा हो गई जब शरीफ के समर्थकों और गृहमंत्री अहसन इकबाल सहित कई वरिष्ठ कैबिनेट मंत्रियों को अदालत परिसर में घुसने की अनुमति नहीं दी गई. शरीफ इस मामले में इससे पहले 26 सितंबर को जवाबदेही अदालत में पेश हुए थे. पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने पनामा पेपर मामले में गत 28 जुलाई को शरीफ को पद के अयोग्य घोषित किया था और राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) को शरीफ तथा उनके परिवार और वित्त मंत्री इसहाक डार के खिलाफ भ्रष्टाचार और धनशोधन के आरोपों में मामला दर्ज करने का आदेश दिया था. शरीफ के परिवार ने कहा है कि आरोप राजनीति से प्रेरित हैं.

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