ताइवान की सेना ने चीन द्वारा द्वीप पर कब्जा जमाने के नए खतरों के बीच इस साल बड़े पैमाने पर तैयारी शुरू कर दी है.
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ताइपे: ताइवान की सेना ने चीन द्वारा द्वीप पर कब्जा जमाने के लिए बल का इस्तेमाल करने के नए खतरों के बीच इस साल बड़े पैमाने पर नई रूपरेखा वाले सैन्य अभ्यासों की बुधवार को घोषणा की. आधिकारिक सेंट्रल न्यूज एजेंसी ने रक्षा मंत्रालय के योजना प्रमुख मेजर जनरल येह क्यो-हुइ के हवाले से कहा कि ताइवान के सशस्त्र बल नियमित तौर पर ऐसे अभ्यास करते रहते हैं लेकिन इस बार के अभ्यास चीन के संभावित हमले के खिलाफ रक्षा करने के नए युद्ध कौशलों पर आधारित है. चीन इस स्व शासित द्वीप पर अपना दावा जताता है. ताइवान 1949 में गृह युद्ध के समय मुख्य भूभाग से अलग हो गया था.
चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने दो जनवरी को ताइवान को दिए संदेश में बल का इस्तेमाल करने की धमकी देते हुए कहा था कि अगर जरुरत पड़ी तो वह बाहरी ताकतों का मुकाबला करने के लिए इस अधिकार का इस्तेमाल कर सकता है. हालांकि शी ने अमेरिका का नाम नहीं लिया लेकिन अमेरिका ताइवान को हथियारों की आपूर्ति करने वाला मुख्य देश है और वह ताइवान के खिलाफ खतरों का जवाब देने के लिए कानूनी तौर पर बाध्य है.
अमेरिकी सीनेट ने ताइवान के साथ संबंधों को बढ़ावा देने वाला विधेयक पारित किया
इससे पहले भी अमेरिकी सीनेट में ताइवान के साथ संबंधों को बढ़ावा देने वाले एक विधेयक के पारित होने के बाद चीन ने अमेरिका के समक्ष आधिकारिक रूप से अपना विरोध दर्ज कराते हुए नाराजगी प्रकट की थी. अमेरिका और ताइवान के बीच सभी स्तरों पर यात्रा को बढ़ावा देने के लिए अमेरिकी सीनेट ने ताइवान यात्रा कानून पारित किया था. विधेयक में कहा गया है कि अमेरिका की यह नीति होनी चाहिए कि ताइवान के उच्च स्तर के अधिकारी अमेरिका आएं, अमेरिकी अधिकारियों से मिलें और देश में कारोबार करें.
अमेरिकी सीनेट ने अमेरिका-ताइवान के रिश्तों को बढ़ावा देने वाले एक विधेयक को गुरुवार (1 मार्च) को पारित कर दिया. ‘द ताइवान ट्रैवल एक्ट’ का उद्देश्य अमेरिका एवं ताइवान के बीच यात्राओं को ‘‘हर स्तर पर’’ प्रोत्साहित करना है. विधेयक को जनवरी में प्रतिनिधि सभा ने सर्वसम्मति से पारित किया था.
विधेयक में यह कहा गया कि अमेरिका आने वाले, अमेरिकी अधिकारियों से मुलाकात करने वाले और देश में कारोबार के सिलसिले में आने वाले उच्च स्तरीय ताइवानी अधिकारियों के लिए अमेरिकी नीति होनी चाहिए. इस विधेयक को कानून बनने के लिये अब सिर्फ राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के हस्ताक्षर का इंतजार है और इसके रास्ते में अब कोई व्यवधान भी दिखता प्रतीत नहीं हो रहा क्योंकि इसे सर्वसम्मति से पारित किया गया है.
इनपुट भाषा से भी