UNGA: सुषमा स्वराज ने दुनिया को किया आगाह; समुद्री सुरक्षा, परमाणु प्रसार पर बन रहे चुनौती
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UNGA: सुषमा स्वराज ने दुनिया को किया आगाह; समुद्री सुरक्षा, परमाणु प्रसार पर बन रहे चुनौती

सुषमा ने जाहिर तौर पर उत्तर कोरिया के लगातार उकसावे वाले व्यवहार की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘परमाणु प्रसार पर फिर से खतरनाक खबरें आ रही हैं. साइबर सुरक्षा गहन असुरक्षा का स्रोत बन गयी है.’’

संयुक्त राष्ट्र महासभा में संबोधन की शुरुआत करतीं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज. (IANS/23 Sep, 2017)

संयुक्त राष्ट्र: भारत ने शनिवार (23 सितंबर) को अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आगाह किया कि समुद्री सुरक्षा को लेकर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं और परमाणु प्रसार को लेकर फिर से खतरनाक खबरें सामने आ रही हैं. संयुक्त राष्ट्र महासभा में लगातार दूसरे साल अपने संबोधन में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि समकालीन दुनिया समस्याओं के अंबार में फंसी है जिसमें से निश्चित रूप से सर्वाधिक खतरनाक हिंसा का अत्यधिक बढ़ना है. सुषमा ने कहा, ‘‘आतंकवाद और इस बुराई को आकार देने वाले विचार आग की रफ्तार से फैल रहे हैं. जलवायु परिवर्तन से हमारा आमना-सामना है और अपने आयाम को लेकर यह हमें डराता है. समुद्री सुरक्षा पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं.’’

उन्होंने कहा, ‘‘कुछ उकसावे वाले और उत्तेजक मिले-जुले कारणों से लोग अपने परंपरागत गृह क्षेत्र की मनोवैज्ञानिक, सांस्कृतिक और आर्थिक सहूलियत छोड़ रहे हैं और दूसरे देश में शरण मांग रहे हैं जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेचैनी का माहौल बनता है.’’ विदेश मंत्री ने कहा कि दुनिया की आबादी का बड़ा हिस्सा आज भी भूख और गरीबी का शिकार है. युवा उम्मीद खो रहे हैं क्योंकि वे बेरोजगारी का सामना कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि महिलाएं, ऐतिहासिक रूप से भेदभाव की शिकार हैं और वे लैंगिक सशक्तीकरण की मांग कर रही हैं.

सुषमा ने जाहिर तौर पर उत्तर कोरिया के लगातार उकसावे वाले व्यवहार की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘परमाणु प्रसार पर फिर से खतरनाक खबरें आ रही हैं. साइबर सुरक्षा गहन असुरक्षा का स्रोत बन गयी है.’’ गौरतलब है कि उत्तर कोरिया संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन करते हुए मिसाइल परीक्षण और परमाणु परीक्षण कर रहा है.

नये संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेस का स्वागत करते हुए सुषमा ने कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र को 21वीं सदी की चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार करने तथा मजबूत बनाने को प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हम उनके प्रयासों का स्वागत करते हैं और उनमें ऐसे नेता को देखते हैं जो किसी सोच को व्यावहारिक आकार दे सकता है.’’ सुषमा ने कहा कि दुनिया की जनता के कल्याण, सुरक्षा, सद्भाव, अधिकार और आर्थिक प्रगति के लिए संयुक्त राष्ट्र की स्थापना की गयी थी. उन्होंने कहा कि भारत इस महान मिशन के प्रयासों में अपना पूरा समर्थन देता है.

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