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वाशिंगटन : व्हाइट हाउस की योजनाओं के बारे में लोगों की दी गई जानकारी के मुताबिक एक बड़ी वैश्विक जलवायु संधि के बारे में वार्ता के आखिरी चरण में पहुंचने में अपने योगदान के रूप में अमेरिका करीब 28 फीसदी उत्सर्जन कटौती की पेशकश करेगा।
अमेरिका के आज अपनी प्रतिबद्धता की घोषणा करने की योजना है, जो संयुक्त राष्ट्र में अपने योगदानों को सौंपने की राष्ट्रों के लिए अनौपचारिक समय सीमा है। हालांकि, 2025 तक 26 फीसदी से 28 फीसदी का लक्ष्य नया नहीं है। राष्ट्रपति बराक ओबामा ने बीजिंग की यात्रा के दौरान इस उत्सर्जन कटौती का पहली बार खुलासा किया था। अमेरिकी प्रस्ताव में कई देशों ने रूचि दिखाई है जिनके द्वारा अभी यह घोषणा करना बाकी है कि वह कितनी गंभीरता से संधि के तहत ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन कटौती का संकल्प लेंगे।
इस संधि के दिसंबर में पेरिस में अंतिम रूप लेने की संभावना है। यदि यह सफल रहती है तो पहली बार सभी राष्ट्र न कि सिर्फ अमेरिका जैसे धनी देश..जलवायु परिवर्तन पर कुछ करने के लिए राजी होंगे।
गौरतलब है कि अमेरिका और अन्य विकसित देश विकासशील देशों पर जलवायु परिवर्तन रोकने पर कदम उठाने के लिए दबाव डाल रहे हैं खासतौर पर चीन और भारत पर, जो उर्जा के प्रदूषणकारी स्रोतों पर काफी हद तक निर्भर हैं।