अलबर्ट आइंस्टीन ने करीब एक सदी पहले अपनी सापेक्षता के सामान्य सिद्धांत के तहत गुरुत्व तरंगों का अनुमान लगाया था, लेकिन 2015 में ही इस बात का पता लगा कि ये तरंगे अंतरिक्ष-समय में विद्यमान हैं.
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स्टॉकहोम: अमेरिकी खगोलविज्ञानियों बैरी बैरिश, किप थोर्ने तथा रेनर वेस को गुरुत्व तरंगों की खोज के लिए मंगलवार (3 अक्टूबर) इस साल का भौतिक विज्ञान का नोबेल पुरस्कार देने की घोषणा की गयी है. उनकी यह खोज गहन ब्रह्मांड के दरवाजे खोलती है. अलबर्ट आइंस्टीन ने करीब एक सदी पहले अपनी सापेक्षता के सामान्य सिद्धांत के तहत गुरुत्व तरंगों का अनुमान लगाया था, लेकिन 2015 में ही इस बात का पता लगा कि ये तरंगे अंतरिक्ष-समय में विद्यमान हैं. ब्लैक होल के टकराने या तारों के केंद्र के विखंडन से यह प्रक्रिया होती है. नोबेल पुरस्कार विजेताओं का चयन करने वाली स्वीडिश रॉयल एकेडमी ऑफ साइंसेस के प्रमुख जी के हनसॉन ने कहा, ‘‘उनकी खोज ने दुनिया को हिला दिया.’’ उन्होंने सितंबर 2015 में यह खोज की थी और फरवरी 2016 में इसकी घोषणा की थी. दशकों के वैज्ञानिक अनुसंधान के बाद यह ऐतिहासिक खोज हुई है. और तभी से तीनों वैज्ञानिक खगोलशास्त्र के क्षेत्र में मिलने वाले सभी बड़े पुरस्कार अपने नाम करते आ रहे हैं.
BREAKING NEWS The 2017 #NobelPrize in Physics is awarded to Rainer Weiss, Barry C. Barish and Kip S. Thorne @LIGO. pic.twitter.com/za1GNsAfnE
— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 3, 2017
चिकित्सा के नोबेल प्राइज से नवाजे गए अमेरिका के तीन वैज्ञानिक, बॉडी क्लॉक खोज के लिए मिला पुरस्कार
इससे पहले तीन अमेरिकी वैज्ञानिकों को फिजियोलोजी या चिकित्सा के क्षेत्र में 2017 का नोबेल पुरस्कार दिया गया था. इन लोगों को जैवचक्रीय आवर्तन (बाइलोजिकल रिद्म) पर नियंत्रण के लिए अणु तंत्र की खोज के संबध में यह पुरस्कार दिया गया है. पुरस्कार समिति ने सोमवार (2 अक्टूबर) को एक बयान में यह जानकारी दी. वैज्ञानिक जेफ्री सी. हॉल, माइकल रोसबाश और माइकल वी. यंग को मानव जैव घड़ी (ह्यूमन बॉयलोजिकल क्लॉक) और इसके आंतरिक कार्य पर प्रकाश डालने के लिए यह पुरस्कार दिया गया. नोबेल समिति ने कारोलिंस्का इंस्ट्टियूटेट में एक बयान जारी कर कहा, "उनके खोज बताते हैं कि कैसे पौधे, जानवर और मनुष्य अपना जैविक लय अनुकूल बनाते हैं ताकि यह धरती के बदलाव के साथ सामंजस्य बैठा सके. "
बयान के अनुसार, फल मक्खियों को मॉडल जीव के रूप में प्रयोग करते हुए, वैज्ञानिकों ने एक जीन की खोज की है जो प्रतिदिन के सामान्य जैविक आवर्तन को नियंत्रित करता है. उनकी खोज इस बात का खुलासा करती है कि यह जीन प्रोटीन को इनकोड करती है जो रात में कोशिका में एकत्रित होता है और दिन के दौरान इसका क्षरण हो जाता है. बयान के अनुसार, इस खोज से जैविक घड़ी के मुख्य क्रियाविधिक सिद्धांत स्थापित हुए हैं जिससे हमें सोने के पैटर्न, खाने के व्यवहार, हार्मोन बहाव, रक्तचाप और शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी.
(इनपुट एजेंसी से भी)