आईसीजे ने कुलभूषण जाधव की फांसी पर लगाई रोक, पाकिस्तान को राजनयिक पहुंच देने का आदेश
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आईसीजे ने कुलभूषण जाधव की फांसी पर लगाई रोक, पाकिस्तान को राजनयिक पहुंच देने का आदेश

न्यायालय ने कहा कि वियना संधि के मुताबिक भारत को उसके नागरिक (कुलभूषण जाधव) से दूतावास संपर्क की इजाजत दी जानी चाहिये.

46 वर्षीय पूर्व नौसेना अधिकारी जाधव को तीन मार्च 2016 को पाकिस्तान ने गिरफ्तार किया गया था.

हेग: अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने पाकिस्तानी सैन्य अदालत से जासूसी और विध्वंसक गतिविधियों के आरोप में मौत की सजा पाये भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की मौत की सजा पर गुरुवार (18 मई) को रोक लगा दी.मौत की सजा के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र की सर्वोच्च न्यायिक संस्था में भारत के पक्ष को मजबूती देते हुये अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने पाकिस्तान को निर्देश दिया कि वह यह सुनिश्चित करने के लिये ‘‘सभी आवश्यक कदम उठाये’’ कि उसके :अंतरराष्ट्रीय न्यायालय: द्वारा अंतिम फैसला सुनाये जाने तक जाधव को फांसी न दी जाये.

न्यायालय के अध्यक्ष रोनी अब्राहम ने फैसला पढ़ते हुये कहा कि 11 न्यायाधीशों की पीठ ने एकमत से यह फैसला लिया है. न्यायालय ने कहा कि वियना संधि के मुताबिक भारत को उसके नागरिक से दूतावास संपर्क की इजाजत दी जानी चाहिये. भारत और पाकिस्तान दोनों ही 1977 में वियना संधि पर हस्ताक्षर कर चुके हैं. पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारी के मामले के अपने न्यायक्षेत्र में होने पर जोर देते हुये न्यायालय ने कहा कि जिन परिस्थितियों में 46 वर्षीय जाधव को गिरफ्तार किया गया वे विवाद के दायरे में हैं.

भारत और पाकिस्तान द्वारा इस मामले में अपनी-अपनी दलीलें दिये जाने के तीन दिन बाद यह फैसला आया है. पाकिस्तान का दावा है कि उसके सुरक्षाबलों ने जाधव को पिछले साल 3 मार्च को अशांत बलूचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार किया था जहां वह कथित तौर पर ईरान से दाखिल हुआ था. भारत हालांकि कहता रहा है कि जाधव को ईरान से गिरफ्तार किया गया जहां नौसेना से सेवानिवृत्ति के बाद वह कारोबार के सिलसिले में थे.

जाधव का मुद्दा भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का नया केंद्रबिंदु है. भारत ने आठ मई को दूतावासीय संबंधों पर वियना संधि के कथित उल्लंघन पर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में दस्तक दी थी. 9 मई को वैश्विक अदालत ने अंतरिम उपाय के तहत मौत की सजा को स्थगित कर दिया था.

विएना संधि पर पाक की आपत्ति खारिज

इसके साथ ही आईसीजे में सुनवाई के दौरान पाकिस्तान को करारा तमाचा लगा जब इंटरनेशनल कोर्ट ने विएना संधि पर पाकिस्तान की आपत्ति को खारिज कर दिया. इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने कुलभूषण जाधव के मामले में भारत की सभी अपीलों को स्वीकार किया. इतना ही नहीं कोर्ट ने सुनवाई में कहा कि जब तक आईसीजे न कहे पाकिस्तान कुलभूषण जाधव के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करे. आईसीजे में सुनवाई के दौरान 11 जजों की पीठ से सर्वसम्मति से फ़ैसला सुनाया. आईसीजे ने पाकिस्तान को आदेश देते हुए कहा कि जाधव को हर तरह की राजनयिक मदद मुहैया कराई जाए. 

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आईसीजे के फैसले को कुलभूषण जाधव के परिवार और भारतीय को लिए राहत की ख़बर बताई. इसके साथ ही उन्होंने हरीश साल्वे का भी शुक्रिया अदा किया, जिन्होंने आईसीजे में भारत की ओर से पक्ष रखा था. आईसीजे के फैसले पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा, 'आईसीजे का फ़ैसला कुलभूषण जाधव के परिवार और भारतीय को लिए बड़ी राहत. भारत का पक्ष मजबूती से रखने के लिए हरीश साल्वे की आभारी हूं.'

कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान कॉन्सुलर एक्सेस दे

वहीं विएना संधि का हवाला देते हुए कोर्ट ने साफ़-साफ़ शब्दों में कहा कि कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान कॉन्सुलर एक्सेस दे. यह पहले से ही तय था कि आईसीजे में भारत की शुरुआती जीत तय है क्योंकि हरीशल साल्वे ने काफी मजबूती से भारत का पक्ष रखा था. हालांकि यह अंतिम फैसला नहीं है. आईसीजे अपना फाइनल डिसीजन बाद में सुनाएगी. आईसीजे के प्रेसीडेंट ऑफ कोर्ट रॉवी इब्राहिम ने फ़ैसला सुनाया. कुलभूषण जाधव के फैसले की सुनवाई में 11 जजों की पीठ अपना फैसला सुनाएगी.

सुनवाई के दौरान आईसीजे ने कहा...

आईसीजे ने कहा कि कुलभूषण जाधव को आखिरी फैसले तक फांसी न हो पाकिस्तान यह सुनिश्चित करे.

कुलभूषण जाधव को कुछ नहीं होना चाहिए, पाकिस्तान ये गारंटी दे.

आईसीजे ने सुनवाई में यह भी कहा कि कुलभूषण जाधव को राजनयिक पहुंच दी जाए. 

जाधव को गिरफ्तार करना विवादित मसला है. भारत-पाकिस्तान दोनों देश मानते हैं कि कुलभूषण जाधव भारतीय नागरिक है.

भारत को 25 मार्च को गिरफ्तारी की सूचना दी गई थी. भारत और पाकिस्तान दोनों विएना संधि से बंधे हैं.

आईसीजे ने यह भी कहा कि भारत ने विएना संधि के तहत अपील की है. विएना संधि के तहत कुलभूषण जाधव को राजनयिक पहुंच (कांसुलर एक्सेस) मिलना चाहिए था. 

इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) को कुलभूषण जाधव के मामले में सुनवाई का अधिकार है.

आईसीजे ने अपनी सुनवाई में कहा कि पाकिस्तान कुलभूषण जाधव पर अभी कोई कार्रवाई न करे.

आईसीजे ने कहा कि विएना संधि के तहत कुलभूषण जाधव को राजनयिक पहुंच (कांसुलर एक्सेस) न देकर पाकिस्तान ने ग़लत किया.

क्या कर सकता है पाकिस्तान

इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) का फैसला मामने के लिए पाकिस्तान बाध्य नहीं है.

और अगर ऐसा होता है तो भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में अपील कर सकता है.

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मामला जाने के बाद सदस्य राष्ट्र पाकिस्तान को फैसला मानने के लिए बाध्य कर सकते हैं.

हालांकि वहां भी भारत के मामले में चीन वीटो का इस्तेमाल कर अड़ंगा लगा सकती है.  

भारत ने जोरदार तरीके से अपने तर्क पेश किए थे

चार दिन पहले अंतरराष्ट्रीय अदालत ने भारत और पाकिस्तान की दलीलों को सुना था. दोनों पड़ोसी देश इससे पहले 18 साल पूर्व आईसीजे में आमने-सामने थे, जब इस्लामाबाद ने उसके एक नौसैनिक विमान को मार गिराने को लेकर अंतरराष्ट्रीय अदालत की मध्यस्थता की मांग की थी.  भारत ने अपनी दलील रखते हुए मांग की थी कि जाधव की मौत की सजा को तत्काल निलंबित किया जाए. भारत ने आशंका जताई थी कि पाकिस्तान आईसीजे में सुनवाई पूरी होने से पहले जाधव को फांसी दे सकता है. जब आईसीजे ने सुनवाई शुरू की तो भारत ने जोरदार तरीके से अपने तर्क पेश किए थे. 46 वर्षीय पूर्व नौसेना अधिकारी जाधव को पिछले साल तीन मार्च को गिरफ्तार किया गया था. पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने उन्हें जासूसी और विध्वंसक गतिविधियों के आरोपों में मौत की सजा सुनाई. भारत ने जाधव मामले को आठ मई को अंतरराष्ट्रीय अदालत में रखा. 

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